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Vijay Solutions > Tips Tricks > बिजली बिल में मोबाइल नंबर लिंक और मिस्ड कॉल से बिजली बिल जाने 2025

बिजली बिल में मोबाइल नंबर लिंक और मिस्ड कॉल से बिजली बिल जाने 2025

31/05/2025

बिजली बिल में मोबाइल नंबर लिंक : – अगर आपके घर में बिजली का कनेक्शन है और आपको टाइम पर बिजली बिल नहीं मिलता है तो आपका ये परेशानी दूर होने वाला है। क्योंकी बिहार सरकार के साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) और नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एसएमएस बिल सेवा की शुरुआत है।जिससे लोग मोबाइल से बिजली विभाग को मिस्ड कॉल कर अपना बिजली का बिल जान सकेंगे।

Contents
बिजली बिल में मोबाइल नंबर लिंक कैसे लिंक करे?बिजली बिल मोबाइल से कैसे डाउनलोड करे या मिस्ड कॉल से जाने ?बिहार में रोज तीन हजार स्मार्ट मीटर लगेंगेक्यों हुआ स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णयः लगातार बढ़ रहा है बिजली कंपनी का नुकसान 

बिहार के बिजली बिल निकले और ऑनलाइन जमा करना सीखे

इस सेवा का लाभ लेने के उपभोक्ता का मोबाइल नंबर बिजली बिल के साथ रेजिस्ट्रेड होना चाहिए अगर नहीं तो इस सेवा का लाभ नहीं ले सकते है तो चलिए आपको बताते है की कैसे आप अपना नंबर रजिस्टर्ड कर सकते है।

बिजली बिल में मोबाइल नंबर लिंक कैसे लिंक करे?

आपका बिजली कनेक्शन साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) और नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) में से किसी का भी हो लिंक करने के लिए सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट http://sgw.bsphcl.co.in/regmob.php पर जाना होगा, जिसके बाद आपके अपना पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेलेक्ट करना होगा जिसके बाद CA Number (Consumer Number) देना होगा जो आपके बिजली बिल पर लिखा होगा।

नया बिजली कनेक्शन (new electricity connection) के लिए अप्लाई

CA Number (Consumer Number) देने के बाद OTP मांगा जायेगा ,OTP पाने के लिए जो भी नंबर नंबर रेजिस्ट्रेड करना चाहते है उस मोबाइल नंबर से 7666008833 पर मिस्ड कॉल करना होगा। जिसके बाद OTP आपके मोबाइल पर आ जायेगा जिसे OTP वाले बॉक्स में लिखना होगा। उसके बाद नीचे Contact Number वाले बॉक्स में मोबाइल नंबर लिखना है जिस नंबर आपने मिस्ड कॉल किया है।

sbpdcl-मोबाइल-नंबर-परिवर्तन

सब कुछ देने के बाद नीचे में Registered Mobile Number लिखा हुआ मिलेगा जिस पर क्लिक कर देना है जिसके बाद आपके द्वारा दिया गया मोबाइल नंबर बिजली बिल के साथ रेजिस्ट्रेड हो जायेगा।

बिजली बिल मोबाइल से कैसे डाउनलोड करे या मिस्ड कॉल से जाने ?

अगर आपका मोबाइल नंबर आपके बिजली बिल के साथ रजिस्टर है तो रेजिस्ट्रेड नंबर से 7666008833 पर मिस्ड कॉल करना है जिसके बाद आपके मोबाइल पर मैसेज के द्वारा आपके बिल का बकाया राशि बता दिया जायेगा साथ में एक लिंक मिलेगा जिसकी मदद से आप अपना बिजली बिल डाउनलोड भी कर सकते है।

bijli-bill-me-mobile-number-register-kaise-kare

अगर बिजली बिल डाउनलोड करने में कोई दिक्कत हो तो डायरेक्ट नीचे दिए गया लिंक पर जा कर डाउनलोड कर सकते है।

नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL)
https://www.nbpdcl.co.in/WSMobileApp/ViewBill.asmx

साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL)
https://www.sbpdcl.co.in//WSMobileApp/ViewBill.asmx

ऊपर दिए गए दोनों लिंक में से जिस भी पावर डिस्ट्रीब्यूशन का बिजली कनेक्शन होगा उस पावर डिस्ट्रीब्यूशन वाले लिंक पर क्लिक कर CA Number दे कर Invoke पर क्लिक करना होगा जिसके बाद बिजली बिल आटोमेटिक डाउनलोड हो जायेगा।

मोबाइल नंबर रजिस्टर होने का फायदा ये भी है की जैसे ही आपका बिजली बिल बनेगा आपके मोबाइल पर बिजली बिल का राशि के साथ सभी जानकारी आ जायेगा।

ज्यादा जानकारी या सभी स्टेप देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखे और और लेटेस्ट वीडियो देखने के लिए हमारा YouTube चैनल Subscribe जरूर करे ,  अगर इस पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे | हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे।

बिहार में रोज तीन हजार स्मार्ट मीटर लगेंगे

बिहार में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की रफ्तार तीन गुना बढ़ेगी। अभी राज्य में हर रोज कमसे कम एक हजार मीटर लगाए जा रहे हैं। किसी दिन इसकी संख्या तीन हजार से अधिक भी हो जाती है। अब कंपनी ने हर रोज कम से कम तीन हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि डेढ़ साल के भीतर 23 लाख स्मार्ट मीटर लग जाए।

राज्य में इनर्जी इफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड-ईईएसएल की ओर से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। फ्रांस की एक कंपनी के माध्यम से ईईएसएल इसपर काम कर रही है। ईईएसएल के अधिकारियों के अनुसार कोरोना काल और बारिश के कारण स्मार्ट मीटर लगाने की गति अभी धीमी है। चूंकि बिजली कंपनी ने डेढ़ साल में 23 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य तय कियाहै।

ऐसे में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह जरूरी है कि स्मार्ट मीटर लगाने की गति को बढ़ाई जाए। इसे देखते हुए ही बिजली कंपनी ने इंजीनियरों को कहा है कि वे एजेंसी के साथ बेहतर समन्वय कायम करें। वैसे उपभोक्ता जो मीटर लगाने में आनाकानी कर रहे हैं, उनको मीटर की खासियत बताया जाए ताकि तय समय में काम पूरा हो सके। 

क्यों हुआ स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णयः 

अभी बिहार में 30 प्रतिशत बिजली का नुकसान हो रहा है। इसका बड़ा हिस्सा बिजली चोरी का है। हर महीने कंपनी को करोड़ोंका नुकसान हो रहा है। उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार 6000 करोड़ अनुदान मद में खर्च कर रही है। जबकि इसके पहले के वर्षों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5469 करोड़, 201920 में 5193 करोड़ तो 2018-19 में 5070 करोड़ का अनुदान राज्य सरकार ने दिया था। 

सुविधा के अनुसार मीटर का उपयोग कर रहे लोग स्मार्ट मीटर से बिजली कंपनी का नुकसान कम होने के साथ ही उपभोक्ताओं को भी कई सुविधाएं मिल रही है। जिन घरों में मीटर लग गए हैं, वैसे बिजली उपभोक्ता प्रीपेड बिजली स्मार्ट मीटर का उपयोग अपनी सुविधा के अनुसार कर रहे हैं। बाहर जाते समय मीटर को भी बंद कर रहे हैं। इससे पैसा बच रहा है। इसमें बिल भुगतान का झंझट नहीं है।

स्मार्ट मीटर को बढ़ावा देने के लिए ही कंपनी एक अप्रैल से तीन फीसदी की छूट दे रही है। यानि,एक महीने में कुल खपत की तीन फीसदी राशि अगले महीने के बिल में जुट रही है। मीटर में पैसा खत्म होने पर एक दिन का समय मिल रहा है। मीटर रिचार्ज कराने पर बिजली खुद-ब-खुद जुड़ रही है।

लगातार बढ़ रहा है बिजली कंपनी का नुकसान 

कंपनी अभी औसतन 4 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, जबकि आपूर्ति पर 7.44 रुपए खर्च हो रहे हैं। बीते चार-पांच वर्षों में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी तो बिजली चोरी का प्रतिशत भी बढ़ता गया। वर्ष 20 में उत्तर बिहार कंपनी का तकनीकीव्यावसायिक नुकसान 26.71 फीसदी तो दक्षिण बिहार का 42.86 फीसदी रहा। जबकि वर्ष 21 में उत्तर बिहार का 29.9 तो दक्षिण बिहार का 39 फीसदी नुकसान रहा।

वर्ष 22 में उत्तर बिहार का यह नुकसान 25.5 फीसदी तो दक्षिण बिहार कंपनी का नुकसान 34 फीसदी रहने का अनुमान है। अगर इसे राशि में देखें तो बिजली कंपनी को 2015-16 में 1073.61 करोड़ का नुकसान हुआ। जबकि 2016-17 में 1418.81 करोड़, 2017-18 में 3071.07 करोड़, 2018-19 में 2408.71 करोड़, 2019-20 में 2947.72 करोड़ तो 2020-21 में 4673 करोड़ का नुकसान हुआ है।

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