बकरी पालन योजना बिहार 2023: अगर आप बिहार से है और बकरी पालन कर अपना बकरी फार्म खोलना चाहते है तो बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा इच्छुक युवक/युवती/किसान/बकरी पालक से बकरी पालन योजना बिहार 2023 काऑनलाइन आवेदन फॉर्म आमंत्रित किये है जो भी लोग इस बकरी पालन योजना 2023 का लाभ लेना चाहते है वो आवेदन कर सकते है. इस बकरी पालन योजना में आवेदन करने पर बिहार सरकार के द्वारा लोगो को सब्सिडी दी जाती है आज मै आपको इस आर्टिकल में बिहार बकरी पालन (Goat Farm) योजना 2023 में ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया, जरुरी कागजात, मिलने वाला अनुदान के अलावा इस योजना से जुड़े सभी जानकारी दूंगा।
इस बकरी फार्म योजना को समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना भी कहते है साल 2023 की बात करे तो बकरी फार्म (Goat Farm) खोलना चाहते है जिनमे 10 बकरी +1 बकरा, 20 बकरी +1 बकरा और 40 बकरी+ 2 बकरा क्षमता वाले बकरी फार्म योजना के लिए आवेदन शुरू किये है जिसके लिए 2.40 लाख तक का सब्सिडी दिया जायेगा. इस बकरी पालन योजना के अंतर्गत सामान्य जाती के आवेदकों को 50% और अनुसूचित जाती या अनुसूचित जन जाती के आवेदकों को 60% अनुदान दिया जायेगा।
Bakri Farm Yojana 2023 Highlights/Bakri Palan Yojana 2023 Highlights
योजना का नाम | बकरी पालन योजना 2023 |
योजना टाइप | बिहार सरकार की योजना |
राज्य | बिहार |
लाभार्थी | राज्य के स्थाई निवासी |
उद्देश्य | बकरीपालन को बढ़ावा देने एवं उन्नत नस्ल के बकरा/बकरी की उपलब्धता सुनिश्चित करना |
विभागीय वेबसाईट | https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html |
विभाग | पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशुपालन निदेशालय |
Goat Farm ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट | http://animal2018.ahdbihar.in/ |
आवेदन भरने की अंतिम तिथि | update Soon |
बकरी पालन योजना का उद्देश्य
बिहार में बकरी पालन को बढ़ावा देने एवं उन्नत नस्ल के बकरा/बकरी की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु निजी क्षेत्र में Goat Farm (10 बकरी+1 बकरा क्षमता, 20 बकरी+1 बकरा क्षमता, 40 बकरी+2 बकरा क्षमता) की स्थापना लागत पर सामान्य जाति के लाभुकों को 50 प्रतिशत एवं अनुसुचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को 60 प्रतिशत अनुदान एवं प्रशिक्षण देकर बकरी/बकरा पालन को प्रोत्साहित करने के लिए बकरी पालन फार्म योजना के शुरू किया गया है।
- बिहार का कोई स्थाई निवासी Goat Farm खोल कर खुद का रोजगार शुरू कर सकता है।
- राज्य में बकरी/बकरा उत्पादन से मानव उपयोग के निमित्त पशु जन्य प्रोटीन की उपलब्धता में वृद्धि करना है।
- Bakri Palan Yojana योजना के तहत बकरी पालन फार्म खोलने पर लाभार्थी को कम से कम 5 वर्ष तक यह बकरी फार्म चलाना होगा।
- लाभुकों को बकरी फार्म (Goat Farm) के आधारभूत संरचना निर्माण एवं हरा चारा उगाने हेतु आवश्यकतानुसार अनिवार्य रूप से भूमि एवं सूखा चारा की व्यवस्था स्वयं करना होगा।
Bihar Goat Farm खोलने पर दी जाने वाली अनुदान राशी
बकरी फार्म खोलने पर उस पर लगने वाले खर्च और सरकार के द्वारा मिलने वाला अनुदान राशि कुछ इस प्रकार से है :-
श्रेणी | बकरी फार्म की क्षमता | अनुमानित लागत राशी | अनुदान की दर | अधिकतम अनुदान की राशी |
सामान्य | 20 बकरी+1बकरा 40बकरी+2बकरा | 2 लाख रूपये 4 लाख रूपये | 50% | 1 लाख रूपये 2 लाख रूपये |
अनुसूचित जाती | 20बकरी+1बकरा 40बकरी+2बकरा | 2 लाख रूपये 4 लाख रूपये | 60% | 1 लाख रूपये 2 लाख रूपये |
अनुसूचित जन जाती | 20बकरी+1बकरा 40बकरी+2बकरा | 2 लाख रूपये 4 लाख रूपये | 60% | 1 लाख रूपये 2 लाख रूपये |
बकरी फार्म योजना के आवेदन हेतु वांछित भूमि (आधारभूत संरचना एवं हरा चारा उगाने हेतु) एवं राशि (स्वलागत अथवा बैंक ऋण हेतु) निम्नवत है:
लक्ष्य से अधिक योग्य आवेदकों की प्रतिक्षारत कोटिवार वरियता सूची निर्धारित मापदंड के आधार पर तैयार कर रखी जायेगी। इन योग्य आवेदकों को आगामी समरुप योजना मे सशर्त चयन किया जा सकेगा।
ऑनलाईन बकरी फार्म योजना आवेदन हेतू वांछित कागजात
- वांछित भूमि का साक्ष्य : अद्यतन लगान रसीद/एल.पी.सी., लीज एकरारनामा, नजरी नक्शा
- वांछित राशि का साक्ष्य : पासबुक, एफ.डी., अन्य (प्रथम तथा अंतिम पृष्ठ जिस पर राशि अंकित हो)
- प्रशिक्षण : सरकारी संस्थानों से बकरी पालन प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदक हेतु : जाति प्रमाण-पत्र
- अन्य कागजातः फोटो, आधार, वोटर आई.डी., पैन कार्ड, आवास प्रमाण-पत्र
- इस स्कीम के तहत बकरा/बकरियों के क्रय (Insurance Cost) सहित एवं आधारभूत संरचना (Goat Farm) के निर्माण के लिए अनुदान देय होगा।
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प्राथमिकताएँ
लाभुकों का चयन ”पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर किया जायेगा। लाभुक के चयन में स्वलागत से बकरी फार्म स्थापित करने तथा बकरी पालन में प्रशिक्षण प्राप्त आवेदक को प्राथमिकता दी जायेगी।
ऋण/स्वलागत : आवेदक चाहे तो बैंक से ऋण लेकर अथवा स्वलागत से बकरी फार्म स्थापित कर सकता है। बैंक से ऋण प्राप्त करने हेतु आवश्यक प्रक्रिया लाभुक के द्वारा स्वयं की जायेगी। अनुदान की राशि चयनित लाभुकों को दोनों स्थिति में देय होगा।
Goat Farm खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशुपालन निदेशालय के वेबसाइट पर जाना होगा जहाँ आवेदन Latest News के टैब में बकरी फार्म योजना का आप्शन दिखाई देगा जिस पर क्लिक करना है क्लिक करते ही नया वेबसाइट खुल जायेगा।
इस वेबसाइट पर जाने के बाद आप आधार या वोटर आईडी में से कोई एक आप्शन का चयन कर आधार नंबर या वोटर नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करके Register पर क्लिक खुद को रजिस्टर करना होगा।
जब आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाता है उसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर आपके रजिस्ट्रेशन का पासवर्ड भेज दिए जाते है | जिसकी मदद से आपको लॉग इन करना है लॉग इन होने के बाद आपके बकरी फार्म योजना का फॉर्म खुल जायेगा इस फॉर्म में सभी जरुरी जानकारी आपको सही सही दर्ज करनी है उसके बाद जरुरी दस्तावेज अपलोड करना है जैसा मैंने ऊपर बताया है और अंत में फॉर्म को सबमिट कर देना है और आपका आवेदन हो जाता है।
बकरी फार्म योजना के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए गए वीडियो को दिखे और लेटेस्ट वीडियो देखने के लिए हमारा YouTube चैनल Subscribe जरूर करे
Goat Farm हेतु लाभुक का चयन (आवेदन पत्र/योग्यता इत्यादि):
- इस योजना के तहत लाभुकों का चयन करने हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन का प्रकाशन कर इच्छुक बकरीपालकों/गरीब परिवारों से आवेदन आमंत्रित किया जायेगा। विज्ञापन का प्रकाशन सहायक निदेशक, पशुपालन सूचना एवं प्रसार, बिहार, पटना के माध्यम से कराया जायेगा।
- योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर किया जाएगा तथा योजना के प्रचार प्रसार कर ऑन-लाईन आवेदन प्राप्त किया जायेगा तथा योजना का कार्यान्वयन राज्य के सभी जिलों में किया जायेगा।
- ऑन-लाईन आवेदन प्राप्त करने हेतु सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी का चयन पशुपालन निदेशालय द्वारा किया जायेगा। चयनित एजेंसी को भुगतान की कार्रवाई पशुपालन निदेशालय द्वारा की जायेगी।
- योजना अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाईन आवेदन करना होगा। विज्ञापन प्रकाशन के उपरान्त ऑनलाईन लिंक खुलने के तिथि से 30 दिनों तक आवेदन समर्पित किये जा सकते है। इसके लिये विभागीय वेबसाईट- ahd.bih.nic.in पर दिये गये लिन्क (link) पर जाकर आधार संख्या/वोटर कार्ड संख्या से पंजीकरण (Registration) करना होगा। ऑनलाईन आवेदन पत्र भरते समय सभी वांछित कागजातों/अनुलग्नकों को ऑनलाईन (Online) अपलोड (upload) करना होगा।
- ऑनलाईन अपलोड करने से पहले पूर्वाभ्यास हेतु मॉडल आवेदन पत्र संलग्न है। आवेदन पत्र भरने से पहले सभी वांछित पठनीय अनुलग्नकों (संगत विभागीय कार्यान्वयन अनुदेश के अनुरुप) को scan कराकर Pdf format में Soft copy तैयार कर लिया जायेगा जिसे ऑनलाईन आवेदन के साथ अपलोड किया जायेगा।
- ऑनलाईन आवेदन समर्पित करने के बाद आवेदक को एक प्राप्ति रसीद प्राप्त होगा जिसमें उनके द्वारा जमा किये गये सभी कागजातों की प्राप्ति एवं आवेदन आई.डी. अंकित होगा। प्राप्ति रसीद में अंकित आई.डी./आधार संख्या/वोटर कार्ड संख्या एवं पासवर्ड से लॉग-इन (Login) कर आवेदन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी
- एक आवेदक द्वारा एक ही आवेदन पत्र समर्पित किया जायेगा। आवेदक सरकारी सेवा में हो तो आवेदन मान्य नहीं होगा।
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदकों द्वारा जाति प्रमाण पत्र (अचंलाधिकारी) द्वारा निर्गत संलग्न करना अनिवार्य होगा।
- पूर्व में विभागीय स्तर से बकरी फार्म की स्थापना हेतु अनुदान प्राप्त/ चयनित लाभुकों को इस योजना के अन्तर्गत लाभ देय नहीं होगा।
बकरी फार्म (Goat Farm) स्थापित करने हेतु आवश्यक भूमि उपलब्धता का ब्यौरा
आवेदन पत्र के साथ बकरी फार्म (Goat Farm) स्थापित करने हेतु आवश्यक भूमि उपलब्धता का ब्यौरा, यथा- भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र (Land Possession Certificate)/अद्यतन लगान रसीद, यदि लीज हो तो लीज एकरारनामा (रू0 1000/- के Non Judicial Stamp पर)/लीज निबंधन की प्रति जमा करना होगा। उक्त एकरारनामा में यह अंकित रहना अनिवार्य होगा कि भूमि पर बकरी फार्म का (Goat Farm) का निर्माण किया जायेगा। भूमि अपनी हो अथवा लीज पर ली गई हो और आवेदन स्वीकृति के समय कम से कम 7 (सात) वर्षों के लिए भूमि लीज की अवधि शेष होना अनिवार्य है। लीज वाले जमीन का भी भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा अद्यतन लगान रसीद संलग्न करना अनिवार्य है। पैतृक भूमि होने पर सभी दावेदारो का अनापत्ति शपथ पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। आवेदन पत्र के साथ प्रस्तावित बकरी फार्म (Goat Farm) का – नजरी नक्शा भी जमा करना भी अनिवार्य है।
- आवेदन के समय आवेदक के पास अपने आवासीय जिला में ही बकरी फार्म हेतु जमीन उपलब्ध होना चाहिये तथा तत्संबंधी ब्यौरा ही ऑनलाईन भरा जाना चाहिये।
- चयन होने के उपरांत किसी भी कारणवश आवेदन के समय दिये गए कार्य हेतु जमीन का ब्यौरा में बदलाव होने पर आवेदन स्वय रद्द हो जायेगा। किसी भी कारण से जमीन में बदलाव होने पर इसकी स्वीकृति जिला पशुपालन पदाधिकारी के अनुशंसा पर क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन द्वारा दिया जायेगा।
- आवेदन पत्र के साथ बकरी फार्म (Goat Farm) हेतु प्रस्तावित भूमि का एक नजरी नक्शा भी अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। प्रस्तावित भूमि का सड़क से जुड़ा रहना आवश्यक होगा ताकि परिवहन इत्यादि सुविधाजनक रुप से हो सके । आवेदन पत्र के साथ प्रस्तावित भूमि का नजरी नक्शा नहीं जमा किये जाने की स्थिति में आवेदक को स्थल निरीक्षण/जाँच के समय नजरी नक्शा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
Goat Farm के लिए लोन/राशि
कोटिवार/क्षमतावार स्वलागत अथवा बैंक ऋण हेतु वर्णित वांछित राशि की उपलब्धता संबंधित साक्ष्य (अद्यतन बैंक पासबुक/बैंक के शाखा प्रबंधक द्वारा सत्यापित खाता विवरणी (Account Statement)/बैंक सावधि जमा अथवा बीमा का प्रत्यर्पण मूल्य (Surrender Value) इत्यादि को ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य होगा।
बैंक से ऋण प्राप्त करने हेतु आवश्यक प्रक्रिया लाभुक के द्वारा स्वयं की जायेगी। बैंक द्वारा लाभुक के ऋण ओवदन को अस्वीकृत कर दिये जाने की स्थिति में संबंधित लाभुक का यह दायित्व होगा कि वह अविलम्ब संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को इसकी सूचना दे एवं इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करे कि वह स्वलागत से इसे पूरा करना चाहते हैं अथवा नहीं । स्वलागत से बकरी फार्म का निर्माण कराये जाने की स्थिति में उन्हें स्वलागत के लिए आवश्यक राशि की उपलब्धता का साक्ष्य समर्पित करना होगा।
बैंक ऋण से संबंधित आवेदन को जिला पशुपालन पदाधिकारी के द्वारा एकरारनामा के एक सप्ताह के अंदर संबंधित बैंक को भेजना सुनिश्चित करेंगे। बैंक ऋण स्वीकृति नहीं होने के स्थिति में पुनः 15 दिन के बाद बैंक को स्मारित करेंगे। आवेदक का बैंक ऋण एकरारनामा के दिन से एक महीना तक स्वीकृत नहीं होता है तो उस परिस्थिति में आवेदक को स्वलागत से योजना को पूरा करने के लिए प्रेरित करेंगे।
आवेदक के द्वारा स्वलागत का आवेदन देते समय उन्हें स्वलागत के लिए वांछित आवश्यक राशि उपलब्धता का साक्ष्य समर्पित करना होगा। अनुदान की राशि चयनित लाभुकों को दोनों स्थिति में देय होगा । लाभुक चाहें तो बैंक से ऋण लें अथवा स्वयं व्यय का वहन करें।
चयन प्रकिर्या
चयन की योग्यता पूरा करने वाले आवेदकों के बीच लाभुक चयन करने के क्रम में स्वलागत एवं बकरी पालन में प्रशिक्षण (प्रशिक्षण अवधि न्यूनतम पाँच दिनों की) प्राप्त आवेदक को प्राथमिकता दी जायेगी। आवेदक को बकरीपालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जमा करना होगा। सिर्फ सरकारी संस्थान अथवा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य संस्थानों से प्राप्त प्रशिक्षण प्रमाण ही मान्य होगा। उपर्युक्त प्राथमिकताओं के आलोक में वरीयता सूची “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर तैयार की जाएगी।
ऑनलाईन प्राप्त सभी बकरी पालन योजना बिहार आवेदनों की प्रारंभिक जाँच (Screening) जिला स्तर पर किया जायेगा। आवदेक द्वारा समर्पित किये गये आवेदन पत्र एवं सभी कागजातों की प्रारंभिक जाँच (Screening) सहायक कुक्कुट पदाधिकारी/प्रभारी सहायक कुक्कुट पदाधिकारी/जिला पशुपालन पदाधिकारी के स्तर से प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बैठक की तिथि की सूचना वैसे सभी आवेदको को दूरभाष के माध्यम से दी जायेगी। आवेदकों की उपस्थिति में उक्त प्रारंभिक जाँच (Screening) (सहायक कुक्कुट पदाधिकारी/ प्रभारी सहायक कुक्कुट पदाधिकारी /जिला पशुपालन पदाधिकारी के स्तर से प्राधिकृत पदाधिकारी) द्वारा सभी प्राप्त आवेदन पत्रों (संलग्न कागजातों सहित) की जाँच की जायेगी। अयोग्य पाये गये आवेदको के द्वारा यदि त्रुटि निराकरण हेतु समय की मांग की जाती है, तो उन्हें अधिकतम एक सप्ताह का समय देते हुए निस्तारण हेतु पुनः प्रारंभिक जाँच (Screening) पदाधिकारी द्वारा एक बैठक की जायेगी, जिसमें उन आवेदको को वांछित कागजातों के साथ उपस्थित रहना होगा।
त्रुटि निराकरण की बैठक में सिर्फ ऑनलाईन आवेदन के समय अपलोड किये गये कागजातों का ही सत्यापन किया जायेगा। प्रारंभिक जाँच (Screening) हेतु प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा इस प्रकार सभी योग्य आवेदको की प्रारंभिक सूची तैयार कर प्रपत्र-1 में जिला पशुपालन पदाधिकारी को समर्पित की जायेगी। उक्त सूची के आलोक में संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा स्थल निरीक्षण एवं आवश्यक जाँच कर स्थल निरीक्षण/जाँच प्रतिवेदन प्रपत्र-2 में जिला पशुपालन पदाधिकारी को समर्पित किया जायेगा।
सहायक कुक्कुट पदाधिकारी/जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा प्रपत्र-2 में समर्पित उक्त स्थल निरीक्षण/जाँच प्रतिवेदन का सत्यापन किया जायेगा तथा आवश्यक जाँचोपरान्त आवेदक द्वारा दी गई विवरणी सही पाये जाने पर संलग्न प्रपत्र-3 में अपनी अनुशंसा के साथ चयन समिति को प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जायेगा।
लाभुको का अंतिम रूप से चयन जिला पशुपालन पदाधिकारी के अध्यक्षता में गठित चयन समिति के द्वारा जिसमें निम्नांकित पदाधिकारी सदस्य के रूप में रहेंगे :
- (क)- संबंधित क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन कार्यालय के प्राधिकृत पदाधिकारी ।
- (ख)– संबंधित जिला के अग्रणी बैंक प्रबंधक ।
- (ग)- सहायक कुक्कुट पदाधिकारी/ प्रभारी सहायक कुक्कुट पदाधिकारी/जिला पशुपालन पदाधिकारी के स्तर से प्राधिकृत पदाधिकारी ।
चयन समिति द्वारा प्रपत्र-3 में उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन की जाँच की जाएगी एवं जाँचोपरान्त सभी योग्य आवेदको की कोटि-वार वरीयता सूची निर्धारित मापदण्ड के आधार पर तैयार की जायेगी। तत्पश्चात् चयन समिति द्वारा उक्त सूची से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वरीयतानुसार कोटिवार लाभुकों का अंतिम रूप से चयन किया जायेगा।
चयन समिति लक्ष्य और निधि की उपलब्धता के आलोक में उन आवेदकों का चयन करेगी जो निर्धारित Criteria को पूरा करते हों। “चयन समिति द्वारा प्रपत्र-3 में उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन के आधार पर सभी योग्य आवेदको की कोटिवार वरीयता सूची निम्नांकित आधार पर तैयार की जायेगी :
- स्वलागत + प्रशिक्षण – प्रथम प्राथमिकता
- स्वलागत – द्वितीय प्राथमिकता
- प्रशिक्षण – तृतीय प्राथमिकता
वरीयता क्रम आवंटन जमा किये जाने के क्रम में होगा अर्थात् “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर वरीयता सूची तैयार की जायेगी। वरीयता सूची में सर्वप्रथम प्राथमिकता के दायरे में आने वाले आवेदक जमा किये जाने के क्रम में होंगे । तत्पश्चात् क्रमशः द्वितीय प्राथमिकता एवं तृतीय प्राथमिकता के दायरे में आने वाले आवेदक आवेदन जमा किये जाने के क्रम में होगें। शेष आवेदकों की वरीयता उपर्युक्त वर्णित तीनों प्राथमिकताओं के पश्चात् आवेदन जमा किये जाने के क्रम में होगी।
चयन समिति द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन के आधार पर सभी योग्य आवेदकों की कोटिवार वरीयता सूची निर्धारित मापदंड के आधार पर की जायेगी। तत्पश्चात् चयन समिति द्वारा उक्त सूची में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वरीयता अनुसार कोटिवार लाभुकों का अंतिम रूप से चयन किया जायेगा। लक्ष्य से अधिक योग्य आवेदकों की प्रतीक्षारथ कोटिवार वरीयता सूची निर्धारित मापदंड के आधार पर तैयार कर रखी जायेगी।
इन योग्य आवेदकों को समरूप योजना में सशर्त बकरी पालन हेतु आवेदन पत्र चयन किया जायेगा।
संगत राज्यादेश की कंडिका-10 के आलोक में कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट को देखते हुए योजना में अंतिम रूप से चयनित सूची में से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वरीयता अनुसार कोटिवार लाभुकों को शुरूआत यानि प्रथम चरण में 1/3 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जायेगा एवं स्वीकृति पत्र निर्गत किया जायेगा । बाद में यानि द्वितीय चरण में फंड की उपलब्धता के अनुसार बाकी 2/3 लाभुकों को अंतिम रूप से चयनित सूची में से योजना का लाभ दिया जायेगा एवं स्वीकृति पत्र निर्गत किया जायेगा ।
चयन समिति द्वारा लाभुकों को अंतिम चयन के उपरान्त जिला पशुपालन पदाधिकारी के स्तर से लाभुकों के चयन संबंधी स्वीकृति पत्र विहित पत्र-4 में निर्गत किया जायेगा एवं इसकी प्रति संबंधित क्षेत्रीय निदेशक, पशुपालन को दी जायेगी।
लाभुक का चयन होने के उपरान्त बैंक से ऋण प्राप्त करने वाले आवेदकों के आवेदन को ऋण स्वीकृति हेतु संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा संबंधित बैंक को अग्रसारित किया जायेगा। स्वीकृति पत्र निर्गत होने के 7 दिनों के अन्दर चयनित लाभुकों को विभागीय प्रतिनिधि (संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी) के साथ 1000/-रूपये के नॉन-ज्यूडिसियल स्टाम्प पेपर (Non-Judicial Stamp Paper) पर एकरारनामा (प्रपत्र-7 में) करना अनिवार्य होगा। चयन के उपरान्त किन्ही कोटियों में यदि पुनः रिक्तियाँ प्राप्त होती हैं तो आवश्यकतानुसार चयन समिति द्वारा पूर्व निर्धारित कोटिवार वरीयता सूची से नये लाभुकों का चयन किया जा सकेगा।
बकरी फार्म [Goat Farm) का निर्माण एवं अनुदान की राशि का भुगतान :
20 बकरी +1 बकरा क्षमता एवं 40 बकरी + 2 बकरा क्षमता योजना अन्तर्गत प्रथम किस्त के रूप में कुल अनुदान राशि का 40 प्रतिशत क्रमशः अधिकतम रू0 41,000/- तथा अधिकतम रू0 81,800/- का भुगतान आधारभूत संरचना निर्माण के पश्चात् किया जाएगा। द्वितीय किस्त के रूप में शेष अर्थात् अनुदान राशि का 60 प्रतिशत क्रमशः अधिकतम रू0 61,500/- तथा अधिकतम रू0 1,22,700/- का भुगतान बकरा/बकरी का क्रय के पश्चात् किया जाएगा।
अनुसूचित जाति कोटि एवं अनुसूचित जनजाति कोटि के लिए 60 प्रतिशत अनुदान की राशि का भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा। 20 बकरी +1 बकरा क्षमता एवं 40 बकरी + 2 बकरा क्षमता योजना अन्तर्गत प्रथम किस्त के रूप में कुल अनुदान राशि का 40 प्रतिशत कमशः अधिकतम रू0 49,200/- तथा अधिकतम रू0 98,160/- का भुगतान आधारभूत संरचना निर्माण के पश्चात् किया जाएगा। द्वितीय किस्त के रूप में शेष अर्थात् अनुदान राशि का 60 प्रतिशत कमशः अधिकतम रू0 73,800/- तथा अधिकतम रू0 1,47,240/- का भुगतान बकरा/बकरी का क्रय के पश्चात् किया जाएगा।
लाभुक के द्वारा एकरारनामा संपादित किये जाने के उपरान्त उनके द्वारा समर्पित परियोजना प्रस्ताव/संगत विभागीय राज्यादेश के साथ संलग्न Model Project Report के अनुरूप 45 दिनों के अन्दर बकरी फार्म (Goat Farm) के आधारभूत संरचना का निर्माण कर लिया जायेगा। इसके पश्चात् अगले 15 दिनों में बकरी/बकरा का क्रय कर विधिवत् फार्म का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
लाभुक का फोटोग्राफी अनिवार्य
बकरी फार्म (Goat Farm) के लिए बकरी/बकरा का क्रय संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के समक्ष जिला के अन्दर पशु हाटों एवं मेलों में किया जाएगा। बैंक ऋण के स्थिति में संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के साथ संबंधित बैंक प्रबंधक या उनके प्रतिनिधि समक्ष किया जाएगा ।क्रय के उपरान्त खरीदे गये बकरी/बकरा के साथ लाभुक का फोटोग्राफी होना अनिवार्य होगा।
बकरी फार्म (Goat Farm) के आधारभूत सरंचना का निर्माण पूर्ण होने के पश्चात् लाभुक के द्वारा प्रथम किस्त का अनुदान की राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन विहित प्रपत्र (प्रपत्र-5) में संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा, जिसकी प्राप्ति आवेदक को दी जायेगी। आवेदन पत्र के साथ बकरी फार्म (Goat Farm) के आधारभूत सरंचना के साथ लाभुक का फोटोग्राफ साक्ष्य के रूप में जमा करना अनिवार्य होगा।
जिला पशुपालन पदाधिकारी के द्वारा प्रथम किस्त के अनुदान की राशि के भुगतान हेतु संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र दिया जाएगा। संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा पत्र प्राप्ति के 05 (पाँच) दिनों के अंदर स्थल निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जायेगा। स्थल निरीक्षण के समय लाभुक का स्थल (बकरी फार्म) पर उपस्थित रहना आवश्यक होगा। स्थल निरीक्षण के समय संबंधित जाँच पदाधिकारी के साथ लाभुक एवं बकरी फार्म के आधारभूत सरंचना का अन्दर एवं बाहर से फोटोग्राफी कराना अनिवार्य है।
आधारभूत संरचना निर्माण का स्थल निरीक्षण
संबंधित जाँच पदाधिकारी ( प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी ) द्वारा बकरी फार्म (आधारभूत संरचना निर्माण) का स्थल निरीक्षण एवं आवश्यक जाँचोंपरान्त संतुष्ट होने के पश्चात् लाभुक को अनुदान राशि का भुगतान करने हेतु स्थल निरीक्षण-सह-जाँच प्रतिवेदन प्रपत्र-6 अनुशंसा के साथ संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को ( अभिप्रमाणित लाभुक एवं बकरी फार्म के आधारभूत सरंचना का अन्दर एवं बाहर से फोटोग्राफ सहित) उपलब्ध कराया जाएगा। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा संतुष्ट होने के पश्चात अनुदान के प्रथम किस्त की अनुमान्य राशि का भुगतान एकाउन्टपेयी चेक/खाता अंतरण (DBT) के माध्यम से की जायेगी।
45 दिनों के अंदर Goat Farm सरंचना का निर्माण
एकरारनामा संपादित करने की तिथि से 45 दिनों के अंदर बकरी फार्म (Goat Farm) के आधारभूत सरंचना का निर्माण पूर्ण नहीं करने की स्थिति में संबंधित लाभुक का स्वीकृति पत्र निरस्त कर दिया जायेगा तथा इसके लिए लाभुक स्वयं जिम्मेवार होंगे।
बकरी फार्म योजना (Bakri Farm Yojana) के आधारभूत सरंचना एवं बकरी कय का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् लाभुक के द्वारा द्वितीय किस्त के अनुदान की राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन विहित प्रपत्र (प्रपत्र-5) में संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा, जिसकी प्राप्ति आवेदक को दी जायेगी।
आवेदन पत्र के साथ आभुक को लाभुक एवं बकरी फार्म (कय किये गये बकरियों सहित) के अन्दर एवं बाहर से फोटोग्राफ का साक्ष्य एवं बकरी क्रय रसीद उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
जिला पशुपालन पदाधिकारी के द्वारा द्वितीय किस्त के अनुदान की राशि के भुगतान हेतु संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र दिया जाएगा।
संबंधित प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा पत्र प्राप्ति के 05 (पाँच) दिनों के अंदर स्थल निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जायेगा। स्थल निरीक्षण के समय लाभुक का स्थल (बकरी फार्म) पर उपस्थित रहना आवश्यक होगा। स्थल निरीक्षण के समय संबंधित जाँच पदाधिकारी के साथ लाभुक एवं बकरी फार्म के (कय किये गये बकरियों सहित) बकरी फार्म के अन्दर एवं बाहर से फोटोग्राफी कराना अनिवार्य है।
संबंधित जाँच पदाधिकारी ( प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/प्रभारी प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी/संबंधित भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी ) द्वारा बकरी फार्म का स्थल निरीक्षण एवं आवश्यक जाँचोंपरान्त संतुष्ट होने के पश्चात् लाभुक को अनुदान राशि का भुगतान करने हेतु स्थल निरीक्षण-सह-जाँच प्रतिवेदन प्रपत्र-6 अनुशंसा के साथ ( अभिप्रमाणित लाभुक एवं बकरी फार्म के आधारभूत सरंचना एवं क्रय किये गये बकरियों का फोटोग्राफ सहित) संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा संतुष्ट होने के पश्चात अनुदान के द्वितीय किस्त की अनुमान्य राशि का भुगतान एकाउन्टपेयी चेक/खाता अंतरण (DBT) के माध्यम से की जायेगी।
बकरी फार्म योजना की अनुदान राशि DBT के द्वारा किया जायेगा भुगतान
लाभुक को बकरी फार्म योजना 2023 की अनुमान्य अनुदान राशि का भुगतान बैंक ऋण की स्थिति में लाभुक के ऋण खाता एवं स्वलागत की स्थिति में लाभुक के बैंक खाता में किया जायेगा। अनुदान का भुगतान एकाउन्टपेयी चेक/खाता अंतरण (DBT) द्वारा किया जायेगा जिसकी प्राप्ति का साक्ष्य संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी को भी उपलब्ध कराया जाएगा जिसे वे विधिवत् रूप से अपने कार्यालय में संधारित करना सुनिश्चित करेंगे।
कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट को देखते हुए स्कीम को शुरूआत यानि प्रथम चरण में 1/3 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जायेगा। बाद में यानि द्वितीय चरण में फंड की उपलब्धता के अनुसार बाकी 2/3 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जायेगा। संगत राज्यादेश की कंडिका-10 के आलोक में वित्त विभाग, बिहार के पत्र संख्या- एम-4- 09/ 2014-2219/वि० दिनांक-08.04.2020 की कंडिका-4 के आलोक में इस योजना के तहत स्वीकृत राशि हेतु परियोजना निदेशक, बी0एल0डी0ए0, पटना द्वारा अलग से एक बैंक खाता खोला जायेगा। निदेशक,पशुपालन द्वारा योजना के तहत स्वीकृत राशि की अग्रिम निकासी कर उक्त बैंक खाता में रखी जायेगी तथा व्यय हेतु संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों को उपलब्ध करायी जायेगी।
बकरी फार्म योजना का Project Report
लाभुक द्वारा बकरी पालन योजना बिहार आवेदन के साथ विस्तृत परियोजना प्रस्ताव (Detailed Project Report) संलग्न करना होगा। आवेदन पत्र के साथ विस्तृत परियोजना प्रस्ताव (Detailed Project Report) सलंग्न नहीं करने की स्थिति में संगत विभागीय राज्यादेश के साथ संलग्न Model Project Report ही मान्य होगा।
बकरी फार्म योजना (Bakri Farm Yojana) के बारे में हमने सभी जानकारी ऊपर दे दिया है, अगर बकरी फार्म योजना पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे | हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे