भारत सरकार के मएसएमई मंत्रालय ने देश में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों तथा उनके समूहों की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोत्तरी करने तथा उनकी क्षमता निर्मित करने के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) को अपनाया है । यूनिटों का क्लस्टर विभिन्न सेवाओं को प्रदाताओं को अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराता है । जिनमें बैंक और क्रेडिट एजेंसियां शामिल हैं,जिससे वे मितव्ययिता से अपनी सेवाएं प्रदान कर सकें और इस प्रकार इन उद्यमियों की लागत घटा सकें तथा सेवाओं की उपलब्धता में सुधार कर सकें ।

उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम MSE-CDP योजना का उद्देश्य
- एमएसई से संबंधित सामान्य विषयों जैसे कि प्रौद्योगिकी,कौशलों और गुणवता में सुधार, बाजार तक पहुंच, पूंजी तक पहुंच आदि का समाधान करके उनकी उपयोगिता और वृद्धि में सहयोग देना ।
- स्वयं सहायता समूहों, संगठनों के गठन, संघों के उन्नयन आदि के माध्यम से सामान्य सहयोगी कार्यों के लिए एमएसई की क्षमता निर्मित करना ।
- नए/मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों/एमएसई के क्लस्टर में आधारभूत संरचना सुविधाएं सृजित करना/उन्नत करना ।
- सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना करना (परीक्षण, प्रशिक्षण केंद्र,कच्चे माल के डिपो,एफल्यूएंट ट्रीटमेंट,उत्पादन प्रक्रियाओं में सहायक बनने आदि हेतु )।
सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी) योजना के अंतर्गत परीक्षण के लिए सामान्य सुविधा केन्द्रों, प्रशिक्षण केन्द्रों, अनुसंधान और विकास, उत्सर्जन शोधन, कच्चे माल के डिपो, पूरक उत्पादन प्रक्रियाओं की स्थापना और नए/मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों/एमएसई क्लस्टरों में फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलैक्स, विद्युत वितरण नेटवर्क, जल, दूरसंचार, जलनिकास और प्रदूषण नियंत्रण सुविधाओं, सड़कों, बैंकों, कच्चे माल, भंडारण और विपणन केन्द्रों, सामान्य सेवा सुविधाओं और नए/मौजूदा औद्योगिक संपदाओं/ क्षेत्रों में एमएसई के लिए प्रौद्योगिकीय बैकअप सेवाओं जैसी अवसंरचनात्मक सुविधाओं को निर्मित/ उन्नत करने के लिए वित्तीय सहायता में सहयोग किया जाता है। संघ के विपणन हब/प्रदर्शनी केन्द्र, राज्य नवोन्मेष क्लस्टर विकास कार्यक्रम के लिए थीमेटिक इंटरवेंशन एवं सहयोग भी इस योजना का हिस्सा है ।
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उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम स्कीम का स्कोप
- स्कीम का स्कोप
- प्रौद्योगिकी के संसाधन
- महिला उद्यमियों की सहायता
- उत्पादक से अंतिम उपभोक्ता तक प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को सुगम बनाना ।
- आर एंड डी की आवश्यकता उत्पादक से अंतिम उपभोक्ता तक प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को सुगम बनाना ।
- लघु उद्यमों के क्लस्टरों में प्रौद्योगिकी के तेजी से प्रसार के लिए कार्यशालाओं, प्रशिक्षण तथा अध्ययन दौरों का आयोजन ।
सहायता का स्वरूपः
(i) सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) : भारत सरकार के अनुदान की सीमा परियोजना की अधिकतम 20 करोड़ रुपए की लागत का 70 प्रतिशत होगी। पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों, द्वीप क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों/एलडड प्रभावित जिलों, 50 प्रतिशत से अधिक
- सूक्ष्म/ग्राम,
- महिलाओं के स्वामित्व वाली इकाइयों,
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति इकाइयों वाले क्लस्टरों में सीएफसी के लिए भारत सरकार के अनुदान की सीमा 90 प्रतिशत होगी। परियोजना की लागत में भूमि की लागत (परियोजना लागत का अधिकतम 25 प्रतिशत तक) सम्मिलित होती है।
(ii) अवसंरचनात्मक विकासः भारत सरकार के अनुदान की सीमा परियोजना की लागत का 60 प्रतिशत होगी (औद्योगिक संपदा के लिए 10 करोड़ रुपए और फ्लैटेड फैक्ट्री परिसर के लिए 15 करोड़ रुपए)। पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों, द्वीप क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों/एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों, औद्योगिक क्षेत्रों की परियोजनाओं, महिलाओं के स्वामित्व वाली इकाइयों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाली इकाइयों के लिए भारत सरकार का अनुदान 80 प्रतिशत होगा।
(iii) संघों द्वारा आयोजित मार्केटिंग हब/प्रदर्शनी केन्द्र ।
(iv) थीमैटिक इंटरवेंशन: भारत सरकार का अनुदान अधिकतम 5 क्रियाकलापों की कुल लागत का 50 प्रतिशत होगा जो प्रत्येक क्रियाकलाप के लिए 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होगा। इस घटक के अंतर्गत प्रत्येक सीएफसी के लिए भारत सरकार का अनुदान 10 लाख रुपए होगा।
(v) राज्य नवोन्मेष क्लस्टर विकास कार्यक्रम में सहयोगः भारत सरकार का अनुदान राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि अथवा 5 करोड़ रुपए, जो भी कम हो, होगा और पूर्वोत्तर/पर्वतीय राज्यों,
द्वीप क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों/एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों में सीएफसी परियोजनाओं और ऐसी परियोजनाओं के संबंध में जहां लाभार्थी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यम हों, परियोजना लागत के 90 प्रतिशत तक की सहायता दी जाएगी।
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आवेदन कौन कर सकता है
क्लस्टर, औद्योगिक संघ/ सहायता संघ।
आवेदन कैसे करें:
मएसई-सीडीपी के https://cluster-dcmsme.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। हार्ड कॉपी राज्य सरकारों अथवा उनके स्वायत्तशासी निकायों अथवा एमएसएमई मंत्रालय के क्षेत्रीय संस्थानों अर्थात एमएसएमई- विकास संस्थानों के माध्यम से भेजा जाना अपेक्षित है। प्रस्तावों का अनुमोदन एमएसई-सीडीपी की संचालन समिति द्वारा किया जाता है। संपर्क करें: विकास आयुक्त- एमएसएमई के अंतर्गत एमएसएमई-विकास संस्थान।