नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब तक ऑनलाइन की सुविधा बहाल नहीं हो पायी है। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। यही कारण है कि निगम में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में औसतन दस दिन दिन लग जा रहे हैं। पहले शपथ पत्र कराकर प्रखंड कार्यालय में आवेदन देना पड़ता है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगम के संबंधित अंचल कार्यालय में आवेदन करने के बाद सहायक निबंधन पदाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद जन्म प्रमाण पत्र बनता है। इन सबके बीच लोगों को प्रखंड कार्यालय से लेकर निगम के अंचल कायार्लय तक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। तब जाकर जन्म प्रमाण पत्र या मृत्यु प्रमाण पत्र मिल पाता है। यानी आवेदन से प्रमाण पत्र मिलने तक की प्रक्रिया मैनुअल है।
ई-मेल से जन्म प्रमाण पत्र देने की है सुविधा
कोरोना और लॉकडाउन के दौरान नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आम लोगों को यह सुविधा दी गई थी कि अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों के ई-मेल पर आवेदन मंगाया जा रहा था और लोगों को जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर भेजा जा रहा। हालांकि यह बहुत ही सीमित स्तर पर था और महामारी के दौरान कार्यालय बंद होने के कारण एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सुविधा दी गई थी। कंकड़बाग अंचल के सिटी प्रबंधक प्रकाश कुमार ने बताया कि अभी नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन सुविधा नहीं है।
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अंचलों में करना पड़ता है आदेवन
नगर निगम में अब अंचल कार्यालयों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहा है। इसके पहले निगम मुख्यालय में रजिस्टार में हस्ताक्षर से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनता था। अब सभी छह अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी को सहायक निबंधक बना दिया गया है। अब कोई भी आवेदन संबंधित अंचल कार्यालयों में करना पड़ता है। इससे आम जनता को लाभ जरूर हुआ है। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दो दिनों में अंचल काउंटर से आपको जन्म-प्रमाण पत्र मिल जाता है।
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फिलहाल ऑनलाइन की सुविधा नहीं है। अभी मैनुअली ही लोगों को आवेदन करना पड़ता है। निगम अंचल में आवेदन करने के एक से दो दिनों में प्रमाण पत्र बन जाता है। औसतन हर दिन 55 से 60 आवेदन आते हैं। – राकेश कुमार सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी, एनसीसी सह बांकीपुर अंचल
बिहार में जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन प्रावधान
जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 एवं उस पर आधारित बिहार जन्म एवं मृत्यु नियमावली 1999 के अनुसार जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निम्न प्रावधान है जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं इससे संबंधित प्रमाण पत्र संबंधित क्षेत्र के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के द्वारा निर्गत किया जाता है।
- शहरी क्षेत्र में, नगर निकाय यथा नगर निगम के सभी अंचल, नगर परिषद एवं नगर पंचायत के रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) के द्वारा जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण के उपरांत प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है।
- ग्रामीण क्षेत्र में: आंगनबाड़ी सेविका-सह-उप रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) के द्वारा अपने पोषक क्षेत्र में घटित 21 दिन तक की जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण कर प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। वही 21 दिनों के पश्चात की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव-सह-रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के द्वारा रजिस्ट्रीकरण कर प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है।
- स्वास्थ्य संस्थान: सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में घटित घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं इससे संबंधित प्रमाण पत्र-संबंधित संस्थानों के रजिस्ट्रार के द्वारा निर्गत किया जाता है।
- स्वास्थ्य संस्थान का नाम :- रजिस्ट्रार
- चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल/ सदर /अनुमण्डलीय अस्पताल – उपाधीक्षक
- रेफरल अस्पताल/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र – प्रभारी चिकित्सा पदा०
निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों में घटित जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण संबंधित नगर निकाय अथवा ग्राम पंचायत में किया जाता है। इन चिकित्सा संस्थान द्वारा अपने क्षेत्र से संबंधित नगर निकाय अथवा ग्राम पंचायत को घटित घटना की जानकारी देने का प्रावधान है।
अपंजीकृत सरकारी चिकित्सा केन्द्र/निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान में घटित जन्म-मृत्यु घटना से संबंधित प्रमाण पत्र के आधार पर परिजन संबंधित नगर निकाय/ग्राम पंचायत के रजिस्ट्रार के कार्यालय में सीधे तौर पर निबंधन कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है।
गैर चिकित्सा संस्थान के लिए प्रावधान
गैर चिकित्सा संस्थान में घटित जन्म एवं मृत्यु से संबंधित घटना की स्थिति में परिजन सीधे तौर पर संबंधित नगर निकाय/ग्राम पंचायत के कार्यालय में पंजीकरण कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है। पटना जिलान्तर्गत शवदाह गृह/घाटों पर भी पंजीकरण हेतु सूचना प्राप्त की जाती है तथा मृतक के परिजनों को एक पंजी क्रमांक उपलब्ध कराई जाती है जिसके आधार पर नगर निगम के अंचल कार्यालय से मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जा सकता है।