बिहार सरकार के द्वारा “मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना’ के अंतर्गत मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने वाले निजी क्षेत्र के संस्थानों या व्यक्तियों को 20 लाख तक का अनुदान देने के लिए आवेदन आमंत्रित किया है जो भी व्यक्ति या संस्थान मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल बिहार में खोलेगा उससे बिहार सरकार के परिवहन विभाग द्वारा 20 लाख रूपये का अनुदान दिया जायेगा.
मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बिहार राज्य के सभी 38 जिलों में 61 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोली जायगी। इस मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में नौसिखिये वाहन चालकों को ट्रेनिंग दिया जायेगा, वहीं निजी क्षेत्र के व्यक्तियों या संस्थानों को रोजगार का एक बड़ा अवसर मिलेगा।
वाहन चालन कुशलता में कमी और यातायात नियमों की जानकारी का अभाव में सड़क पर ज्यादा दुर्घटना होती है। जिसको कम करने के लिए इस परिप्रेक्ष्य में यह आवश्यक है कि राज्य के सभी जिलों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त तकनीकी आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना हो, ताकि नौसिखिये वाहन चालकों को वाहन चालन प्रशिक्षण का अवसर मिल सके, जिससे सड़क दुर्घटनाओं/मृत्यु में कमी लाई जा सके।
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए बिहार के सभी जिलों को तीन श्रेणी में बांट कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमे बड़े जिले (A श्रेणी) में 3 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जायेगे, उसी तरीके से मध्यम जिले (B श्रेणी) में 2 (दो) और C श्रेणी के जिले में मात्र 1 ( एक) मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा है।
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने का उद्देश्य :-
- वाहन चालन के लिए इच्छुक व्यक्तियों को प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण चालन प्रशिक्षण प्रदान करते हुए सड़क दुर्घटना की संभावना को न्यून करने के साथ-साथ सुगम यातायात की व्यवस्था को कायम करना है।
- निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों/व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो बिहार राज्य में आधुनिक तरीके से तकनीकी आधारित मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना कर उसका दीर्घकालिक संचालन करना चाहते हैं।
- राज्य की सड़कों पर सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देते हुए इच्छुक व्यक्तियों को कम्प्यूटर नियंत्रित आधुनिक तकनीकी आधारित वाहन चालन प्रशिक्षण की सुविधा उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराई जाये जहाँ वर्तमान में पर्याप्त प्रशिक्षण केन्द्र नहीं हैं।
- इस मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना से कुशल एवं प्रशिक्षित वाहन चालकों की उपलब्धता स्थापित होगी जिन्हें रोजगार का अवसर उपलब्ध हो सकेगा। हल्के मोटर वाहन तथा भारी मोटर वाहन के लिए कुशल प्रशिक्षित चालकों का डाटाबेस होगा। इससे अंशकालिक तौर पर भी इनकी सेवा नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी एवं चालकों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना आवेदक की योग्यता :
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग आवेदक कोई व्यक्ति/कंपनी/फर्म/संस्थान हो सकते हैं। उन्हें आवेदन तथा निम्नांकित कागजात समर्पित करने होंगे :
- विहित प्रपत्र-2 में आवेदन,
- विगत तीन वित्तीय वर्षों का दाखिल आयकर रिटर्न की प्रति,
- पहचान पत्र स्वरूप व्यक्तियों के लिए ‘आधार कार्ड की प्रति/कंपनी के लिए R.O.C. (कंपनी निबंधक) द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र (Certificate of Incorporation of Company)/फर्म के लिए ‘फर्म के रूप में निबंधन प्रमाण पत्र/संस्थान के लिए संस्थान के रूप में निबंधन के साक्ष्य,
- जमीन स्वामित्व का साक्ष्य अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत भूस्वामित्व प्रमाण पत्र (L.P.C.)/लीज स्वरूप ली गई भूमि के लिए लीज का एकरारनामा (कम से कम दस वर्षों के लिए वैध),
- प्रशिक्षण के लिए हल्के मोटर वाहनों/भारी मोटर वाहनों की उपलब्धता का विवरण,
- प्रारूप परियोजना प्रतिवेदन (Draft Project Report),
- परियोजना पूर्ण करने हेतु मदवार समयावधि का निर्धारण।
अनुदान की राशि :
इस मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना के तहत् वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना हेतु कुल प्राक्कलित राशि का 50% या अधिकतम 20.00 लाख रूपये (बीस लाख) दोनों में जो न्यून्तम होगा, वह अनुदान/आर्थिक सहायता राशि के रूप में उपलब्ध करायी जायेगी, जिसमें Item Wise अधिकतम अनुदान प्रपत्र-1 के अनुसार होगा। (भूमि लागत में किसी भी प्रकार का अनुदान देय नहीं होगा)।
योजना के अन्तर्गत ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने हेतु अनुदान की राशि हेतु आवंटन बिहार सड़क सुरक्षा परिषद् द्वारा जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा।
जिलावार लक्ष्य :
बड़े जिले (श्रेणी-A) के लिए-3 (तीन), मध्यम जिले (श्रेणी-B) के लिए-2 (दो) एवं छोटे जिले (श्रेणी-C) के लिए-1 (एक) प्रशिक्षण विद्यालय का लक्ष्य निर्धारित है।
- A श्रेणी के जिले (अधिकतम तीन मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय/केन्द्र की स्थापना हेतु) यथा, पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णियाँ, भागलपुर-कुल :-15 (पन्द्रह)।
- B श्रेणी के जिले (अधिकतम दो मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय/केन्द्र की स्थापना हेतु) यथा, वैशाली, सीवान, समस्तीपुर, रोहतास, मोतिहारी, दरभंगा, बेतिया, भोजपुर, औरंगाबाद, बेगुसराय, सारण, मधुबनी, नालन्दा-कुल :- 26 (छब्बीस)।
- C श्रेणी के जिलेः- (अधिकतम एक मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय/केन्द्र की स्थापना हेतु) यथा, अररिया, अरवल, बाँका. बक्सर, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, गोपालगंज-कुल :-20 (बीस)।
आवेदन पत्र एवं कार्य योजना :
अनुदान हेतु मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना विहित प्रपत्र-2 में आवेदन जिला परिवहन पदाधिकारी के कार्यालय में योजना से संबंधित कार्ययोजना प्रतिवेदन के साथ समर्पित किया जायेगा। इसके साथ सुयोग्य श्रेणी के प्रशिक्षकों के साथ किए गए एकरारनामा एवं विभिन्न मदों का प्राक्कलन/कोटेशन संलग्न करेंगे।
वाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय के कार्य :
प्राप्त लाईसेंस के अनुसार निम्न प्रकार के प्रशिक्षण Course इन विद्यालयों द्वारा संचालित किए जा सकेंगे :
अनिवार्य :
- (a) हल्के मोटर वाहन :
- हल्के मोटर वाहन चालन के लिए Induction Training Course का संचालन।
- गोटराईज्ड दो पहिया वाहन चालन के लिए Induction Course का संचालन।
- सेवारत चालकों के Refresher and Orientation Traning Course का संचालन ।
- यातायात उल्लंघन करने वाले चालकों का Refresher and Orientation Traning Cours (सुधारात्मक प्रशिक्षण) का संचालन ।
- ड्राईविंग लाईसेंस के स्थानीय आवेदकों की चालन जाँच का सम्पादन तथा समय-समय पर परिवहन विभाग, बिहार द्वारा चिन्हित अन्य कार्यों का संचालन।
- (b) गारी मोटर वाहन :
- भारी मोटर वाहन चालन के लिए Induction and Refresher Course का संचालन।
- सेवारत चालकों के Refresher and Orientation Traning Course का संचालन।
- खतरनाक एवं Hazardous सामग्रियों को ढ़ोने वाले वाहन चालकों का प्रशिक्षण का संचालन ।
- ड्राईविंग लाईसेंस के स्थानीय आवेदकों की चालन जाँच का सम्पादन तथा समय-समय पर परिवहन विभाग, बिहार द्वारा चिन्हित अन्य कार्यों का संचालन।
उक्त सारे प्रशिक्षण कार्यक्रम MoRTH द्वारा निर्गत मापदंडों के आलोक में संचालित किए जाएंगे।
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मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना फॉर्म डाउनलोड
मोटर ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल हेतु आवश्यक न्यूनतम आधारभूत संरचनाएँ :
भूमि विवरणी : स्वयं अपने भूस्वामित्व की या लीज पर ली गई कम-से-कम 2 एकड़ भूमि वैसे स्थान पर होनी चाहिए, जो सड़क से जुड़ी हो ताकि वाहनों से आना-जाना सुगम हो ।
Class Room : चार पहिया वाहन के चालन के सैद्धान्तिक जानकारी देने के लिए न्यूनतम 6 मीटर x 5 मीटर आकार का एक वर्गकक्ष (Classroom) का पक्का निर्माण करना होगा।
कार्यालय एवं स्टॉफ रूम : कार्यालय एवं स्टॉफ रूम के लिए न्यूनतम 5 मीटर x 5 मीटर आकार के एक कक्ष का पक्का निर्माण करना होगा, जिसमें कार्यालय कार्यरत रहेगा एवं कर्मीगण कार्य करेंगे।
कर्मशाला : कर्मशाला के लिए 10 मीटर x 8 मीटर आकार का एक शेडनुमा पक्का हॉल का निर्माण किया जायेगा, जिसमें वाहनों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे तथा उनके पार्ट पूर्जे रखे जाऐंगे जिनके संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
फर्नीचर : प्रशिक्षण कक्ष में 40 प्रशिक्षुओं के लिए राईटिंग पैड युक्त कुर्सियाँ रहेंगी एवं कार्यालय में 5 कर्मियों के बैठने तथा उनके लिए टेबुल की व्यवस्था करनी होगी।
शौचालय, पेयजल व अन्य व्यवस्था : महिला एवं पुरूष के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण करना होगा तथा इसकी नियमित स्वच्छता की व्यवस्था करनी होगी। स्वच्छ पेयजल इत्यादि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी होगी।
Biometric : चालक प्रशिक्षण केन्द्र में इन्टरनेट की सुविधा स्थापित करना होगा एवं प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति के लिए Bio Metric उपकरण लगाना होगा।
CCTV: अपेक्षित संख्या में CCTV कैमरा का अधिष्ठापन किया जायेगा, जिससे प्रशिक्षुओं के वास्तविक प्रशिक्षण की सम्यक निगरानी की जा सके।
जिस कोटि के वाहन चालन का प्रशिक्षण दिया जायगा उस कोटि का सिमुलेटर का क्रय कर प्रशिक्षण हेतु रखना होगा।
Projector एवं Audio/Video System : मोटर चालन प्रशिक्षण के वर्ग कक्ष में प्रोजेक्टर एवं ऑडियो वीडियो सिस्टम स्थापित करना अनिवार्य होगा।
Training Material : केन्द्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम-31 के अनुसार प्रशिक्षण हेतु वांछित प्रशिक्षण सामग्री रखना अनिवार्य होगा।
faga at Connection : Training Centre में बिजली का कनेक्शन लेना होगा एवं Back-up हेतु वैकल्पिक साधन, यथा जेनरेटर अथवा सोलर उर्जा की व्यवस्था करनी होगी।
Driving Track : प्रशिक्षण केन्द्र के परिसर में पर्याप्त आकार का एक उपयुक्त Driving Training Track का निर्माण करना होगा, जिसकी लम्बाई न्यूनतम 150 मीटर होगी।
वाहन : निजी प्रतिभागी जिस प्रकार के वाहनों की अनुज्ञप्ति लेने को इच्छुक हो, वैसे दो-दो वाहनों का दोहरा नियंत्रण वाले (मोटर साईकिल छोड़कर) वाहन रखना अनिवार्य होगा।
प्रशिक्षक : केन्द्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम 24 (3) (viii) में प्रावधानित योग्यता के अनुरूप प्रशिक्षक के द्वारा प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करनी होगी।
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