बिहार सरकार ने राज्य में खड़ी फसलों में तूफान /बाढ़/अतिवृष्टि के कारण प्रभावित फसलों एवं अल्पवृष्टि के कारण कृषि योग्य परती भूमि से किसानों को हुई क्षति की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषि इनपुट अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। यह अनुदान भारत सरकार द्वारा अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं एवं राज्य सरकार द्वारा स्थानीय आपदाओं के अधीन निर्धारित सहाय्य मापदंडों के अनुरूप दिया जायेगा। बिहार कृषि इनपुट अनुदान के ऑनलाइन आवेदन 09:00 बजे सुबह से शाम 6:00 बजे तक ही किया जा सकता है
खरीफ मौसम में बाढ़/अतिवृष्टि के कारण प्रतिवेदित 30 जिलों के 265 प्रखंडों के 3229 पंचायतों में क्षतिग्रस्त फसलों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ किसानों के बैंक खाते में दिया जायेगा।
30 जिलों के 265 प्रभावित प्रखंडों के 3229 पंचायतों में फसल क्षति एवं 17 जिले के 149 प्रखंडों के 2131 पंचायतों मे परती भूमि (UnsownArea) से क्षति प्रतिवेदित है। इन पंचायतों के वैसे किसान जिनकी फसल का नुकसान हुआ है, वे ऑन लाईन आवेदन कर कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ ले सकते हैं।
खरीफ मौसम के लिए चयनित जिले:
3229 प्रतिवेदित पंचायतों वाले 265 प्रभावित प्रखंडों से संबंधित 30 जिलों की सूची
क्रम संख्या | शामिल जिला |
01 | पटना |
02 | नालंदा |
03 | भोजपुर |
04 | बक्सर |
05 | भभुआ |
06 | गया |
07 | जहानाबाद |
08 | सारण |
09 | सिवान |
10 | गोपालगंज |
11 | मुजफ्फरपुर |
12 | पूर्वी चंपारण |
13 | पश्चमी चंपारण |
14 | सीतामढ़ी |
15 | बैशाली |
16 | दरभंगा |
17 | मधुबानी |
18 | सम्सतिपुर |
19 | बेगुसराय |
20 | मुंगेर |
21 | शेखपुरा |
22 | लखीसराय |
23 | खगड़िया |
24 | भागलपुर |
25 | सहरसा |
26 | सुपौल |
27 | मधेपुरा |
28 | पूर्णिया |
29 | अररिया |
30 | कटिहार |
2131 प्रतिवेदित पंचायत वाले 149 प्रभावित प्रखंडों से सम्बंधित 17 जिला की सूची (परती खेती)
क्रम संख्या | शामिल जिला |
01 | नालंदा |
02 | बक्सर |
03 | सारण |
04 | गोपालगंज |
05 | मुजफ्फरपुर |
06 | पूर्वी चंपारण |
07 | पश्चमी चंपारण |
08 | सीतामढ़ी |
09 | वैशाली |
10 | दरभंगा |
11 | मधुबनी |
12 | सम्सतिपुर |
13 | बेगुसराय |
14 | खगड़िया |
15 | सहरसा |
16 | अररिया |
17 | कटिहार |
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कृषि विभाग, बिहार सरकार के वेबसाईट https://state.bihar.gov.in/krishi/CitizenHome.html पर दिये गये लिंक DBT in Agriculture पर या https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर आवेदन करने के लिए 13 अंकों की पंजीकरण संख्या का उपयोग कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रखंडों एवं पंचायतों की सूची डी०बी०टी० पोर्टल पर उपलब्ध है।
कृषि इनपुट अनुदान में दिए जाना वाला राशि
- 12 हजार 20 हेक्टेयर 5 फीट बालू जमा होने पर
- 68 सौ असिंचित क्षेत्र में फसल नष्ट होने पर
- 39 हजार हेक्टेयर जमीन की व्यापक क्षति होने पर
- 13 हजार 500 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में फसल नष्ट होने पर
- 18 हजार प्रति हेक्टेयर पेरेनियल (सलान) फसल में
बाढ़/अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए निम्नांकित दर से अनुदान देय होगा
- वर्षाश्रित (असिंचित) फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रूपये प्रति हेक्टेयर।
- सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रूपये प्रति हेक्टेयर।
- शाश्वत (पेरेनियल) फसलों के लिए 18,000 रू० प्रति हेक्टेयर।
- कृषि योग्य भूमि का डिसिल्टिंग (जहाँ बालू/सिल्ट का जमाव 3 ईंच से अधिक हो) के लिए 12,200 रू० प्रति हेक्टेयर।
यह अनुदान प्रति किसान अधिकत्तम दो हेक्टेयर के लिए ही देय होगा, किसानों को इस योजना के अन्तर्गत फसल क्षेत्र के लिए न्यूनत्तम 1,000 रूपये तथा शाश्वत (पेरेनियल) फसल क्षेत्र के लिए न्यूनत्तम 2,000 रूपये अनुदान देय है।
कृषि इनपुट अनुदान के लिए जरुरी बातें
- चयनित सभी प्रखंडों के किसान भाई-बहनों के लिए कृषि इनपुट अनुदान हेतु आवेदन की सुविधा
- आवेदन सबमिट होने के बाद यदि आवेदन में कोई भी त्रुटि हो तो, त्रुटि का बदलाव 48 घंटे के अंदर कर लें, अन्यथा आवेदन उसी रूप में 48 घंटे के बाद संबन्धित कृषि समन्वयक को जांच हेतु अग्रसारित हो जायेगा और संबन्धित त्रुटि में कोई भी बदलाव संभव नहीं होगा।
- असामयिक वर्षापात/ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के लिए निम्नांकित दर से कृषि इनपुट अनुदान देय होगा
- वर्षाश्रित (असिंचित) फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रूपये प्रति हेक्टेयर ।
- सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रूपये प्रति हेक्टेयर।
- यह अनुदान प्रति किसान अधिकत्तम दो हेक्टेयर (494 डिसिमिल भूमि ) के लिए ही देय होगा, किसानों को इस योजना के अन्तर्गत फसल क्षेत्र के लिए न्यूनत्तम 1,000 रू० अनुदान देय है।
- किसान का प्रकार; स्वयं भू-धारी होने की स्थिति मे भूमि के दस्तावेज़ के लिए (एलपीसी/जमीन रसीद/वंशावली/जमाबंदी/विक्रय-पत्र)
- वास्तविक खेतिहर के स्थिति में स्व-घोषणा प्रमाण पत्र
- वास्तविक खेतिहर + स्वयं भू-धारी के स्थिति में भूमि के दस्तावेज़ के साथ-साथ स्व-घोषणा पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।
कृषि इनपुट अनुदान स्व-घोषणा पत्र डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करे
कृषि इनपुट अनुदान के लिए ऑनलाइन अप्लाई
इस योजना का लाभ ऑनलाईन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा। जो किसान पूर्व से पंजीकृत नहीं हैं, वे कृषि विभाग, बिहार सरकार के वेबसाईट http://www.krishi.bih.nic.in पर दिये गये लिंक DBT in Agriculture पर या https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर लॉग-ईन कर अपना पंजीकरण अवश्य करा लें। किसान अपना डी०बी०टी० पंजीकरण अपने नजदीकी कॉमन सर्विस केंद्र/वसुधा केंद्र/ई-किसान भवन से निःशुल्क करा सकते हैं।
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वैसे किसान, जो पूर्व से https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर पंजीकृत हैं, उन्हें पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, वे सीधे “बाढ़/अतिवृष्टि के कारण प्रभावित फसलों एवं अल्पवृष्टि के कारण कृषि योग्य परती भूमि के लिए “कृषि इनपुट अनुदान योजना” https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
अनुदान आवेदन के लिए 13 अंकों का पंजीकरण संख्या भरना अनिवार्य होगा। सही पंजीकरण संख्या अंकित करने की स्थिति में आवेदक को पंजीकरण विवरणी के साथ-साथ आवेदन प्रपत्र “डिस्प्ले किया जाएगा।
अनुदान की राशि आधार से जुड़े बैंक खाते में ही अंतरित की जायेगी। अगर बैंक खाता आधार संख्या से जुड़ा नहीं होगा, तो वैसे किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
किसान स्वयं अपने मोबाईल/लैपटॉप से या नजदीकी कॉमन सर्विस सेन्टर/कम्प्यूटर सेन्टर/वसुधा केन्द्र से डी०बी०टी० पंजीकरण एवं अनुदान के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
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कृषि इनपुट अनुदान हेतु ऑनलाईन आवेदन निम्न प्रकार करने के लिए किसान स्वतंत्र हैं
- किसान अपने मोबाईल/लैपटॉप से कर सकते हैं- निःशुल्क।
- प्रखंड स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क करा सकते हैं।
- कॉमन सर्विस केंद्र/वसुधा केंद्र पर 10 रू० शुल्क का भुगतान कर करा सकते हैं।
- अन्य किसी कम्प्यूटर सेन्टर से अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेन्टर के टॉल फ्री नं0 18001801551 पर सम्पर्क कर सकते हैं। खरीफ में प्रभावित किसान भाई/बहन से अनुरोध है कि सरकार की इस योजना का अधिक-से-अधिक लाभ उठायें
कृषि इनपुट अनुदान के सभी स्टेप देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखे और और लेटेस्ट वीडियो देखने के लिए हमारा YouTube चैनल Subscribe जरूर करे , अगर कृषि इनपुट अनुदान से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे | हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे।
बिहार कृषि इनपुट के अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेन्टर के टॉल फ्री नं. 18001801551 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
इनपुट अनुदान के लिए अपडेट रसीद जरूरी नहीं
भूमि लगान रसीद राज्य सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान के लिए अद्यतन भूमि लगान रसीद की अनिवार्यता खत्म कर दी। साथ ही इस आधार पर जिन किसानों के आवेदन रद कर दिये गये हैं उनपर फिर से विचार किया जाएगा। कृषि व सहकारिता मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने बुधवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहाकि खरीफ में आई बाढ़ के कारण राज्य के 17 जिलों में हुई फसल क्षति की भरपाई करने हेतु किसानों को कृषि इनपुट अनुदान दिया जाना है। इसके लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिये गये हैं।
- कृषि मंत्री ने रद्द आवेदनों का फिर सत्यापन करने का दिया आदेश
- फसल क्षति की भरपाई के लिए किसानों को कृषि इनपुट अनुदान दिया जाना है
आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के क्रम में कई जिलों के किसानों से ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं कि उनके पास भूमि का अद्यतन लगान रसीद नहीं रहने के कारण उनके आवेदन को अस्वीकृत कियाजा रहा है। इसपर विचार के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कृषि इनपुट अनुदान के लिए वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 के भूमि लगान रसीद की अनिवार्यता नहीं होगी। मात्र भूमि रसीद की जांच आवश्यक होगी।
आवेदन का फिर से सत्यापन
मंत्री ने कहा कि इस संबंध में विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अद्यतन भमि लगान रसीद के आधार पर जिन किसानों का आवेदन अस्वीकृत किया गया है, उन किसानों के आवेदन का फिर से सत्यापन होगा। अद्यतन भूमि लगान रसीद के आधार पर किसी भी किसान का आवेदन अस्वीकृत नहीं किया जायेगा। राज्य में बाढ़ से लगभग साढ़े चार लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल का नुकसान हुआ था। लिहाजा, बाढ़ से प्रभावित किसानों को लगभग पांच सौ करोड़ रुपये का भुगतान कृषि इनपुट अनुदान के रूप में किया जाना है।
आपदा प्रबंधन विभाग उन्हीं किसानों को इनपुट अनुदान देता है जिनके उत्पादन में कम से कम 33 प्रतिशत का नुकसान होने का अनुमान हो।