बिहार जमीन सर्वे 2023 में विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान रैयतों से स्वघोषणा व वंशावली ऑनलाइन ली जाएगी। पूर्व में यह अमीनों के माध्यम से ली जाती रही है। लेकिन इसमें होने वाली परेशानी को देखते हुए भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने अब ऑनलाइन ही स्वघोषणा व वंशावली लेने का निर्णय लिया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने मंगलवार को बताया कि विशेष सर्वेक्षण कार्य में रैयतों से प्राप्त होनेवाली स्वघोषणा एवं वंशावली की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाएगा एवं स्वघोषणा एवं वंशावली को ऑनलाइन प्राप्त करने की सुविधा बहाल की जाएगी। वैसे रैयत जो बिहार से बाहर रहते हैं, उनसे भूमि आदि की विवरणी प्राप्त करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मंत्री श्री कुमार ने कहा कि जिन जिलों में बिहार जमीन सर्वे 2023 भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है वहां के कामकी लगातार निगरानी की जा रही है। कार्यरत विशेष सर्वेक्षण शिविरों का सतत निगरानी करने के लिए पदाधिकारियों को लगातार शिविरों एवं ग्रामों में भेजा जाता है एवं विशेष सर्वेक्षण कार्य का फीडबैक प्राप्त किया जाता है।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनके द्वारा शेखपुरा जिले के घाट कुसुम्बा शिविर का दौरा किया गया और प्रगति की स्थल पर जाकर समीक्षा की गई। बुधवार व गुरुवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह द्वारा नालंदा जाकर और शिविर भ्रमण करके जमीनीप्रगतिका जायजा लिया जाएगा। दोनों जिलों में तेजी से काम हो रहा है और कई गांवों में जल्द ही एलपीएम का पर्चा बांटा जानेवाला है।
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बिहार भूमि सर्वेक्षण 2023 -पैतृक संपत्ति के लिए वंशावली जरुरी
जानकारी के अनुसार भूमि सर्वेक्षण में स्वघोषणा एवं वंशावली का काफी महत्व है। पैतृक संपत्ति के बारे में जानकारी के लिए रैयत के वंशावली की जरूरत होती है जबकि स्वघोषणा के जरिए रैयत अपने द्वारा धारित भूमि के बारे में सरकार को जानकारी देता है। सर्वेक्षण का काम शुरू होने पर अमीन द्वारा सबसे पहले इससे संबंधित जानकारी इकट्ठा की जाती है। ऑनलाइन की सुविधा मिलने से राज्य से बाहर रहनेवाले लोगों को काफी सुविधा होगी।
20 जिलों के 90 अंचलों में 208 शिविर बनाए गए मंत्री ने विशेष सर्वेक्षण प्रक्रिया में त्रि-सीमाना एवं ग्राम सीमा पर लगाए जाने वाले पिलरों के निर्माण में पिलर की मजबूती पर ध्यान देने का निर्देश दिया। बताया कि विशेष सर्वेक्षण एवं बन्दोबस्त प्रक्रिया से आम जनता को अवगत कराने के लिए स्थानीय ग्राम स्तर पर माइकिंग कराने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। भूमि सर्वेक्षण के लिए राज्य में फिलहाल 20 जिलों के 90 अंचलों में 208 शिविर बनाए गए है।
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