कदवन (इंद्रपुरी) जलाशय का शिलान्यास साल 1990 में बिहार के कांग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र ने किया था। जिसके बाद सरकारी फाइलों में 27 सालों तक धूल फांकने के बाद साल 2017 के फरवरी माह में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इंद्रपुरी जलाशय योजना को स्वीकृति दी।
इस इंद्रपुरी जलाशय योजना जलाशय के तहत 68.916 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पानी का जमाव होगा। अंतर्राज्यीय सहयोग का मामला होने के कारण यह अभी तक लंबित था जिसमे उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और केन्द्रीय जल आयोग की स्वीकृति के बाद ही इस पर काम शुरू किया जा सकता था।
इस योजना में पानी की कमी को दूर करना के लिए डीपीआर लगाया जाना है जो की केंद्रीय जल आयोग में अंतर राज्य सहमति के अभाव में 1950 के दशक से लंबित था। तथा इस इंद्रपुरी जलाशय योजना में पनबिजली के उत्पादन की योजना है जिससे करीब 195 मेगाबाट बिजली उत्पादन किया जायेगा।
अब बिहार सरकार ने अब इंद्रपुरी जलाशय योजना को शुरू करने के लिए कमर कस ली है। और इस योजना का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना है। जल संसाधन विभाग ने अगले 3 महीने में डीपीआर बनाने का निर्देश दिया है।
इंद्रपुरी जलाशय योजना के फायदे
बिहार के इंद्रपुरी जलाशय योजना के चालू होने से बिहार राज्य के 7 जिलों के किसानो को सिंचाई की सुविधा में बढ़ोतरी होगी। जिसमे कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, अरवल, भोजपुर, बक्सर और गया जिले शामिल हैं। इन सभी जिलों के लाखो किसानो को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. जिससे किसान अपने-अपने खेतो में फसल की सिंचाई कर सकेंगे और अच्छी पैदावर हो सकेगा.
ये भी पढ़े:
बिजली बिल में मोबाइल नंबर लिंक और मिस्ड कॉल से बिजली बिल जाने
कोरोना लॉकडाउन : बिहार में राशन कार्ड धारक,पेंशनर और छात्रों को सहायता पैकेज
जल संचयन योजना में मिलेगा 75,000 रुपया करे ऑनलाइन आवेदन
जमीन सर्वे 2020 में नया खतियान बनने वाला है, जाने जरुरी बातें