jamin ka batwara 2023: बिहार में किसी भी परिवार के jamin ka batwara अब बहुमत के आधार पर भी हो सकता है। मतलब अगर 5 भाई है तो उसमे से 3 अगर बटवारा के लिए राजी होगा तो इस आधार पर किया गया jamin ka batwara मान्य होगा। इसके लिए परिवार में सर्वसम्मति बनाने की जरूरत नहीं होगी। कानूनी बंटवारे में तो यह व्यवस्था पहले से है लेकिन सरकार अब खानगी (पंचायत आधारित) बंटवारे में यह व्यवस्था करने जा रही है। लेकिन शर्त यही होगी कि पंचों में पंचायत प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर होना जरूरी होगा। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा जमीन संबंधी विवादों को कम करने के लिए रोज नया प्रयोग किया जा रहा है।
नई व्यवस्था में अगर पांच में से तीन भाई चाहेंगे तो jamin ka batwara मान्य होगा। लेकिन किसी की हकमारी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए पंचायत के लिए गठित समिति में मुखिया, हारे हुए मुखिया प्रत्याशी और वार्ड सदस्य का होना जरूरी होगा। पंचों के साथ तीन भाई (आधे से अधिक हिस्सेदार) भी पंचनामा पर हस्ताक्षर करेंगे तो राजस्व व भूमि सुधार विभाग पूरी जमीन का शिड्यूल के अनुसार सभी भाइयों के नाम अलग-अलग जमाबंदी कायम कर देगा। बंटवारे की इस प्रक्रिया को कानूनी मान्यता पहले से ही है।
- परिवार का कोई सदस्य दूसरे को हिस्सा लेने से रोक नहीं सकेगा
- पंचायत प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर जरूरी होगा बंटवारे के दस्तावेज पर
- विवाद कम करने को सरकार बनाने जा रही है नई व्यवस्था
दस्तावजों के डिजिटाइजेशन का बड़ा प्रयोग तेजी से चल रहा है। इसी के साथ अंचलों में नए रिकार्ड रूम भी बनाये जा रहे हैं। म्यूटेशन की व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। अब नया भूमि सुधार विभाग करने जा रहा है।
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jamin ka batwara बनता है विवाद का कारण
बिहार में jamin ka batwara विवाद का बड़ा कारण बनता है। पांच भइयों के परिवार में तीन या चार गांव से बाहर किसी शहर में नौकरी करते हैं तो सारी जोत एक भाई के जिम्मे होती है, जो गांव में रहते हैं। ऐसे में जब बंटवारे की बात आती है तो गांव में पूरा खेत जोतने वाले कई बार भाई अडंगा लगा देते हैं। उसके बाद अन्य भाइयों के पास दो ही विकल्प है, या तो वे कोर्ट जाएं या फिर किसी प्रकार से सर्वसम्मति बनायें। कोर्ट की प्रक्रिया लंबी है और सर्वसम्मति बनना संभव नहीं है।
सरकार ने निबंधन की व्यवस्था की सरकार चाहती है कि जमीन के सारे रिकार्ड अपडेट हो जाएं। साथ में राज्य के सभी भूखंड नई पीढी के वारिशों के नाम हो जाए। इसके लिए सरकार ने सौ रुपये में jamin ka batwara निबंधन की व्यवस्था की। पंचायती से jamin ka batwara (खानगी) की कानूनी मान्यता पहले से ही है। लेकिन दोनों व्यवस्था निबंधन और राजस्व अधिकारियों के पेच में फंसी है। कहीं कानूनी हक को लेकर बात नहीं बनती है तो कहीं सर्वसम्मति नहीं बनने के कारण मामला फंसता है। ऐसी समस्याओं के निराकरण में सरकार की नई पहल काम आएगी।
– राजस्व विभाग बंटवारे की ) नई व्यवस्था करेगा। इसपर अभी विचार चल रहा है। जल्द ही फूलप्रूफ व्यवस्था होगी। परिवार में बहुमत अगर jamin ka batwara के पक्ष में होगा तो कोई एक सदस्य इसे रोक नहीं हो सकेगा।
राम सूरत कुमार, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
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