मुर्गी फार्म योजना Poultry farm registration in Bihar | murgi palan loan apply online | layer poultry farm in Bihar | poultry farm training in Bihar | poultry farming scheme in Bihar | poultry farm yojna Bihar | मुर्गी फार्म योजना | | murgi farm ke liye loan | ब्रायलर पोल्ट्री फार्म | poultry farm ki jankari | murgi farm loan | murgi palan training | पोल्ट्री फार्म योजना बिहार | layer murgi farm ki jankari | layer murgi farm
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के द्वारा “समेकित मुर्गी विकास योजना” के तहत 3000, 5000 और 10,000 क्षमता के “ब्रायलर पोल्ट्री फार्म” खोलने के लिए बिहार सरकार द्वारा ऑनलाइन आवेदन मांगे गए है जिसके लिए सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है। जो भी इच्छुक युवक/युवती/ किसान/ मुर्गी पालक “ब्रायलर पोल्ट्री फार्म योजना” का लाभ लेना चाहते है वो आवेदन कर सकते है।
पोल्ट्री फार्म योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में पोल्ट्री मांस और अंडा के उत्पादन में वृद्धि तथा पोल्ट्री मांस और अंडा उत्पादन में राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। साथ ही राज्य में पोल्ट्री मांस उत्पादन से मानव उपयोग के निमित्त पशुजन्य प्रोटीन की उपलब्धता को बढ़ाना एवं लाभकारी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
योजना | समेकित मुर्गी विकास योजना |
दिशा निर्देश | 5000 या 10000 लेयर फार्म के लिए 3000 ब्रोईलर फार्म के लिए |
आवेदन पत्र PDF | मॉडल आवेदन पत्र |
ऑनलाइन अप्लाई लिंक | Click Here |
आवेदन स्टेटस | click Here |
Quick Links
- 5000 लेयर फार्म / 10000 लेयर फार्म (फीड मिल सहित) दिशा निर्देश
- 3000 ब्रोईलर फार्म दिशा निर्देश
- पूर्वाभ्यास हेतु मॉडल आवेदन पत्र
मुर्गी फार्म योजना बिहार ऑनलाईन आवेदन हेतू वांछित कागजात :
- आवेदक का फोटोग्राफ।
- पहचान पत्र की छाया प्रति।
- आवास का प्रमाण पत्र।
- जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिये प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है)
- आधार कार्ड (यदि उपलब्ध हो) की छाया प्रति।
- बैंक खाता पास बुक की छाया प्रति (प्रथम तथा अंतिम पृष्ठ जिस पर राशि अंकित हो), एफ.डी., अन्य ।
- पैन कार्ड की छाया प्रति।
- लेयर फार्म स्थापित करने हेतु कुल भूमि की उपलब्धता का साक्ष्य :
- भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/अद्यतन लगान रसीद की छाया प्रति-यदि भूमि स्वयं की हो तो।
- लीज एकरारनामा की छाया प्रति (भू-स्वामी का भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/अद्यतन लगान रसीद की छाया प्रति सहित)- यदि भूमि लीज पर ली जा रही हो तो।
- भूमि के नजरी नक्शा की छाया प्रति संलग्न करें।
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट संलग्न करें अन्यथा विभाग द्वारा तैयार किया गया Model Project Report ही मान्य होगा
- स्वलागत से लेयर फार्म स्थापना के लिये राशि की उपलब्धता संबंधी साक्ष्य/बैंक ऋण से लेयर फार्म की स्थापना के लिए मार्जिन मनी की उपलब्धता संबंधी साक्ष्य ।
- पोल्ट्री फार्मिंग का प्रशिक्षण संबंधी साक्ष्य ।
मुर्गी फार्म योजना प्राथमिकताएँ
- लाभुकों का चयन क्रमशः स्वलागत एवं प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हुये ”पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा।
- प्रशिक्षण के संदर्भ में मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों से कुक्कुट पालन में प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे।
- ऋण/स्वलागत: आवेदक चाहे तो बैंक से ऋण लेकर अथवा स्वलागत से फार्म स्थापित कर सकते है। बैंक से ऋण प्राप्त करने हेतु आवश्यक प्रक्रिया लाभुक के द्वारा स्वयं की जायेगी।
3,000 लेयर वाले पोल्ट्री फार्म बनाने में खर्च और अनुदान:-
राज्य में पोल्ट्री मांस उत्पादन में वृद्धि हेतु “ब्रायलर फार्मिग” को बढ़ावा देने हेतु अनुदान की योजना” के अन्तर्गत ब्रायलर पोल्ट्री फार्म (3000 क्षमता वाले) के आधारभूत संरचना निर्माण पर परियोजना लागत का 30% राशि अर्थात अधिकतम रूपये 3 लाख तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कोटि के लाभुकों को परियोजना लागत का 50% राशि अर्थात अधिकतम रूपये 5 लाख का अनुदान दिया जायेगा।
“Deep litter system” पर आधारित 3000 क्षमता के एक ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना निर्माण पर अधिकतम रूपये 10.00 लाख (नौ लाख मात्र) की अनुमानित परियोजना लागत आकलित है।
आवेदन के समय आवेदक द्वारा बैंक ऋण की स्थिति में मार्जिन मनी के रूप में प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिशत् राशि एवं स्वलागत की स्थिति में लाभुक के स्तर से व्यय की जाने वाली राशि का लगभग 40 प्रतिशत् उपलब्ध होना चाहिए। जो इस प्रकार है
कोटि | परियोजना लागत | अनुदान की राशि (लाख रूपये में) | आवेदक के पास राशि (लाख रूपये में) |
सामान्य (स्वलागत) | 10 लाख | 3 | 10 लाख |
सामान्य (बैंक ऋण) | 10 लाख | 3 | 1 लाख |
अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (स्वलागत) | 10 लाख | 5 | 10 लाख |
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (बैंक ऋण) | 10 लाख | 5 | 1 लाख |
5,000 और 10,000 लेयर वाले पोल्ट्री फार्म बनाने में खर्च और अनुदान:-
5000 और 10000 लेयर मुर्गी की क्षमता वाले (फीड मिल सहित) ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की स्थापना लागत पर अनुदान (सामान्य जाति के लाभुकों हेतु 30 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभुकों हेतु 40 प्रतिशत) तथा चार वर्षों तक बैंक ऋण के ब्याज (Interest Component) पर 50 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दिया जाता है। योजना अन्तर्गत चयनित लाभुकों को लेयर मुर्गी फार्म का संचालन न्यूनतम सात वर्षों तक करना अनिवार्य होगा।
राशि की उपलब्धता संबंधी साक्ष्य के रूप में अद्यतन बैंक पास बुक/ बैंक के शाखा प्रबंधक के द्वारा सत्यापित खाता विवरणी (Account Statement)/ बैंक सावधि जमा अथवा बीमा का प्रापण मूल्य (Surrender Value) इत्यादि जमा किया जा सकता है।
बैंक से ऋण प्राप्त करने हेतु आवश्यक प्रक्रिया लाभुक के द्वारा स्वयं की जायेगी। बैंक द्वारा लाभुक के ऋण ओवदन को अस्वीकृत कर दिये जाने की स्थिति में संबंधित लाभुक का यह दायित्व होगा कि वह अविलम्ब निदेशक, पशुपालन को इसकी सूचना दे एवं इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करे कि वह स्वलागत से इसे पूरा करना चाहते हैं अथवा नहीं। स्वलागत से ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का निर्माण कराये जाने की स्थिति में उन्हें स्वलागत के लिए आवश्यक राशि की उपलब्धता का साक्ष्य समर्पित करना होगा।
स्वलागत से ब्रायलर पोल्ट्री फार्म स्थापित करने वाले लाभुक को प्राथमिकता दी जायेगी बशर्ते कि उनके द्वारा व्यय की जाने वाली राशि की उपलब्धता संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत किया जाये।
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मार्केटिंग के लिए दिए जाने वाला लाभ
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना निर्माण के उपरान्त संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के माध्यम से पोल्ट्री फार्म का Private Sector Integrator से Backward and Forward Linkage हेतु समन्वयन कराया जायेगा | Private Sector Integrator द्वारा एक दिवसीय चूजा, कुक्कुट आहार (दाना इत्यादि), टीकाकरण, आवश्यक दवाएँ, Veterinary Services इत्यादि उपलब्ध करायी जायेंगी।
ब्रायलर पोल्ट्री तैयार हो जाने के उपरान्त Private Sector Integrator द्वारा उसके विपणन (marketing) की व्यवस्था की जायेगी तथा निर्धारित दर पर ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के संचालक को राशि का भुगतान Private Sector Integrator द्वारा किया जायेगा।
उपरोक्त व्यवस्था लाभुक के लिए ऐच्छिक होगी, सक्षम लाभुक अपने स्तर से भी एक दिवसीय चूजा, कुक्कुट आहार (दाना इत्यादि), टीकाकरण, आवश्यक दवाओं, Veterinary Services इत्यादि के साथ तैयार ब्रायलर पोल्ट्री के विपणन की व्यवस्था अपने स्तर से भी कर सकते है।
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म (मुर्गी फार्म) के लिए कैसे करे आवेदन?
मुर्गी फार्म योजना के आवेदन के लिए ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा जहाँ आवेदन Latest News के टैब में
layer poultry Schem का आप्शन दिखाई देगा जिस पर क्लिक करना है क्लिक करते ही नया वेबसाइट खुल जायेगा।
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म (मुर्गी फार्म) योजना के आवेदन के लिए सभी स्टेप देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखे और और लेटेस्ट वीडियो देखने के लिए हमारा YouTube चैनल Subscribe जरूर करे , अगर मुर्गी फार्म योजना से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे | हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे।
पोल्ट्री फार्म के लिए जरुरी बातें /योग्यता इत्यादि) :
- इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाईन आवेदन करना होगा। इसके लिये विभागीय वेबसाईट पर दिये गये लिन्क (link) पर जाकर आधार संख्या/वोटर कार्ड संख्या से पंजीकरण (Registration) करना होगा। ऑनलाईन आवेदन पत्र भरते समय सभी वांछित कागजातों/अनुलग्नकों को ऑनलाईन (Online) अपलोड (upload) करना अनिवार्य होगा।
- ऑनलाईन आवेदन करने से पहले पूर्वाभ्यास हेतु मॉडल आवेदन पत्र संलग्न है। आवेदन पत्र भरने से पहले सभी वांछित अनुलग्नकों को Scan कराकर Pdf format में Soft copy तैयार कर लिया जायेगा जिसे ऑनलाईन आवेदन के साथ निर्दिष्ट स्थान पर अपलोड किया जायेगा।
- ऑनलाईन आवेदन समर्पित (Submit) करने के उपरान्त आवेदक को एक प्राप्ति रसीद प्राप्त होगा
- जिसमें आवेदन आई.डी के साथ उनके द्वारा जमा किये गये सभी कागजातों की प्राप्ति अंकित होगी। प्राप्ति रसीद में अंकित आई.डी./आधार संख्या/वोटर कार्ड संख्या एवं पासवर्ड से लॉग-इन (Login) कर आवेदन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
- एक आवेदक द्वारा एक ही आवेदन पत्र समर्पित किया जायेगा।
मुर्गी फार्म खोलने के लिए जमीन
लाभुकों को ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की स्थापना के लिए आवश्यकतानुसार भूमि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। 3,000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म (Deep litter system पर आधारित) के आधारभूत संरचना निर्माण हेतु कम से कम 7,000 (सात हजार) वर्गफीट, 5,000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के लिए 50 डिसमिल भूमि और 10,000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के लिए 100 डिसमिल भूमि की आवश्यकता होगी। प्रस्तावित भूमि का सड़क से जुड़ा रहना आवश्यक होगा ताकि परिवहन इत्यादि सुविधाजनक रूप से हो सके।
आवेदन पत्र के साथ प्रस्तावित ब्रायलर फार्म की भूमि का एक नजरी नक्शा जमा करना होगा । आवेदन पत्र के साथ नजरी नक्शा जमा नहीं किये जाने की स्थिति में नजरी नक्शा जिला स्तर पर गठित त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति को स्थल निरीक्षण के समय उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि स्वयं की, पैतृक अथवा लीज की हो सकती है। पैतृक भूमि के मामले में पिता (यदि जीवित हों) सहित सभी कानूनी दावेदारों के द्वारा सम्मिलित रूप से अनापत्ति शपथ-पत्र समर्पित करना होगा।
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भूमि यदि लीज पर ली गई हो तो ऑनलाईन आवेदन के समय कम से कम नौ वर्षों के लिए भूमि लीज की अवधि शेष हो । आवेदक के नाम से भूमि होने की स्थिति में भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/अद्यतन लगान रसीद अथवा लीज पर भूमि लेने की स्थिति में भू-स्वामी का भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/अद्यतन लगान रसीद तथा लीज एकरारनामा (रूपये 1000 के Non-judicial stamp paper पर) अपलोड करना अनिवार्य होगा। उक्त एकरारनामा में यह अंकित रहना अनिवार्य होगा कि भूमि पर ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का निर्माण किया जायेगा ।
अगर किसी आवेदक के द्वारा लीज एकरारनामा दिया गया हो तो वह इस शर्त के साथ मान्य होगा कि चयनित आवेदक को अनुदान के भुगतान के पहले लीज एकरारनामा को निबंधित कराना अनिवार्य होगा। सीलींग की भूमि पर इस योजना का लाभ देय नहीं होगा। यदि यह पाया जाता है कि एक ही भूमि पर एक से अधिक आवेदकों द्वारा ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के लिए आवेदन किया गया है तो इस स्थिति में पहले प्राप्त आवेदन पर ही विचार किया जायेगा।
देना होगा विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (मुर्गी फार्म के बारे में )
लाभुक द्वारा आवेदन के साथ विस्तृत परियोजना प्रस्ताव (Detailed Project Report) सलंग्न करना होगा। आवेदन पत्र के साथ विस्तृत परियोजना प्रस्ताव (Detailed Project Report) सलंग्न नहीं करने की स्थिति में विभाग द्वारा तैयार किया गया Model Project Report ही मान्य होगा।
लाभुक के चयन में मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों से कुक्कुट पालन में प्रशिक्षण प्राप्त आवेदकों को प्राथमिकता दी जायेगी। इस हेतु आवेदक को कुक्कुटपालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
लाभुक की चयन प्रक्रिया :
लाभुकों का प्रारंभिक चयन (Screening) क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन के स्तर पर किया जायेगा। आवेदक द्वारा समर्पित किये गये आवेदन पत्र एवं सभी संलग्न कागजातों की जाँच हेतु संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली त्रि-सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति के द्वारा की जायेगी। सदस्य के रूप में संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन कार्यालय में पदस्थापित दो वरीयतम पदाधिकारी होंगे।
उक्त त्रि-सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति द्वारा सभी प्राप्त आवेदन पत्रों (संलग्न कागजातों सहित) की जाँच की जायेगी एवं सभी आवेदको को उनकी स्थिति (योग्य/अयोग्य) के संबंध में सूचित किया जायेगा। जाँच के क्रम में योग्य/अयोग्य पाये गये सभी आवेदको से संबंधित विवरणी स्क्रीनिंग समिति की बैठक के दो दिनों के अन्दर पशुपालन निदेशालय को भी उपलब्ध करायी जायेगी।
पोल्ट्री फार्म योजना आवेदन की स्थिति
सभी आवेदको को उनकी स्थिति (योग्य/अयोग्य) के संबंध में एस0एम0एस0 (Mobile SMS) के द्वारा भी सूचित किया जायेगा, जिसकी विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाईट पर भी लॉग ईन कर प्राप्त की जा सकती है। अयोग्य पाये गये आवेदको को आपत्ति दर्ज करने का एक मौका दिया जाएगा। आयोग्य आवेदकों के द्वारा यदि कोई आपत्ति (निर्धारित तिथि के अन्दर) की जाती है, तो उन आपत्तियों के निस्तारण हेतु पुनः संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन के अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति द्वारा एक बैठक की जायेगी, जिसकी सूचना आपत्ति आवेदकों को भी दी जाएगी।
इस बैठक में आपत्ति करने वाले आवेदक भी उपस्थित रह सकते है। स्क्रीनिंग समिति द्वारा आपत्तियों के निराकरण में Online upload किये गये कागजातों पर ही विचार किया जायेगा। सभी आपत्तियों का निस्तार करने के उपरान्त सभी योग्य आवेदको की कोटि-वार सूची तैयार की जायेगी।
इसके उपरान्त स्क्रीनिंग समिति द्वारा प्रारंभिक रूप से योग्य पाये गये उपर्युक्त सूची के आवेदको के आवेदन पत्र को संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के स्तर पर गठित की जाने वाली त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति के स्तर से स्थल निरीक्षण एवं आवश्यक जाँच इत्यादि हेतु भेजा जायेगा।
त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा स्थल निरीक्षण एवं आवश्यक जाँचोपरान्त आवेदक द्वारा दी गई विवरणी सही पाये जाने पर संलग्न प्रपत्र-1 में अपनी अनुशंसा के साथ संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन को प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जायेगा।
त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा प्रपत्र-1 में उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन की संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन के अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति द्वारा जाँच की जाएगी एवं जाँचोपरान्त सभी योग्य आवेदको की कोटि-वार सूची तैयार कर अपनी अनुशंसा एवं सभी आवेदनों, अनुलग्नकों एवं जाँच प्रतिवेदनों के साथ संयुक्त निदेशक (मु०), पशुपालन निदेशालय की अध्यक्षता में गठित चयन समिति को लाभुकों का अंतिम रूप से चयन हेतु उपलब्ध करायी जायेगी। लाभुकों का अंतिम रूप से चयन संयुक्त निदेशक (मु०), पशुपालन निदेशालय की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा किया जायेगा।
लाभुकों के अंतिम रूप से चयन में ब्रायलर फार्म स्थापित करने हेतु आवेदन जमा करने की तिथि/समय को प्राथमिकता दी जायेगी अर्थात लाभुकों की वरीयता सूची पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तैयार की जायेगी।
त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन के आधार पर सभी योग्य आवेदको की कोटिवार वरीयता सूची निम्नांकित आधार पर तैयार की जायेगी :
- स्वलागत + प्रशिक्षण – प्रथम प्राथमिकता
- स्वलागत-द्वितीय प्राथमिकता
- प्रशिक्षण- तृतीय प्राथमिकता
वरीयता क्रम आवेदन जमा किये जाने के क्रम में होगा अर्थात् “पहले आओ पहले पाओ के आधार पर वरीयता सूची तैयार की जाएगी। वरीयता सूची में सबसे उपर प्रथम प्राथमिकता के दायरे में आनेवाले आवेदक आवेदन जमा किये जाने के क्रम में होंगे । तत्पश्चात् क्रमशः द्वितीय प्राथमिकता एवं तृतीय प्राथमिकता के दायरे में आनेवाले आवेदक आवेदन जमा किये जाने के क्रम में होंगे। शेष आवेदकों की वरीयता उपर्युक्त वर्णित तीनों प्राथमिकताओं के पश्चात् आवेदन जमा किये जाने के क्रम में होगी।
चयन समिति द्वारा सभी योग्य आवेदकों की कोटिवार वरीयता सूची तैयार की जायेगी, जिसमें से लक्ष्य के अनुरूप अंतिम रूप से लाभुकों का चयन किय जायेगा।
चयन समिति द्वारा लाभुकों के अंतिम चयन के उपरांत लाभुकों का चयन संबंधी स्वीकृति पत्र निदेशालय स्तर से निर्गत किया जायेगा एवं इसकी प्रति संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन/जिला पशुपालन पदाधिकारी को दी जायेगी। स्वीकृति पत्र प्राप्त होने के 10 दिनों के अन्दर चयनित लाभुक को विभागीय प्रतिनिधि (संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी) के साथ रूपये 1000/- का नॉन-ज्यूडिसियल स्टाम्प पेपर (Non-Judicial Stamp Paper) पर एकरारनामा करना अनिवार्य होगा।
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का निर्माण:
लाभुक के द्वारा एकरारनामा संपादित किये जाने के उपरान्त उनके द्वारा समर्पित परियोजना प्रस्ताव के अनुरूप 30 दिनों के अन्दर ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का निर्माण कराना प्रारम्भ किया जायेगा, जिसकी सूचना लाभुक द्वारा संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को दी जायेगी।
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की आधारभूत संरचना हेतु चयनित सभी लाभुकों से प्राप्त तत्संबंधी प्रतिवेदन को जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा संकलित कर समेकित प्रतिवेदन पशुपालन निदेशालय को उपलब्ध कराया जायेगा। लाभुक के द्वारा ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य प्रारम्भ किये जाने की तिथि के 30 दिनों के उपरान्त संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा चयनित लाभुक का स्थल निरीक्षण कर पशुपालन निदेशालय को ब्रायलर फार्म के आधारभूत संरचान की अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जायेगा।
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एकरारनामा संपादित करने की तिथि से 30 दिनों के अंदर ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करने की स्थिति में संबंधित लाभुक का स्वीकृति पत्र निरस्त कर दिया जायेगा तथा इसके लिए लाभुक स्वयं जिम्मेवार होंगे। एकरारनामा संपादित होने की तिथि से 6 (छ:) माह के अन्दर लाभुक के द्वारा ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य (Civil work) पूरा करना होगा।
अनुदान राशि का भुगतान
लाभुकों को अनुमान्य अनुदान का भुगतान निदेशक, पशुपालन के द्वारा 60 प्रतिशत् एवं 40 प्रतिशत् के दो किस्तों में किया जायेगा। भुगतान के लिए लाभुक के द्वारा ब्रायलर मुर्गी फार्म के वर्णित आधारभूत संरचना निर्माण का साक्ष्य (फोटोग्राफ इत्यादि) प्रस्तुत करना होगा।
3000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के अनुदान राशि का भुगतान
लाभुक के द्वारा 3000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना निर्माण के क्रम में फाउन्डेशन, पिलर एवं साईड वॉल के निर्माण उपरान्त अनुदान के प्रथम किस्त (60 प्रतिशत्) का भुगतान किया जायेगा।
अनुदान के द्वितीय किस्त (40 प्रतिशत्) का भुगतान शेष आधारभूत संरचना निर्माण के साथ सभी आवश्यक उपकरणों, बोरिंग, जेनरेटर सेट इत्यादि के संस्थापन के उपरान्त किया जायेगा। द्वितीय किस्त के भुगतान के लिए लाभुक के द्वारा ब्रायलर मुर्गी फार्म के आधारभूत संरचना निर्माण का साक्ष्य (फोटोग्राफ इत्यादि), सभी क्रय किये गये आवश्यक उपकरणों, बोरिंग, जेनरेटर सेट इत्यादि के अभिश्रव तथा फार्म के साथ लाभुक का फोटोग्राफ प्रस्तुत करना होगा।
5000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के अनुदान राशि का भुगतान
अनुदान की कुल राशि का 60 प्रतिशत प्रथम किस्त के रूप में लेयर मुर्गी फार्म का निर्माण कार्य (Civil Work) पूरा होने एवं लेयर चिक्स (5000) का लॉट रखने के साक्ष्य, लेयर मुर्गी के साथ लाभुक का फोटोग्राफ एवं फार्म का फोटोग्राफ प्रस्तुत करने के उपरान्त किया जायेगा।
लाभुकों को अनुमान्य अनुदान की शेष राशि 40 प्रतिशत द्वितीय किस्त के रूप में भुगतान फीड मिल गोदाम, फीड मिल उपकरण (1 टन प्रति घंटा उत्पादन क्षमता), जेनरेटर (साइलेन्ट डी०जी० सेट, 35 के0वी0ए0) इत्यादि के संस्थापन के साथ लाभुक का फोटोग्राफ साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने के उपरान्त किया जायेगा।
10000 क्षमता वाले ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के अनुदान राशि का भुगतान
अनुदान की कुल राशि का 60 प्रतिशत प्रथम किस्त के रूप में लेयर मुर्गी फार्म का निर्माण कार्य (Civil Work) पूरा होने एवं लेयर चिक्स (10000) का लॉट रखने के साक्ष्य, लेयर मुर्गी के साथ लाभुक का फोटोग्राफ एवं फार्म का फोटोग्राफ प्रस्तुत करने के उपरान्त किया जायेगा।
लाभुकों को अनुमान्य अनुदान की शेष राशि 40 प्रतिशत द्वितीय किस्त के रूप में भुगतान फीड मिल गोदाम, फीड मिल उपकरण (1 टन प्रति घंटा उत्पादन क्षमता), जेनरेटर (साइलेन्ट डी०जी० सेट, 35 के0वी0ए0) इत्यादि के संस्थापन के साथ लाभुक का फोटोग्राफ साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने के उपरान्त किया जायेगा।
लाभुक के द्वारा अनुदान की राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन विहित प्रपत्र (प्रपत्र-2) में संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को समर्पित करना होगा, जिसकी प्राप्ति आवेदक को दी जायेगी। जिला पशुपालन पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा आवेदन प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर स्थल निरीक्षण किया जायेगा। स्थल निरीक्षण के समय लाभुक का स्थल (ब्रायलर पोल्ट्री फार्म) पर उपस्थित रहना आवश्यक होगा।
स्थल निरीक्षण के क्रम में त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा पूरे ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की विधिवत् रूप से फोटोग्राफी करायी जायेगी। त्रि-सदस्यीय स्थल निरीक्षण-सह-जाँच समिति द्वारा ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का स्थल निरीक्षण एवं आवश्यक जाँचोंपरान्त संतुष्ट होने के पश्चात् लाभुक को अनुदान राशि का भुगतान करने हेतु अपनी अनुशंसा के साथ एवं स्थल निरीक्षण-सह-जाँच प्रतिवेदन (प्रपत्र-3) ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के फोटोग्राफ सहित संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्ति के 10 दिनों के अन्दर निदेशालय को उपलब्ध कराया जायेगा।
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निरीक्षण-सह-जाँच प्रतिवेदन (प्रपत्र-3) पशुपालन निदेशालय में प्राप्त होने के उपरान्त अनुमान्य अनुदान का भुगतान लाभुक के द्वारा उपलब्ध कराये गये बैंक खाते में NEFT/RTGS के माध्यम से किया जायेगा जिसकी विधिवत् रूप से प्राप्ति का साक्ष्य पशुपालन निदेशालय में संधारित किया जायेगा। संगत राज्यादेश की कंडिका-3 (xv) के आलोक में वित्तीय वर्ष 2018-19 में इस योजना के लिये स्वीकृत राशि निदेशक, पशुपालन, बिहार द्वारा बी0टी0सी0 फार्म-42 पर निकासी कर बिहार लाईवस्टॉक डेवलपमेन्ट एजेन्सी (बी०एल०डी०ए०), पटना के खाता में रखी जायेगी। लाभुक को अनुदान की राशि का भुगतान उक्त खाता के माध्यम से किया जायेगा।
योजना का अनुश्रवण/अन्यान्य:
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के आधारभूत संरचना निर्माण के उपरान्त संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के माध्यम से पोल्ट्री फार्म का Private Sector Integrator से Backward and Forward Linkage कराया जायेगा। Private Sector Integrator द्वारा एक दिवसीय चूंजा, कुक्कुट आहार (दाना इत्यादि), टीकाकरण, आवश्यक दवाएँ, Veterinary Services इत्यादि उपलब्ध करायी जायेंगी।
ब्रायलर पोल्ट्री तैयार हो जाने के उपरान्त Private Sector Integrator द्वारा ही उसके marketing की व्यवस्था की जायेगी तथा निर्धारित दर पर ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के संचालक को राशि का भुगतान Private Sector Integrator art fon TRTTI | Private Sector Integrator 37 Backward and Forward Linkage अनिवार्य नहीं होगा, ब्रायलर पोल्ट्री फार्म के संचालक अपने संसाधनों से भी पोल्ट्री फार्म का संचालन करने हेतु स्वतंत्र होंगे।
जिला स्तर पर मुर्गी फार्म योजना का अनुश्रवण संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के स्तर से किया जायेगा। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा प्रत्येक माह ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण/ब्रायलर पोल्ट्री की जाँच की जायेगी। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा इस कार्य में आवश्यकतानुसार जिले में पदस्थापित अन्य पशु चिकित्सकों का सहयोग लिया जा सकेगा।
ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की स्थापना में Bio-Security measures का अनुपालन करना लाभुक का दायित्व होगा। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा Bio-Security measures के अनुपालन की समीक्षा नियमित रूप से की जायेगी।
योजना अन्तर्गत चयनित लाभुकों द्वारा प्रत्येक माह की पहली तारीख को संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का मासिक प्रगति प्रतिवेदन समर्पित करना अनिवार्य होगा। संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा जिले में स्थापित सभी ब्रायलर पोल्ट्री फार्म से प्राप्त मासिक प्रगति प्रतिवेदन का संकलन कर प्रत्येक माह के 5वीं तारीख तक पशुपालन निदेशालय को उपलब्ध कराया जायेगा।
मुर्गी फार्म योजना की प्रगति की मासिक समीक्षा विभागीय स्तर पर की जायेगी। अनुलग्नक-1 एवं अनुलग्नक-2 संगत विभागीय स्वीकृति आदेश से लिया गया है। किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने की स्थिति में विवादों का निपटारा करने के लिये प्रधान सचिव/ सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
आज के इस पोस्ट में मैंने बताया की ब्रायलर पोल्ट्री फार्म योजना “जिसको मुर्गी फार्म योजना बिहार कहते है” क्या हैं और ब्रायलर पोल्ट्री फार्म योजना के लिए कैसे ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते हैं हमें उम्मीद है आपको सभी जानकारी मिल गया होगा अगर ब्रायलर पोल्ट्री फार्म पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे।