गोदाम निर्माण योजना : बिहार सरकार के द्वारा राज्य में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत गोदाम निर्माण के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे है जो भी किसान गोदाम निर्माण करना चाहते है वो इस गोदाम निर्माण योजना 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है ये बात आप लोग को भी पता होगा की किसान कड़ी मेहनत करके फसल उपजा लेते है, लेकिन किसान के पास अनाज के भंडारण की उचित सुविधा नहीं होने के कारण वे अपने अनाजों को औने–पौने दाम में बेचने को मजबूर हो जाते हैं या अपने पास रखते भी है तो रख रखाव सही से नहीं होने के कारण कीट एवं चूहे अनाज को नुकसान पहुचाते हैं ।
किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2023 की उप योजना हरित क्रांति योजना अन्तर्गत के तहत अन्न भंडारण हेतु गोदाम निर्माण योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए है जिसके लिए अनुदान देने का भी प्रावधान किया गया है जिससे ग्रामीण स्तर पर अनाजों के सुरक्षित भंडारण तथा कृषि आधारित उधमिता के विकास एवं विपन्न सहायता के लिए गोदाम निर्माण की योजना शुरू की गई है ।
बिहार राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के पास भी पर्याप्त गोदाम नहीं है। इस लिए जो किसान निजी तौर पर या समूह में 200 टन क्षमता के गोदाम का निर्माण करायेगा, उसे पांच लाख (5,00000) रुपया बतौर अनुदान दिया जायेगा। ग्रामीण स्तर पर अनाजों के सुरक्षित भंडारण तथा कृषि आधारित उद्यमिता के विकास एवं विपणन सहायता के लिए भण्डारण की सुविधा हेतू गोदाम निर्माण योजना बिहार सरकार के द्वारा लाई गई है।
गोदाम निर्माण योजना 2023 के तहत अनुदान से पहले सरकार के साथ एकरारनामा करना होगा की गोदाम का उपयोग सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद किये गए अनाज के भंडारण में होगा। जिसकी क्षमता 200 मे0 टन होगी। भंडारण की व्यवस्था होने से किसान कृषि उत्पादों का सुरक्षित भंडारण कर अधिक लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। यदि राज्य सरकार को किसी भी योजना में गोदाम की आवश्यकता होगी तो गोदाम लाभान्वित कृषकों द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराना होगा।
गोदाम निर्माण योजना 2023 हेतु जरूरी कागजात
- भू-धारिता का विवरण (भूमि का दस्तावेज जिस पे गोदाम का निर्माण होना है|)
- आवेदक का फोटो
- आवेदक का हस्ताक्षर/अंगूठे का निशान
गोदाम निर्माण पर सब्सिडी (अनुदान) भुगतान की प्रक्रिया
सामान्य श्रेणी के किसानों के लिए :-
जाँच पत्र पर कृषि अभियंता की अनुशंसा के आलोक में जाँच पत्र समर्पित होने के अधिकतम 15 दिनों के अंतर्गत लाभुक किसान के ‘ खाता में अनुदान राशि अंतरित किया जायेगा।
अनु० जाति/अनु० जनजाति श्रेणी के किसानों के लिए गोदाम निर्माण योजना :-
- अनुदान की राशि का भुगतान चार किस्तों में किया जायेगा।
- प्रथम किस्त :- प्लीन्थ स्तर मापी का 75% राशि अथवा 2.25 लाख तक जो भी कम हो।
- द्वितीय किस्त :- लिन्टल कार्य के पश्चात मापी का 75% राशि अथवा पूर्व में भुगतान की गई राशि को जोड़कर 4.50 लाख तक जो भी कम हो।
- तृतीय किस्त :- छत कार्य के पश्चात मापी का 75% राशि अथवा पूर्व में भुगतान की गई राशि को जोड़कर 6.75 लाख तक जो भी कम हो।
- चतुर्थ किस्त :- कार्य पूरा होने के पश्चात पूरी मापी का 75% राशि अथवा पूर्व में भुगतान की गई राशि को जोड़कर 9.00 लाख तक जो भी कम हो।
गोदाम निर्माण योजना विशेष परिस्थिति :-
यदि प्रभारी कृषि अभियंता के द्वारा गोदाम निर्माण योजना के अंतर्गत निर्मित गोदाम की क्षमता 200 मे० टन से दस प्रतिशत तक कम पायी जाती है वैसी परिस्थिति में किसान को उसी अनुपात (Pro-rata basis) में अनुदान की राशि काटकर अनुदान की राशि का भुगतान किया जायेगा।
अनु० जाति/अनु० जनजाति के लाभुक किसान प्रत्येक किस्त के लिए निर्धारित स्तर तक कार्य पूरा होने के पश्चात अनुदान की राशि का भुगतान हेतु जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदन देंगे। जिला कृषि पदाधिकारी मापी-पुस्तक की जाँच एवं किये गये कार्य के भौतिक सत्यापन के पश्चात अनुदान की राशि का भुगतान करेंगे।
गोदाम निर्माण योजना 2023 आवेदन की प्रक्रिया
आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है इसके अल्वा अगर कोई किसान ऑफलाइन आवेदन करना चाहते है तो प्रखण्ड कृषि कार्यालय अथवा जिला कृषि कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त किया जा सकता है या नीचे दिए गए फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट ले सकते है।
कैसे कर सकते है गोदाम निर्माण योजना 2023 के लिए ऑनलाइन आवेदन?
गोदाम निर्माण योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे कृषि विभाग के आधिकारिक वेबसाइट DBT एग्रीकल्चर पर जाना होगा
जहाँ “ऑनलाइन आवेदन करें” वाले ऑप्शन में “गोदाम निर्माण के लिये आवेदन” पर क्लिक करना होगा जिसके बाद नया वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in/Godown.aspx खुल जायेगा। जो की गोदाम निर्माण योजना के आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट है।
अब DBT Bihar के इस गोदाम निर्माण योजना वेबसाइट पर किसान पंजीकरण संख्या (13 अंको का) देना होगा जिसके बाद एक फ्रॉम मिलेगा जिसमे सभी जानकारी भर कर और जरुरी डॉक्यूमेंट अपलोड कर आवेदन प्रकिरिया को पूर्ण करना होगा।
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कृषकों के चयन की प्रक्रिया :
- कृषक प्रगतिशील एवं इच्छुक हों।
- निर्धारित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के कृषकों के लिए 16% एवं अनुसूचित जन जाति के कृषकों के लिए 01% प्रतिशत का आरक्षण तथा सीमांत एवं लघु कृषक की भागीदारी 33% सुनिश्चित किया जायेगा।
- जिलों के लिए स्वीकृत राशि से यह भी प्रयास किया जाय कि लाभुक में से न्यूनतम ३० प्रतिशत महिला कृषकों की भागीदारी हो। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था के किसी भी स्थानीय प्रतिनिधि (वार्ड सदस्य/मुखिया पंचायत समिति सदस्य / प्रखंड प्रमुख आदि) से अनुशंसा प्राप्त हो।
- कृषि समन्वयक/प्रखंड कृषि पदाधिकारी की अनुशंसा हो।
- “पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कृषक का चयन किया जायेगा।
- कृषक के साथ-साथ कृषकों के स्वयं सहायता समूह को भी योजना का लाभ दिया जायेगा।
- गोदाम निर्माण में बिहार राज्य बीज निगम द्वारा पंजीकृत बीज उत्पादक, समूहों एवं एग्रीगेटर को प्राथमिकता दी जायेगी।
- ऐसी भूमि पर गोदाम निर्माण कराया जाय जहाँ सभी मौसमों में वाहन के आवागमन की सुविधा हो।
- गोदाम निर्माण हेतु किसान के पास भूमि हो जिस पर कृषक का स्वामित्व हो एवं उसकी जमाबंदी कृषक के नाम से हो।
- गोदाम निर्माण का लाभ एक किसान को एक बार ही देय होगा। एक परिवार से एक ही व्यक्ति को लाभ दिया जायेगा। पूर्व में यदि किसी किसान अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य को इस योजना अथवा किसी अन्य योजना से गोदाम निर्माण का लाभ दिया गया है तो वैसे किसान को गोदाम निर्माण का लाभ नहीं दिया जायेगा।
गोदाम निर्माण योजना आवेदन की जाँच :-
गोदाम निर्माण योजना आवेदन की जाँच कृषि समन्वयक/प्रखंड कृषि पदाधिकारी अथवा जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी/कर्मी के द्वारा की जायेगी। आवेदन जाँच की प्रक्रिया अधिक से अधिक 7 (सात) दिनों में निश्चित रूप से पूर्ण कर ली जायेगी। यह जाँच किसान के द्वारा आवेदन में उल्लेखित स्थल पर जाकर की जायेगी। अन्य बातों के अतिरिक्त यह देखा जायेगा कि आवेदक प्रगतिशील किसान हैं या नहीं तथा उन्हें वास्तव में गोदाम की आवश्यकता है या नहीं। जमीन की कागजात जाँचकरे सुनिश्चित किया जायेगा कि जमाबंदी आवेदक के नाम पर है।
आवेदन की स्वीकृति :-
ऐसे आवेदनों, जो जाँचोपरान्त अनुदान के लिये उपयुक्त पाये जाते हैं, के विरूद्ध जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा एक स्वीकृति पत्र निर्गत किया जायेगा (अनुसूची-3)। स्वीकृति पत्र के साथ मॉडल प्राक्कलन दिया जायेगा एवं स्वीकृति पत्र में किसानों को देय. अनुदान तथा भुगतान की प्रक्रिया एवं गोदाम निर्माण पूर्ण करने की तारीख का स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा। स्वीकृति पत्र में गोदाम का उपयोग किसी भी स्थिति में अन्न भंडारण के अतिरिक्त अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किये जाने का उल्लेख भी किया जायेगा।
स्वीकृति पत्र की एक प्रतिलिपि संबंधित अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता/सहायक अभियंता/कनीय अभियंता/प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी/ कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार को भी दी जायेगी ताकि गोदाम निर्माण के क्रम में उक्त कर्मियों के द्वारा इसकी जाँच की जा सके।
स्वीकृति पत्र की दो मूल प्रतियां तैयार की जायेगी एवं उन पर किसान का भी हस्ताक्षर प्राप्त किया जायेगा। एक प्रति कार्यालय में संधारित किया जायेगा एवं द्वितीय प्रति आवेदक किसान को, प्राक्कलन के साथ, उपलब्ध कराया जायेगा।
वेयर हाउस की जानकारी | गोदाम निर्माण की प्रक्रिया | गोदाम डिजाइन
- गोदाम निर्माण के लिए जमीन की व्यवस्था किसान स्वयं करेंगे एवं किसान को जमीन के स्वामित्व के संबंध में साक्ष्य (जमाबंदी) उपलब्ध कराना होगा।
- स्वीकृति पत्र के साथ संलग्न प्राक्कलन के अनुसार किसान गोदाम निर्माण करायेंगे। लाभुक किसान कार्य प्रारम्भ करने की सूचना जिला कृषि पदाधिकारी को देंगे। जिला कृषि पदाधिकारी कार्य प्रारम्भ करने के दिन कनीय अभियंता की उपस्थिति सनिश्चित करेंगे। कनीय अभियंता अपनी उपस्थिति में ले-आउट करायेंगे।
- जिला कृषि पदाधिकारी सरकारी विभागों/कार्यक्रमों यथा मनरेगा, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन आदि के कनीय अभियंता/सहायक अभियंता के तकनीकी पर्यवेक्षण में निर्माण कार्य करायेंगे तथा मापी पुस्त का संधारण करायेंगे। जिला कृषि पदाधिकारी सत्यापित मापीपुस्त निर्गत करेंगे एवं मापीपूस्त को क्रमांकित करते हए निर्गत किये गये मापीपुस्त की सूचना एक पृथक पंजी में संधारित करेंगे।
- जिला कृषि पदाधिकारी जिला स्तर पर मापी कार्य हेतु एक सरकारी अभियंत्रण विभाग को चिन्हित कर इसकी सूचना लाभुक को देगें। अभियंत्रण विभाग के चयन में जिला पदाधिकारी का सहयोग प्राप्त किया जा सकता हैं।
- निर्माण कार्य तकनीकी विशिष्टियों के अनुरूप होने का सत्यापन संबंधित जिला के प्रभारी कृषि अभियंता करेंगे।
- किसान को स्वीकृति पत्र में निर्धारित तिथि तक गोदाम निर्माण का कार्य सम्पन्न कर लेना होगा अन्यथा राशि व्ययगत होने की स्थिति में अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा।
- गोदाम पूर्ण होने के पश्चात यथाशीघ्र लाभुक किसान इसकी सूचना जिला कृषि पदाधिकारी को देंगे। सूचना प्राप्ति के अधिकतम 15 दिनों के अन्दर इसकी जाँच कंडिका-5.1 के अनुसार जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा सुनिश्चित की जायेगी।
- किसान 200 मे० टन से अधिक क्षमता के गोदाम का निर्माण कर सकते हैं परन्त अनुदान की राशि 200 मे० टन के लिए निर्धारित राशि तक ही सीमित होगी।
- मॉडल प्राक्कलन के अनुसार गोदाम के छत का निर्माण एस्वेस्टस से कराया जायेगा। आर०सी०सी० छत मान्य नहीं होगा।
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