जमीन रिकॉर्ड बिहार : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार के द्वारा लोगो की सुविधा के लिए Bihar bhumi नाम से नया वेबसाइट जारी किया है इस वेबसाइट के माद्यम से लोग अपने जमीन से जुड़े सभी तरह की जानकारी ले सकते है.
इस Bihar bhum वेबसाइट से दस्तावेज, खतियान (land record khatiyan bihar) या भूमि से जुड़े किसी भी तरह की जमीन रिकॉर्ड (bihar land record jamabandi) की जानकारी देख और निकाल सकते है। बिहार के सभी प्रॉपर्टी के जमीन रिकॉर्ड, जमाबंदी भूलेख आदि को इस वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है जिससे लोग घर बैठे आसानी से मोबाइल, कम्प्यूटर या लैपटॉप की मदद से निकाल सकते है साथ ही डाउनलोड भी कर सकते है।
Bihar Bhumi के इस वेबसाइट से खतियान, दतावेज, जमीन का नक्सा, जमाबंदी भूलेख, आदि जमीन रिकॉर्ड देख सकते है राजस्व विभाग ने जमीन संबंधी सभी काम के लिए एकल खिड़की सुविधा दे दी है।
अब इसे गांव में भी हर मोबाइल पर आसानी से खोला जा सकेगा। सिर्फ नेट की व्यवस्था होनी चाहिए। विभाग ने पुरानी वेबसाइट में सुधार कर उसे नया लुक दे दिया और हर सुविधा को एक जगह कर दिया। नई वेबसाइट को विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने लॉन्च की।
भूमि विवाद बिहार : डीसीएलआर कोर्ट फैसला ऑनलाइन देखने की सुविधा शुरू
जमीन रिकॉर्ड बिहार ( Land Record Bihar ) की मुख्य बातें
राज्य | बिहार |
योजना | जमीन रिकॉर्ड बिहार |
विभाग | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
उद्देश्य | जमीन रिकॉर्ड की जानकारी उपलब्ध करना |
ऑफिसियल वेबसाइट | biharbhumi.bihar.gov.in |
एक पोर्टल में जमीन रिकॉर्ड बिहार सभी सुविधाओं का सहज एवं सुगम समावेश
- जमाबंदी पंजी देखने की सुविधा।
- ऑनलाइन दाखिल-खारिज आवेदन और आवेदन स्थिति की जाँच ।
- परिमार्जन की सुविधा।
- ऑनलाइन दखल-कब्ज़ा प्रमाण पत्र और आवेदन स्थिति की जाँच ।
- भू-मानचित्र पोर्टल पर नक्शा प्राप्त करने में सुलभता।
- अपने खाता देखने की सुविधा। |
- Suo-motu दाखिल-खारिज के आवेदन प्रपत्र की व्यवस्था।
- मोबाइल फोन से इस सुविधा का लाभ उठाना संभव ।
नए लुक में एक अगस्त को लांच हुआ है Bihar bhum वेबसाइट
नए लुक में इस Bihar bhum नई वेबसाइट से अब ऑनलाइन दाखिल-खारिज से लेकर परिमार्जन और एलपीसी आदि सभी सुविधाएं पा सकेंगे। कोई भी व्यक्ति इस वेबसाइट पर जाकर अपनी जमाबंदी पंजी और उसके तैयार होने की तारीख भी देख सकेगा। साथ ही, दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के लिए किये गये आवदेन की रोज की स्थिति भी यहां मिलेगी।
अगर म्यूटेशन में कोई गड़बड़ी है तो उसके दुरुस्त करने की व्यवस्था भी यहीं है। विभाग ने अपनी पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया। लुक भी नया किया है।
वर्ष 2017 में ऑनलाइन दाखिल खारिज सेवा की शुरुआत के साथ ही इस सॉफ्टवेयर में कई तरह के बदलव की जरूरत महसूस की जा रही थी। वेबसाइट की धीमी रफ्तार से काम करने और म्युटेशन के दस्तावेजों की अपलोडिंग में अनावश्यक देरी होने की शिकायत रहती थी। आवेदन को ट्रैक करने में भी काफी विलंब होता था।
एनआईसी ने सभी दिक्कतों को चुनौती के तौर पर लिया और सॉफ्टवेयर में सभी जरूरी सुधार कर एक छतरी के नीचे सारी सुविधाएं तेज गति से देने वाली वेबसाइट बना दिया।
Bihar bhumi वेबसाइट पर जमीन रिकॉर्ड बिहार के लिए दिए जाने वाले सुविधा
जमीन खतियान/खसरा निकला और डाउनलोड करना
इस Bihar bhum वेबसाइट से बिहार के किसी भी जमीन का खतियान ( jamin ka khatiyan ) निकालने या डाउनलोड करने के लिए ” अपना खाता देखें ” वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इस वेबसाइट पर क्लिक करते ही http://lrc.bih.nic.in/RoR.aspx का वेबसाइट खुल जायेगा जिसमे बिहार का मैप होगा।
इस मैप में से सबसे पहले अपना जिला , थाना और उसके बाद मौजा का नाम चुनना होगा। जब आप ये तीनो चुन लेते है उसके बाद नीचे दिए गए ऑप्शन में से कोई के चुन कर और उस जानकारी को दे कर सर्च कर सकते है
- मौजा के समस्त खातों को नामानुसार देखें
- मौजा के समस्त खातों को खेसरा संख्या के अनुसार देखें
- खाता संख्या से देखें:
- खेसरा संख्या से देखें:
- खाताधारी के नाम से देखें:
जिसके बाद रैयतधारी का नाम मतलब जिसके नाम से खतियान है वो दिखा देगा। यहाँ पिता/पति का नाम, खाता संख्या , खेसरा संख्या आदि दिखा देगा जिसके बाद अधिकार अभिलेख में देखें का ऑप्शन देगा जिस पर क्लिक करने के बाद खतियान का डिजिटल कॉपी देखा देगा जिसको प्रिंट या डाउनलोड भी कर सकते है
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बिहार जमीन का रसीद ऑनलाइन निकलना और जमा करना
किसी भी जमीन का भू – लगान जमा करने या निकालने के लिए “भू – लगान” वाले बटन पर क्लिक करना होगा या www.bhulagan.bihar.gov.in वेबसाइट पर डायरेक्ट जा सकते है। इस वेबसाइट पर दो ऑप्शन देखेगा जिसमे पहला “लंबित भुगतान देखें” का ऑप्शन मिलेगा वही दूसरा “ऑनलाइन भुगतान” का मिलेगा।
जमीन का रसीद काटने या देखने के लिए “ऑनलाइन भुगतान” वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। जिसके बाद जिला का नाम, अंचल का नाम, हल्का नाम, मौजा नाम , भाग वर्तमान, पृष्ठ संख्या वर्तमान दे कर सर्च करने के बाद करने के बाद नाम आ जायेगा।
अगर भाग वर्तमान और पृष्ठ संख्या नहीं पता तो भाग वर्तमान और पृष्ठ संख्या वर्तमान जानने के लिए जमाबन्दी पंजी देखे पर क्लिक कर जान सकते है।
एक क्लिक में दिखेंगे जमीन के जमीन का पुराना रिकॉर्ड
जमीन विवादों को खत्म कर अपराध रोकने की तैयारी में सरकार, अंचलों के अभिलेखागार ‘डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम’ से लैस होंगे जिससे बस, एक क्लिक पर किसी भी जमीन के सौ साल के पुराने रिकॉर्ड मिल जायेगा।
इस व्यवस्था के शुरू होते ही फर्जी कागज बनाकर सरकारी व निजी जमीन पर कब्जा करना अब कठिन हो जाएगा। जमाबंदी पंजी का पुराना रिकॉर्ड गायब होने का बहाना भी नहीं चलेगा। भूदान की जमीन न तो रेकॉड से गायब होगी और न ही एक ही जमीन का दो बार पर्चा बंटेगा। सरकारी जमीन की पैमाइश बार-बार कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
राज्य सरकार जमीन विवादों को खत्म कर अपराध रोकने की एक नई व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए राज्य के सभी अंचलों में बन रहे अभिलेखागारों को आधुनिकतकनीक से लैस किया जाएगा। सभी अंचलों के अभिलेखागारडाक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होंगे।
पहले चरण में बिहार में अभी 163 अंचलों को इस व्यवस्था के लिए चुना गया है। सूचना के अनुसार सारण जिले के आधुनिक अभिलेखागार के लिए उपस्कर की खरीद की जा चुकी है। उस जिले के सोनपुर, मढ़ौरा, एकमा, मांझी व छपरा सदर में आधुनिक अभिलेखागार-सहडाटा केंद्र का भवन तैयार है। सरकार जमीन से जुड़े अभिलेखों को व्यवस्थित व सुरक्षित रखने को उन्हें डिजिटाइज्ड एवं स्कैन करा रही है।
नई व्यवस्था में डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग की कार्रवाई इस प्रकार होगी कि भविष्य में सॉफ्टवेयर के माध्यम डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम और रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम के सॉफ्टवेयर द्वारा उन्हें ट्रैक किया जा सके। 436 अंचलों में भवन हो चुके हैं तैयार उल्लेखनीय है कि राज्य के 534 अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार भवन बनाने का काम चल रहा है।
लगभग 436 अंचलों में अभिलेखागार भवन तैयार हो चुके हैं। इन आधुनिक अभिलेखागार भवन में डाटा सेंटर भी विकसित करने के लिए 163 अंचलों को चिन्हित किया गया है।
ये जमीन रिकॉर्ड रखे जाएंगे सिस्टम में
जमीन रिकॉर्ड बिहार में कैडेस्ट्रल सर्वे खतियान, रिविजनल सर्वे खतियान, चकबन्दी खतियान, राजस्व ग्राम मानचित्र, जमाबंदी पंजी (डिजिटाइज्ड), नामांतरण पंजी, नामांतरण अभिलेख, नामांतरण शुद्घि पत्र की मौजावार रक्षी पंजी, भूमि बंदोबस्ती पंजी, गैरमजरूआ आम, खास व कैसरे हिन्द भूमि पंजी, भूमि क्रय पंजी, भू-हदबंदी अभिलेख,वासगीत पर्चा, भू-हदबंदी भूमि बंदोबस्ती पंजी, अभिलेख पंजी, वासगीत पर्चा अभिलेख
राज्य सरकार द्वारा निर्गत हुए पत्रों/परिपत्रों/ संकल्प/अधिसूचना की रक्षी संचिका, गृह स्थल बंदोबस्ती पंजी एवं अभिलेख, भूमि मापी पंजी एवं अभिलेख, भू-सम्पदा पंजी, सैरात पंजी, भूमि अतिक्रमण वाद पंजी एवं अभिलेख, भू-दान, भूमि लगान निर्धारण एवं बन्दोबस्ती पंजी तथा अभिलेख, महादलित भूमि क्रय एवं बन्दोबस्त पंजी एवं अभिलेख, सैरात बन्दोबस्ती पंजी एवं अभिलेख, वाद का पंजी एवं अभिलेख तथा गैरमजरूआ आम खास (मालिक)/कैसरे हिन्द/धार्मिक न्यास/वक्फ बोर्ड/कब्रिस्तान/श्मशान आदि के भूमि से संबंधित पंजी।
नई व्यवस्था फूल प्रूफ हो, इसके लिए निष्पादित वादों का स्कैनिंग कर अभिलेखागार में संरक्षित रखे जाने से पहले उसके रिकार्ड संबंधित कार्यवाह लिपिक, प्रधान लिपिक तथा अंचलाधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा। इससे वादों के रिकार्ड के साथ भविष्य में छेड़-छाड़ की संभावना नहीं रहेगी। आवश्यकतानुसार वर्षवार संधारित सॉफ्ट कॉपी को हार्ड डिस्क में भी रखा जा सकता है।
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सरकारी वेबसाइट से अब होगी जमीन की खरीद-बिक्री
जल्दी सरकारी वेबसाइट के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री हो सकेगी। भूस्वामी अपनी बेची जाने योग्य जमीन का ब्योरा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पोर्टल पर डाल देंगे। खरीदार भी लोकेशन के आधार पर जमीन की जरूरत के बारे में पोर्टल पर बताएंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रस्ताव पर सरकार की सहमति के बाद यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके लिए विभाग के पोर्टल में खास व्यवस्था की जाएगी। फिर तय प्रक्रिया के माध्यम से भूस्वामी और खरीदार वेबसाइट पर ब्योरा डाल सकेंगे।
भूस्वामी की ओर से डाले गए बिक्री योग्य जमीन के ब्योरे की सत्यता और उसकी वैधानिक स्थिति को ऑनलाइन जांचा भी जा सकेगा। खरीदार ऑनलाइन रिकॉर्ड के माध्यम से जमीन की सही कीमत भी आंक सकेंगे।
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कीमत विक्रेता और खरीदार तय करेंगे
सरकार या सरकारी वेबसाइट की भूमिका बिक्री के लिए लोकेशन के आधार पर जमीन की उपलब्धता और उस तरह की जमीन के लिए उपलब्ध खरीदारों की पुख्ता जानकारी देने की होगी। जमीन की कीमत विक्रेता और खरीदार की आपसी सहमति से ही तय होगी। भूस्वामी को अपनी जमीन के बिकने या खरीदार को खरीदने के लिए बिचौलियों का आसरा नहीं लेना पड़ेगा। वहीं दस्तावेजों के आधार पर सरकारी दर का आकलन भी आसानी से हो जाएगा।
उद्योगों के लिए जमीन मिलना होगा
आसान राज्य सरकार की इस पहल से उद्योगों के लिए भी जमीन लेना आसान हो जाएगा। उद्योगपति वेबसाइट के सहारे यह जान सकेंगे कि उनकी जरूरत के लिए राज्य में जमीन कहां-कहां उपलब्ध है। उद्योगपतियों को अपनी जरूरत बताने के बाद संभावित खरीदार भी खुद को प्रस्तुत कर सकेंगे। सरकारी अधिकारियों के लिए भी जमीन की उपलब्धता के आधार पर उद्योगों के लिए जमीन का चयन आसान हो जाएगा। यहां तक की जमीन की असली मिलकियत को पहचाने और फजीवाड़े से निजात पाने में उद्यमियों को सहूलियत मिलेगी।
बिचौलियों को दूर करना है मकसद
सरकार की ओर से जमीन के विक्रेता और खरीदार को ऑनलाइन माध्यम से संपर्क कराने की पहल का मकसद इस प्रक्रिया से बिचौलियों को दूर करना है। इसके अलावा इसमें होने वाले फर्जीवाड़े पर भी रोक लगाना है। आए दिन प्रदेश में जमीन कारोबार में बिचौलियों की भूमिका के कारण आपराधिक घटनाएं सामने आती रहती है। कई बार जबरन जमीन पर कब्जे के कारण बड़ी वारदात भी होती है।