मछली पालन योजना बिहार 2023: बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से राज्य के मछली पालकों/मछुआरों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर तालाब मात्स्यिकी हेतु उन्नत इनपुट, उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन एव मछली-सह-मुर्गी पालन की योजना” के लिए आवेदन आमंत्रित किये है वही इक्छुक मत्स्य पालकों/मछुओं के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। जो भी पछली पालन सीखना चाहते है वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते है ऑनलाइन आवेदक की प्रकिर्या नीचे वीडियो के माद्यम से दिया गया है।
निःशुल्क प्रशिक्षण योजना का लाभ उठाकर मछली उतपादन में गुणात्मक वृद्धि एवं आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मछली पालन सिखने के बाद मछली से जुड़े बिज़नेस के लिए भी बिहार सरकार के द्वारा योजना शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत अनुदान दिया जाता है जो इस प्रकार है :-
- उन्नत इनपुट की योजना।
- उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन की योजना।
- मछली-सह-मुर्गी पालन की योजना।
मछली पालन प्रशिक्षण के मुख्य विषय
बायोफ्लॉक तकनीक से मत्स्य पालन,मत्स्य बीज हैचरी का कुशल संचालन एवं प्रबंधन, अलंकारी मछलियों का पालन एवं प्रबंधन, ऐक्वेरियम निर्माण की तकनीक, ऍक्वेरियम में मछलियों का रख-रखाव एवं प्रबंधन, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम आदि।
प्रशिक्षण हेतु चिन्हित संस्थान:
बिहार के बाहर:
- केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, काकीनाड़ा
- केन्द्रीय अर्न्तस्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर
- कोलकाता; केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, पावरखेड़ा
- कॉलेज ऑफ फिशरीज पंतनगर
- केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, साल्टलेक, कोलकाता
- केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन
- अनुसंधान संस्थान, कौशल्यागंगा, भुवनेश्वर
बिहार के अन्दर:
- मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार केन्द्र, मीठापुर पटना
- आई0सी0ए0आर, पटना केन्द्र, पटना
- कॉलेज ऑफ फिशरीज,ढोली मुजफ्फरपुर
- कॉलेज ऑफ फिशरीज किशनगंज ।
प्रशिक्षण हेतु बस/ रेलगाड़ी का किराया, प्रशिक्षण शुल्क, आवासन, भोजन आदि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। राज्य के बाहर प्रशिक्षण हेतु मार्ग व्यय भी दिया जाता है।
चयन हेतु पात्रता
- निजी/सरकारी जलकर/तालाब में मत्स्य पालन करने वाले मत्स्य कृषक/ मछुआ, मत्स्यपालक, __मात्स्यिकी विकास के विभिन्न अवयव/योजनाओं के लाभुक/ आवेदक/ मात्स्यिकी से जुड़े व्यवसायी ।
- प्रखण्डस्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सक्रिय सदस्य ।
उन्नत इनपुट की योजना
- इकाई लागत-1.50 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर।
- संचयन दर-5000 प्रति हेक्टेयर।
- अनुदान देय -50 प्रतिशत।
- भौतिक लक्ष्य – 1000 हेक्टेयर।
- अनुमान्यता – अधिकतम 2 हेक्टेयर जलक्षेत्र का तालाब। ग्रुप/समुह में अधिकतम 4 हेक्टेयर जलक्षेत्र का
- तालाब।
- शेष राशि लाभुकों के द्वारा स्वंय/बैंक ऋण के द्वारा व्यय की जाएगी।
- स्वलागत से योजना के कियान्वयन में इच्छुक लाभार्थी को प्राथमिकता दी जाएगी।
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उन्नत इनपुट की योजना योजना का लाभ लेने हेतु वांछित कागजात
- स्वामित्व हेतु भू-स्वामित्वप्रमाणपत्र/अद्यतन लैंड रसीद।
- लीज एकरारनामा (न्यूनतम 11 माह का)।
- शपथ पत्र (नोटरी) की मूलप्रति।
- प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी ।
- दो पासपोर्ट साईज का फोटो तथा फोटोयुक्त पहचानपत्र ।
- आधारकार्डनं०/राशनकार्डनं०/मतदाता पहचान पत्र/बैंक खाता, आइ०एफ०एस०सी०कोडआदि की अभिप्रमाणित प्रति संलग्न करना अनिवार्य।
उन्नत मत्स्य-बीज उत्पादन की योजना
- इकाई लागत-0.56 लाख रूपये प्रति 0.5 एकड़ (0.2 हेक्टेयरजलक्षेत्र)।
- लक्ष्य – 1000 इकाई।
- अनुदानदेय – 50 प्रतिशत
- अनुमान्यता – एक परिवार अधिकतम एक एकड़ जलक्षेत्र का तालाब। ग्रुप में एक हेक्टेयर जलक्षेत्र का तालाब।
- स्वलागत से योजना के क्रियान्वयन में इच्छुक लाभार्थी को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्नत मत्स्य-बीज उत्पादन की योजना योजना का लाभ लेने हेतु वांछित कागजात
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी।
- तालाब के जमीन का भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र/अद्यतन रसीद, लीज एकरारनामा (न्यूनतम 11 माह का)।
- शपथ पत्र की मूलप्रति।
- बैंक पासबुक का फोटो कॉपी आदि।
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मछली-सह-मुर्गीपालन की योजना।
- इकाईलागत – 7.99 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर।
- भौतिक लक्ष्य – 80 हेक्टेयर जलक्षेत्र।
- अनुदान देय – 50 प्रतिशत।
- अनुमान्यता – न्यूनतम एक एकड़ निर्मित/मौजूद जलक्षेत्र। अधिकतम 2 हेक्टेयर जलक्षेत्र का तालाब।
- शेष राशि लाभूकों के द्वारा स्वंय/बैंक ऋण के द्वारा व्यय की जाएगी।
- स्वलागत से योजना के कियान्वयन में इच्छुक लाभार्थी को प्राथमिकता दी जाएगी।
- तालाब पर मुर्गी फार्म निर्माण हेतु कम से कम 1000 वर्ग फीट जमीन उपलब्ध होना अनिवार्य होगा।
मछली-सह-मुर्गीपालन योजना का लाभ लेने हेतु वांछित कागजात
- दो पासपोर्ट साईज फोटो, आधार का फोटोकॉपी (स्वयं अभिप्रमाणित)।
- भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र/लीज की जमीन (न्यूनतम 9 वर्ष का),निबंधित
- एकरारनामा,पट्टा, अद्यतन राजस्व रसीद ।
- प्रशिक्षण प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी।
- शपथपत्र की मूलप्रति, बैंक पासबुक का फोटो कॉपी आदि।
ऊपर दिए गए तीनो मछली पालन योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन
मछली पालन योजना के ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के वेबसाइट http://fisheries.ahdbihar.in/ पर जाना होगा
इस वेबसाइट पर जाने के बाद “मछली पालन योजनाओं हेतु पंजीकरण” लिखा हुआ लिंक मिलेगा जिसपर क्लिक करना होगा जिसके बाद नया रजिस्ट्रेशन के लिए नया पेज खुलेगा जिससे भर कर अपना एक अकाउंट बनाना होगा
अकाउंट बनाने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड दिया जायेगा जिसकी मदद से मछली पालन योजना में आवेदन करने के लिए लॉगिन http://misfisheries.ahdbihar.in करना होगा , लॉगिन करने के बाद सबसे पहले पासवर्ड चेंज करना होगा जो आप अपने मन से रख सकते है
जिसके बाद ऊपर में मछली पालन योजना में अप्लाई करने का ऑप्शन मिलेगा जिस पर क्लिक करना होगा क्लिक करते ही आवेदन फॉर्म खुलेगा जिसमे सभी जरुरी जानकरी भर कर सबमिट करना होगा अगले पेज में सभी जरुरी डोक्यूर्मेंट मांगा जायेगा जिससे अपलोड करना होगा डॉक्यूमेंट पीडीऍफ़ फाइल में और साइज 1 mb से जायदा नहीं होना चाहिए
सभी जरुरी कागजात अपलोड करने के बाद फाइनल सबमिट करना होगा जिसके बाद आवेदन फॉर्म का प्रिंट ले सकते है और डाउनलोड भी कर सकते है
मछली पालन योजना बिहार के सभी स्टेप देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखे और और लेटेस्ट वीडियो देखने के लिए हमारा YouTube चैनल Subscribe जरूर करे , अगर मछली पालन योजना बिहार से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे | हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे।
मछली पालन प्रशिक्षण के लिए आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखे