बिहार राज्य फसल सहायता योजना: बिहार सरकार के द्वारा खरीफ फसल के लिए बिहार राज्य फसल सहायता योजना 2022 के अंतर्गत आवेदन लेना शुरू कर दिया है जिससे फसल नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक सहायता दिया जा सके. प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई बार फसल का नुकसान हो जाता है ऐसे में किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इस नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना (Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana) के अंतर्गत आर्थिक सहायता राशि दिया जाता है
आज मैं आपको इस पोस्ट में बताने जा रहा हूँ की बिहार राज्य फसल सहायता योजना सहकारिता विभाग क्या है बिहार राज्य फसल सहायता योजना एवं अधिप्राप्ति हेतु निबंधन कैसे करते है फसल सहायता योजना बिहार सरकार के क्या लाभ है और बिहार फसल सहायता योजना ऑनलाइन के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करते है अगर आप Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana से जुड़े सभी जानकारी जानना चाहते है तो आप नीचे दिए गया जानकारी को ध्यान से पढ़े।
Bihar Fasal Bima Yojana | बिहार राज्य फसल सहायता योजना 2023
धान, मक्का और सोयाबीन के लिए किसानों का निबंधन शुरू हो गया है। निबंधन के बाद ही कोई किसान नुकसान होने पर सहायता के लिए पात्र होगा। सोयाबीन के लिए मात्र तीन जिलों के किसान ही आवेदन कर सकते हैं। सरकार का मानना है कि इसकी खेती बेगूसराय, समस्तीपुर और खगड़िया जिले में ही होती है। मक्का के लिए राज्य के सभी जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं, लेकिन धान के लिए राज्य के सात प्रखंडों के किसानों को वंचित रखा गया है। भागलपुर जिले के नवगछिया, बिहपुर, गोपालपुर, नारायणपर, इस्माइलपर. रंगराचौक और खरीक प्रखंड के किसानों को धान से वंचित रखा गया है। इसके अलावा सभी 38 जिलों के 527 प्रखंड के किसान निबंधन करा सकते हैं।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का उदेश्य
इस बिहार राज्य फसल सहायता योजना का मूल उद्देश्य फसलों के उत्पादन में हास की परिस्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए उन्हें अगली फसल के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करना, प्रतिकूल परिस्थितियों में किसानों की आय में निरंतरता बनाए रखना तथा किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करते हुए राज्य में कृषि को लाभप्रद व्यवसाय के रूप में विकसित करना है।
खरीफ फसल सहायता में दिए जाना वाला लाभ
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana बिहार राज्य फसल सहायता योजना 2022 के अंतर्गत 20% तक फसल नुकसान होने पर आर्थिक सहायता के रूप में किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹7500 दिया जायेगा वही अगर 20% से अधिक फसल नुकसान होगा तो प्रति हेक्टेयर ₹10000 आवेदन करने वाले किसानो के बैंक खाता में सीधे DBT के माध्यम से दिया जाता है। Bihar Fasal Sahayata Yojana 2021 का लाभ लेने के लिए किसानो को सहकारिता विभाग के वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
बिहार राज्य फसल सहायता 2021 में दिए जाना वाला लाभ | |
अनुमानित क्षति 20% से कम होने पर | 7500 रू प्रति हेक्टेयर |
अनुमानित क्षति 20% से ज्यादा होने पर | 10000 रू प्रति हेक्टेयर |
रेयत किसान खरीफ 2022 में ऑनलाईन आवेदन/निबंधन के लिए आवश्यक दस्तावेजः
- आधार संख्या (पंजीकरण के लिए)।
- OTP के लिए आधार रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर।
- बैंक खाता का विवरण आधार सम्बद्ध – (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना चाहिए)।
- जमीन का रसीद /अद्यतन भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र (31 मार्च 2021 के पश्चात् निर्गत) – (1 MB से कम होना चाहिए)।
- स्व-घोषणा-पत्र – (चयनित फसल एवं बुआई का रकबा का सही और पूर्ण विवरण)।
- आवेदक का फोटो- (50 kB से कम होना चाहिए )।
गैर-रेयतकिसान खरीफ 2022 में ऑनलाईन आवेदन/निबंधन के लिए आवश्यक दस्तावेजः
- पंजीकरण के लिए आधार संख्या।
- OTP के लिए आधार रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर ()।
- आधार सम्बद्ध बैंक खाता का विवरण- (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना चाहिए)।
- स्व-घोषणा-पत्र – (चयनित फसल एवं बुआई का रकबा का सही और पूर्ण विवरण)।
- आवेदक का फोटो- (50 kB से कम होना चाहिए )।
- स्व-घोषणा-पत्र (वार्ड सदस्य/कृषि सलाहकार द्वारा सत्यापित)। सिर्फ गैर-रैयत किसान के लिए।
- एक परिवार से एक ही आवेदन मान्य।
फसल सहायता योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- ऑनलाईन निबंधन की सुविधा।
- सभी रैयत एवं गैर रैयत किसानों के लिए।
- निःशुल्क निबंधन एवं पंजीकरण प्रक्रिया।
- सभी प्रमुख रबी फसलें सम्मिलित।
- रैयत, गैर-रैयत अथवा दोनों श्रेणी में पंजीकरण/आवेदन की सुविधा।
- एक फसल से ज्यादा फसलों के चयन की सुविधा ।
- लाभ अधिकतम 2 हेक्टेयर प्रति किसान।
- सहायता राशि का निर्धारण फसल कटनी प्रयोग के फलाफल के आधार पर।
31 जुलाई से पहले निबंधन करना होगा, तभी मिलेगी मदद
इच्छुक किसानों को ऑनलाइन पोर्टल पर निबंधन कराना अनिवार्य होगा। इसी निबंधन को आवेदन माना जाएगा। जो किसान ऑनलाइन निबंधन नहीं करा पाएंगे, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। रैयत एवं गैर रैयत किसान दोनों निबंधन करा सकते हैं। गैर रैयत श्रेणी में प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को ही इसका लाभ मिलेगा। मुआवजे की राशि के लिए किसानों को दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। राशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
Bihar Fasal Bima Yojana Important Point
योजना का नाम | बिहार राज्य फसल सहायता योजना |
योजना का प्रकार | राज्य की योजना |
उद्देश्य | फसलों में हुआ नुकसान की भरपाई के लिए |
विभाग | सहकारिता विभाग बिहार |
लाभार्थी | बिहार राज्य के किसान |
सहायता राशि | 7500 से 10,000 |
ऑनलाइन आवेदन की आरंभ तिथि | आरंभ है |
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि | 31 जुलाई |
आधिकारिक वेबसाइट | pacsonline.bih.nic.in |
खरीफ फसल 2022 में ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया
सहकारिता विभाग के विभागीय पोर्टल https://state.bihar.gov.in/cooperative पर बिहार राज्य फसल सहायता योजना मे आवेदक निबंधन करा सकते है।। बिहार राज्य फसल सहायता योजना 2021 में आवेदन करने के लिये आपके पास कृषि विभाग का निबंधन संख्या का होना अनिवार्य है। कृषि विभाग में निबंधन कराने हेतु नीचे लिखे निर्देशों का पालन करें। अगर आपके पास कृषि विभाग का निबंधन संख्या नहीं है तो नीचे दिए गए वीडियो को देखे या वीडियो के नीचे लिखे निर्देशों का पालन करें।
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सहकारिता विभाग के विभागीय पोर्टल https://pacsonline.bih.nic.in/ पर दिए गए “बिहार राज्य फसल सहायता योजना में आवेदन देने हेतु निबंधन / आवेदन हेतु यहाँ क्लिक करें तथा प्रदर्शित विंडो पर “कृषि विभाग में किसान निबंधन के लिए यहाँ क्लिक करें ! । प्रदर्शित विंडो पर पूछे गये प्रश्नों का उत्तर देते हुए क्रमशः आगे बढ़े। निबंधन संख्या (लिख कर रख लें) प्राप्त होने के उपरांत पुनः सहकारिता विभाग के विभागीय पोर्टल (https://pacsonline.bih.nic.in/) पर दिए गए बिहार राज्य फसल सहायता योजना में आवेदन देने हेतु निबंधन के लिंक पर क्लिक करें।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का पासवर्ड पाने के लिए “पासवर्ड” पाने के लिए यहाँ क्लिक करें। प्रदर्शित विंडो में कृषि विभाग द्वारा आवंटित निबंधन संख्या की प्रविष्टि कर “Search ” पर बटन पर क्लिक करने के उपरांत प्रदर्शित विंडों में निबंधन के समय दी गई सूचनाएं स्वतः प्रदर्शित होगी तथा कुछ अन्य सूचनाएं यथा वार्ड नंबर, राजस्व गांव को चुन कर किसान का नाम, पिता/पति का नाम हिंदी में प्रविष्ट करें (अंग्रेजी में टाइप करें, स्वत: यह हिंदी में परिवर्तित हो जायेगा) श्रेणी को चुनें तथा मोबाईल नंबर की प्रविष्टि करें और अपने याद होने योग्य एक पासवर्ड बना ले इसे कन्फर्म कर प्रदर्शित अक्षरों को नीचे बने बॉक्स में उसकी प्रविष्टि कर “सुरक्षित करें” बटन पर क्लिक करें।
सहयता राशि प्राप्त करने के लिए बैंक खाता अपडेट करे
अब एक नया पेज खुलेगा जिसमें किसान का प्रकार (रैयत / गैर रैयत), बैंक का नाम, शाखा का नाम बैंक का IFSC कोड तथा खाता संख्या को सावधानी पूर्वक प्रविष्ट कर Update बटन पर क्लिक करें।
आपके सामने एक नया पेज खुलेगा इसमें मौसम (खरीफ) तथा फसल (धान एवं मकई में से एक) का चयन करें तथा खाता सं० खेसरा सं० कुल रकवा (डीसिमील में) रैयत किसान एल० पी०सी० के अनुसार तथा गैर रैयत किसान स्वघोषणा के अनुसार) तथा कुल रकवा (डीसिमील में) जिसमें चयनित फसल की बुआई की गई है, की प्रविष्टि कर Update बटन पर क्लिक करें।
एक बार फिर से आपके सामने पुनः एक नया पेज खुलेगा, इसमें आवेदक का फोटो, पासबुक के प्रथम पृष्ट की प्रति, आवेदक का पहचान पत्र तथा आवासीय प्रमाण-पत्र को आवेदन में एक-एक कर अपलोड करें तथा Next बटन पर क्लिक करें।
अब एक नया पेज खुलेगा इसमें रैयत कृषक के लिए भू-सवामित्व का प्रमाण-पत्र और स्वघोषणा पत्र एवं गैर-रैयत कृषक के लिए केवल स्वघोषणा पत्र का चयन Upload कर बटन पर क्लिक करें ( दोनों प्रकार के कृषकों के लिए स्व-घोषणा प्रमाण-पत्र पोर्टल के होम पेज (मुख्य पेज) में दिए गए लिंक पर क्लिक कर प्रिंट कर लें)।
पुन: एक नया पेज खुलेगा जिसमें आवेदक कृषक द्वारा योजना में शामिल होने के उपर्युक्त प्रक्रिया को पुन: दोहराएँ। अगर सब सही हो तो पर Get OTP For Finalize क्लिक करें। अब आपके निर्वाधित मोबाईल पर एक OTP प्रेषित होगा, OTP की प्रविष्टि प्रदर्शित विंडो में कर Submit बटन को क्लिक करें। अब पुन: एक नया पेज खुलेगा इसमें प्रदर्शित छोटे बॉक्स में क्लिक कर Submit बटन पर क्लिक करें तथा Go to Home Page पर क्लिक करें, यहाँ आपको एक लिंक दिखाई दंगा जिस पर क्लिक कर आप पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन-पत्र का प्रिंट ले सकते हैं।
Fasal Sahayata yojana helpline number
ऑनलाईन आवेदन भरने में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर आप अपने जिले के जिला सहकारिता पदाधिकारी अथवा अपने प्रखंड के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी अथवा प्रखंड में कार्यरत सहकारिता विभाग के कार्यपालक सहायक से अथवा टॉल फ्री नंबर 18003456290 अथवा सहकारिता विभाग नियंत्रण कक्ष के दूरभाष (0612-2200593) पर सम्पर्क कर सकते हैं।
फसल सहायता राशि की गणना
इस योजना के तहत् अनुमान्य सहायता राशि फसल कटनी प्रयोग के फलाफल पर आधारित फसल उत्पादन में हुए हास के लिए प्रदान होनी है। फसल अवधि के दौरान हुए नुकसान अथवा सम्भावित नुकसान से फसल को बचाने हेतु आपदा प्रबंधन के तहत् संचालित कृषि इनपुट अनुदान योजना अथवा डीजल सब्सिडी योजना से यह योजना सम्बद्ध नहीं होगी तथा इस योजना का लाभ उक्त दोनों योजना के तहत् लाभान्वित किसानों को भी अनुमान्य होगा।
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा फसल कटनी प्रयोगों के सम्पादन का सही-सही प्रबंधन, तद्नुसार आँकड़ों की प्रविष्टि, वास्तविक उपज दर निर्धारण एवं ऐशहोल्ड उपज दर की गणना हेतु पूर्व वर्षों के उपज दर के आँकड़ों की प्रविष्टियों की शुद्धता सुनिश्चित करायी जाएगी।
जिलास्तरीय समन्वय समिति द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा के साथ-साथ फसल कटनी प्रयोगों के सम्पादन का सही-सही प्रबंधन, आँकड़ों की प्रविष्टियों की शुद्धता, उपज दर निर्धारण आदि की भी समीक्षा की जाएगी तथा अनापेक्षित फलाफल की स्थिति में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा की गई कार्रवाइयों के आलोक में यथा आवश्यक निर्देश दिया जा सकेगा।
इस योजना में सहायता राशि की अनुमान्यता अथवा भुगतान संबंधी विवादों के निपटारा हेतु जिला स्तर पर गठित जिलास्तरीय समन्वय समिति सक्षम होगी।
योजना का प्रचार-प्रसार दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से विज्ञापन प्रकाशित कराते हुए, टेलीविजन के माध्यम से तथा क्षेत्रीय स्तर पर कार्यशाला एवं बैठक आयोजित कराते हुए व्यापक रूप से किया जाएगा। साथ ही, पंचायत स्तर पर पैक्सों के द्वारा बैठक / गोष्ठी आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जा सकेगा।
फसल सहायता योजना में आठ फसलों के लिए किसानों को मिलेगी सहायता राशि
बिहार राज्य फसल सहायता योजना में सहकारिता विभाग की ओर से रबी फसल के लिए सहायता राशि दी जायेगी. इसके लिए किसानों को सहकारिता विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. विभाग की ओर से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन चल रहा है. अलग-अलग फसलों के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए तिथि निर्धारित की गयी है.
जिन फसलों के लिए Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana सहायता राशि दी जायेगी, उनमें गेहूं, मक्का , चना, मसूर, अरहर, ईख, प्याज व आलू शामिल है. इस योजना का लाभ सभी रैयत और गैर रैयत किसानों को मिलेगा. 20 प्रतिशत की क्षति होने पर 75 सौ रुपये प्रति हेक्टेयर और 20 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता राशि मिलेगी.
किसानों को एक से अधिक फसलों के चयन की सुविधा मिलेगी. सहायता राशि का निर्धारण फसल कटनी के आधार पर निर्धारण किया जायेगा. नगर पंचायत और नगर परिषद के किसान भी इस योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. रैयत और गैर रैयत किसानों को मिलेगा लाभ फसल रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि फसल रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि
फसल का नाम | निबंधन कराने की अंतिम तिथि |
गेहूँ | – |
मक्का | – |
चना | – |
मसूर | – |
अरहर | – |
राई-सरसों | – |
ईख | – |
प्याज | – |
आलू | – |
फसल सहायता योजना परिवार से एक ही आवेदन होगा मान्य
विभाग की ओर से Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana गाइडलाइन जारी किया गया है. इसमें गैर रैयत किसानों के लिए आधार संख्या (रजिस्ट्रेशन के लिए), आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर (ओटीपी के लिए), आधार से लिंक बैंक खाता, स्व घोषणा पत्र (वार्ड सदस्य, किसान सलाहकार द्वारा सत्यापित), आवेदक का फोटो, परिवार से एक ही आवेदन मान्य होगा.
बाढ़ के कारण फसल न हीं लग पाई तोभी मुआवजा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बाढ़ के कारण जहां पर किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी. उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। इस बाबत उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां फसल नहीं लगी उसे भी क्षति मानते हुए उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध कराएं। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आकलन कर उन्हें सहायता पहुंचाएं।
जहां फसल नहीं लगी उसे भी क्षति मानते हुए उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध कराएं। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आकलन कर उन्हें सहायता पहुंचाएं। -नीतीश कुमार, सीएम
एक भी आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहेगा
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आकलन करें। ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे, यह सनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूरा आकलन कर लें। इसके बाद जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर डीएम के साथ बैठक कर इसे अंतिम रूप दें।
बिहार में बाढ़ से 6.64 लाख हेक्टेयर फसल की हुई क्षति
बिहार सरकार के द्वारा बाढ़ से हुए किसानो को फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana के तहत 902.08 करोड़ रुपए की मंजूर दिए गए हैं। इसके अलवा बाढ़ व जल जमाव से परती रह गई भूमि के लिए 96 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मंजूर किये गए है बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार के द्वारा ट्वीट कर जानकारी दी गई जो इस प्रकार है
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana में मॉनसून 2021 – बाढ़ के दौरान की गई कार्रवाई
- इस वर्ष मॉनसून अवधि के दौरान राज्य में चार चरणों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। बाढ़ से कुल 31 जिले के कुल 294 प्रखण्डों में लगभग 79.31 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
- बाढ़ पीड़ित परिवारों के सहायतार्थ कुल 88 बाढ़ राहत शिविर संचालित किये गये। इसके अतिरिक्त 1956 सामुदायिक रसोईयों का भी संचालन किया गया है, जिसके माध्यम से दिन-रात मिलाकर लगभग 2 करोड़ 10 लाख लोगों (थाली की संख्या) को भोजन कराया गया है।
- बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य के लिए 19 एन0डी0आर0एफ0 तथा 17 एस0डी0आर0एफ0 टीमों को लगाया गया।
- आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief) राशि का भुगतान : अबतक 14,46,377 बाढ़ प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (GR) की राशि के रूप में प्रति परिवार रु0 6000/- की दर से कुल रु0 867.83 करोड़ (आठ सौ सड़सठ करोड़ तेरासी लाख) की राशि के भुगतान की कार्रवाई की गई है तथा शेष बचे हुए लगभग 150000 परिवारों में से योग्य परिवारों को भी जाँचोपरान्त आनुग्रहिक राशि (GR) का भुगतान 25 अक्टूबर 2021 तक कर दिया जाएगा।
- अनुग्रह अनुदान का भुगतान : बाढ़ से मृत 60 व्यक्तियों के निकटम संबंधियों को 4.00 लाख रू0 प्रति मृतक की दर से कुल 2.40 करोड़ रु0 का भुगतान कर दिया गया है।
बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान का भुगतान :
कृषि विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के अनसार बाढ़ से विभिन्न जिलों के अंतर्गत लगभग 6.64 लाख हेक्टेयर में लगी फसल क्षतिग्रस्त हुई है। प्रभावित कृषको को कृषि इनपुट अनुदान के भुगतान के लिए 902.08 करोड़ रु० की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गयी है। खरीफ 2021 में परती भूमि से हुए नुकसान के लिए कृषि इनपुट अनुदान का भुगतान : बाढ़ एवं जल-जमाव के फलस्वरूप फसल नहीं लगने के कारण 1.41 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि परती रह गयी है। संबंधित किसानों को कृषि इनपुट सब्सिडी के भुगतान के लिए 96.03 करोड़ रु0 की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा दी गयी है। पशु चिकित्सा एवं पशु चारा की व्यवस्था : बाढ़ से प्रभावित पशुओं के लिए दवा एवं चारा की समुचित व्यवस्था की गई। साथ ही 95 मृत पशुओं के मालिकों को अनुग्रह अनुदान के रूप में कुल 28.40 लाख रु0 का भुगतान किया गया।
क्षतिग्रस्त बांधों की मरम्मति हेतु जल संसाधन विभाग को उपलब्ध करायी गई राशि : इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जल संसाधन विभाग को 300 करोड़ रु0 की राशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त भी जल संसाधन विभाग द्वारा 283 करोड़ रु0 का बाढ़ निरोधक कार्य कराया है। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति : बाढ़ से विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर सड़क क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति का कार्य कराया जा रहा है। विभिन्न विभागों से प्रारंभिक आकलन के आधार पर प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में एक ज्ञापन (Memorandum) तैयार कर गृह मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया है।
पुनः अंतिम प्रतिवेदन के आलोक में संशोधित ज्ञापन (Memorandum) तैयार कर भेजा जाएगा।