सेरीकल्चर कोर्स कर बनाये करियर [ रेशम कीट पालन ] : यदि आप अपने सामान्य कार्यालयी नौकरी के बजाय एक अद्वितीय व्यवसाय या करियर विकल्प खोज रहे हैं, तो रेशम की पालन (सेरीकल्चर) एक प्रमुख विकल्प हो सकता है। सेरीकल्चर कोर्स करने बाद न केवल अच्छी आमदनी का अवसर होता है बल्कि फैशन उद्योग में रेशम की बढ़ती मांग के चलते इसमें पेशेवरों की भी ज्यादा मांग है। जहाँ आप अच्छी नौकर पा सकते है. इस क्षेत्र में रेशम उत्पादन के माध्यम से अच्छी कमाई संभव है।
भारत रेशम के प्रमुख उत्पादन देशों में दूसरे स्थान पर है और इसका सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। अपैरल उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत में रेशम की अधिक मांग है। इसी कारण सेरीकल्चर अब एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है। रेशम के कीट की पालन को ‘सेरीकल्चर’ या ‘रेशम कीट पालन’ कहा जाता है।
सेरीकल्चर कोर्स सिर्फ कीट पालन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शहतूत की खेती और रेशम के प्रोसेसिंग तकनीक भी शामिल है। चूंकि रेशम कीमती और सीमित मात्रा में है, इसलिए वह विकासशील देशों में उचित रोजगार और विदेशी मुद्रा कमाने का एक प्रमुख साधन है। यह उद्योग शीर्ष आजीविका प्रदान करता है और भारत में इसकी एक मजबूत पारंपरिक बाजार है।
शहतूत रेशम की खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल में की जाती है, जबकि गैर-शहतूत रेशम झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और उत्तर-पूर्वी राज्यों में उत्पादित होता है।
कौन होते हैं सेरिकल्चरिस्ट
सेरीकल्चरिस्ट वे विशेषज्ञ होते हैं जो रेशम कीटों के पालन और उनसे रेशम उत्पादन के पूरे प्रक्रिया में माहिर होते हैं। उनका कार्यक्षेत्र पौधों की पत्तियों पर रेशम के कीड़ों की खेती से लेकर रेशम रेशों के निकालने तक फैला होता है।
सेरीकल्चरिस्ट की जिम्मेदारियों में रेशम के कीड़ों के लिए सही जीवन वातावरण की स्थापना, उन्हें संजीवनी पौधों के साथ पोषित करना, और उनके विकास की निगरानी करना शामिल है। वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि कीटों का सही विकास हो रहा है और उन्हें किसी बीमारी या कीट से सुरक्षित रखा जा रहा है।
सेरीकल्चर कोर्स करने वाले को मुख्य लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के उत्पादन को सुनिश्चित करना है, और वे इसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और प्रयोगिक ज्ञान का संयोजन करके प्राप्त करते हैं। सेरीकल्चरिस्ट अक्सर उद्योग, अनुसंधान संस्थानों, और सरकारी विभागों में काम करते हैं, जहाँ उन्हें नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का अन्वेषण और विकास करने का अवसर मिलता है।
सेरीकल्चर कोर्स करने के बाद यहां मिलेंगे काम करने के मौके
सेरीकल्चर भारत में एक प्रमुख उद्योग है, जो रेशम उत्पादन में योगदान करता है। इस क्षेत्र में काम करने के अनेक मौके हैं और यह विभिन्न प्रकार की नौकरियों और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करता है। यदि आप सेरीकल्चर कोर्स कर सेरीकल्चर में करियर बनाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित अवसर हो सकते हैं:
- सरकारी संगठनों में नौकरी: जैसा कि आपने उल्लेख किया, सेंट्रल सेरीकल्चरल रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, सेंट्रल सिल्क बोर्ड आदि सेरीकल्चर के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान और प्रशिक्षण का कार्य करते हैं।
- अकादमिक और शोध संस्थान: सेरीकल्चर प्रोफेसर या शोधकर्ता के रूप में विभिन्न विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों में अवसर होते हैं।
- निजी संगठन और एजेंसियों: भारत में कई निजी संगठन रेशम उत्पादन में लगे हैं और वे स्थायी और समय-समय पर विशेषज्ञों को रखते हैं।
- स्वरोजगार: सेरीकल्चर की पूर्ण जानकारी के साथ, आप स्वयं रेशम उत्पादन में शामिल हो सकते हैं और इसे एक सफल व्यापार में बदल सकते हैं।
- अन्य संगठन: हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल एवं खादी डिपार्टमेंट और इंडियन सिल्क एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल जैसे संगठन भी सेरीकल्चर के विशेषज्ञों की मांग करते हैं।
हमारी ओर से आपको सलाह है कि अपनी रुचियों और प्रतिभाओं के आधार पर सही संगठन या क्षेत्र का चयन करें।
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सेरीकल्चर कोर्स लिस्ट
सेरीकल्चर से संबंधित प्रमुख कोर्स
- एमएससी सेरीकल्चर
- बीएससी (सेरीकल्चर)
- सर्टिफिकेट कोर्स इन सेरीकल्चर
- पीजी डिप्लोमा इन सेरीकल्चर (मल्बेरी)
- बीएससी सिल्क टेक्नोलॉजी (सेरीकल्चर)
- पीजी डिप्लोमा इन सेरीकल्चर (नॉन-मल्बेरी)
- डिप्लोमा इन सेरीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट
यदि आप सेरीकल्चर में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो निम्नलिखित सेरीकल्चर कोर्स आपके लिए उपयुक्त हो सकता है:
- सर्टिफिकेट कोर्स: 10वीं पास करने के बाद सेरीकल्चर में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स या दो साल का इंटर वोकेशनल कोर्स कर सकते है।
- बैचलर डिग्री: आप बीएससी (सेरीकल्चर) या बीएससी सिल्क टेक्नोलॉजी (सेरीकल्चर) में प्रवेश ले सकते हैं। यह डिग्री आपको सेरीकल्चर और रेशम उत्पादन की मौलिक जानकारी प्रदान करेगी।
- मास्टर डिग्री: बैचलर डिग्री के बाद, आप मास्टर डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं जैसे एमएससी (सेरीकल्चर) या एमटेक (सिल्क टेक्नोलॉजी)। इससे आपके ज्ञान का विस्तार होगा और आपको उच्च स्तर पर अनुसंधान और विकास में काम करने के अवसर मिलेंगे।
- डॉक्टरेट (Ph.D.): यदि आप अनुसंधान में गहराई से जाना चाहते हैं तो पीएचडी प्रोग्राम का विचार कर सकते हैं। इसके जरिए आप किसी विषेष विषय पर गहरा अध्ययन और अनुसंधान कर सकते हैं।
- प्रशिक्षण और अधिक अध्ययन: सेंट्रल सिल्क बोर्ड और अन्य संगठन विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं। आप इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने ज्ञान को और भी मजबूत कर सकते हैं।
- नौकरी और स्वरोजगार: अध्ययन और प्रशिक्षण के बाद, आप विभिन्न संगठनों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं या खुद का व्यापार शुरू कर सकते हैं।
सेरीकल्चर कोर्स के दौरान महत्वपूर्ण यह है कि आप निरंतर अपने ज्ञान को अद्यतित रखें और नए अवसरों का समय-समय पर लाभ उठाएं। आपका उत्साह और प्रतिबद्धता ही आपको इस क्षेत्र में सफलता दिलाएगी।
सेरीकल्चर कोर्स के लिए पात्रता और प्रकिर्या
सेरीकल्चर में पीजी डिप्लोमा कोर्स का संचालन सेंट्रल सिल्क बोर्ड (सीएसबी) द्वारा किया जाता है। यदि किसी को इन सेरीकल्चर कोर्स में प्रवेश लेना है तो उसे निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:
- पात्रता: आमतौर पर, पीजी डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को किसी संबंधित विषय में स्नातक की पढ़ाई की होनी चाहिए। आपको सीएसबी के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी मिल सकती है।
- प्रवेश प्रक्रिया: सीएसबी के पीजी डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए आमतौर पर एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। उम्मीदवारों को इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना होगा ताकि वे चयनित हो सकें।
- फीस और अन्य विवरण: कोर्स की फीस, पाठ्यक्रम, और अन्य जरूरी जानकारियां सीएसबी के वेबसाइट पर उपलब्ध होती हैं।
- सेरीकल्चर कोर्स आवेदन: उम्मीदवार को अपना आवेदन सीएसबी के ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन भरना होगा। आवेदन फॉर्म और अन्य जानकारियां वेबसाइट पर समय-समय पर जारी की जाती हैं।
- फील्ड ट्रेनिंग: कोर्स की अवधि के अंत में उम्मीदवारों को फील्ड ट्रेनिंग की अनिवार्यता होती है, जिसमें उन्हें प्राकृतिक परिस्थितियों में काम करने का अनुभव होता है।
अगर आप सेरीकल्चर कोर्स करना चाहते है तो सीएसबी की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से जांचते रहें ताकि वे प्रवेश प्रक्रिया के अन्य विवरण को न चूकें।
आल्सो
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कितना मिलता है सेरीकल्चर कोर्स के बाद वेतनमान
सेरीकल्चर यानी रेशम उत्पादन के क्षेत्र में आर्थिक संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। निजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां शुरुआत में ही आपको 18 से 20 हजार रूपये का मासिक वेतन प्रदान कर सकती हैं। वहीं, सरकारी क्षेत्र की कंपनियां इससे भी अधिक, अर्थात् 30 हजार रूपये प्रति माह की सलरी देती हैं। यदि आपका मन नौकरी की जगह स्वयं का व्यापार शुरू करने का हो, तो इस क्षेत्र में आप लाखों की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। सरकार भी रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उत्पादकों को प्रोत्साहित करती है, जिसमें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और प्रोजेक्ट की स्थापना जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं।