भारत सरकार ने विशेष अभियान चला कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में निबंधित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिया जायेगा। मतलब जो भी किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे है उन सब किसानो को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को अपने बैंक शाखा में जाना होगा जहां उनके पास पीएम-किसान निधि योजना वाला खाता है। वैसे किसान जिनके पास पहले से ही केसीसी मौजूद है, वे किसान आवश्यकता होने पर किसान क्रेडिट कार्ड ( (केसीसी) )का सीमा बढ़ाने के लिए अपनी बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
जिस किसानो का केसीसी कार्ड बंद हो गया है वैसे किसान चालू करने के लिए अपने बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं जिसके बाद नई सीमा के साथ किसान क्रेडिट कार्ड चालू कर दिया जायेगा। किसानों से पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर बैंकों को केसीसी जारी करने का निर्देश दिया गया है।
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इसके तहत बंद पड़े पूर्व के बैंक खातों को चालू करने, कर्ज की सीमा बढ़ाने के साथ ही मछली व पशु पालन के लिए भी क्रेडिट कार्ड जारी किए जायेंगे। किसान सम्मान निधि के वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दिया गया है
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बिहार के उप-मुख्यमंत्री एवं सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 71 वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि 12 फरवरी से 15 15 दिन का विशेष अभियान चला कर पीएम किसान योजना में निबंधित किसानों को केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) दिया जायेगा।
बिहार में लगभग 60 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत निबंधित है जिन्हे पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ के रूप में 6000 साल में दिया जाता है अभी तक लगभग 32 लाख किसानों को ही किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत किया गया है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना कि मुख्य बातें
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के स्वीकृत लाभार्थी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने का अभियान राज्य के सभी योग्य किसानों को केसीसी से परिपूर्ण करने का अभियान का शुभारम्भ ।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभार्थी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने के लिए विशेष अभियान।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के स्वीकृत लाभार्थी निर्धारित एक पन्ना के विहित प्रपत्र में आवेदन अपने पी०एम० किसान संधारित बैंक शाखा में जमा कर दें।
- सभी बैंकों को किसानों से पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 14 दिनों के अंदर किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने का निदेश सरकार द्वारा दिया गया है।
- वसुधा केन्द्रों (Common Service Centre) के माध्यम से भी पी०एम० किसान लाभार्थियों के लिए निर्गत सरल फॉर्म भर सकते हैं।
- पी०एम० किसान योजना के लाभार्थी किसानों से अनुरोध है कि किसान क्रेडिट कार्ड में दिये जाने वाले इस अवधि के दौरान रियायती संस्थागत ऋण का लाभ उठाने के लिए वे अपने उस बैंक शाखा से सम्पर्क करें जहाँ उनका पी०एम० किसान खाता संधारित है।
- पी०एम० किसान योजना के वैसे सभी लाभार्थी जिनके पास पहले से ही केसीसी मौजूद है, आवश्यकता होने पर कार्ड की सीमा बढ़ाने के लिए भी अपने बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
- निष्क्रिय किसान क्रेडिट कार्ड धारक अपने कार्ड को सक्रिय करने और नई सीमा की मंजूरी के लिए भी बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
- वैसे व्यक्ति जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है, अपने भू-धारिता की विवरणी तथा उनके द्वारा बोई गई फसलों की विवरणी के साथ कार्ड की अधिसीमा के अधीन अनुमोदन हेतु अपने बैंक शाखा से सम्पर्क कर सकते हैं।
- वैसे किसान जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, लेकिन पशुधन और मत्स्यपालन के लिए केसीसी की स्वीकार्य सीमा में शामिल कर सकते हैं।
- भारतीय बैंक संघ द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड में 3 लाख तक की सीमा पर ऋण के लिए प्रक्रिया, प्रलेखन, निरीक्षण और फोलियो शुल्क के साथ-साथ अन्य सेवा शुल्क सहित सभी प्रकार के शुल्क पर छूट की सुविधा प्रदान किया जा रहा है।
किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ
- अल्प अवधि में फसली ऋण के आवश्यकता की पूर्ति।
- कटाई उपरान्त खर्च का वहन।
- बाजार ऋण की अदायगी।
- कठिनाई के दिनों में परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति।
- कृषि सम्बन्धी उपकरण की मरम्मत।
- कृषि सम्बन्धी अन्य कार्यों में आवश्यक खर्चे का वहन।
- कृषक दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादन।
- 3 लाख रु. तक के ऋण राशि के लिए 2% प्रति वर्ष की दर से ब्याज छूट उपलब्ध है।
- कृषि ऋण के समय से अदायगी पर प्रदेश/भारत सरकार द्वारा घोषित ब्याज दरों में कटौती का लाभ।
- किसान क्रेडिट कार्ड से फसल बीमा योजनाओं, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा के अन्तर्गत अधिसूचित फसलों के लिए, लिये गये फसली ऋण अनिवार्य आधार पर कवर।
किन -किन किसानो को को मिल सकता है केसीसी
- समस्त किसान-वैयक्तिक /संयुक्त कृषि कर रहे किसान
- पट्टेदार किसान-मौखिक पट्टेदार और बटाईदार किसान आदि
- पट्टेदार किसानों सहित स्वयं सहायता समूह अथवा देयता समूह
केसीसी आवेदन करने के लिए जरुरी दस्तावेज
- विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र
- पहचान का प्रमाण – मतदाता पहचान पत्र/पैन कार्ड/पासपोर्ट /आधार कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस आदि
- पता का प्रमाणः मतदाता पहचान पत्र/पासपोर्ट/आधार कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस आदि
- एलपीसी सर्टिफिकेट या जमीन का नया रसीद
- एफिडेविट – बैंक में मांगने पर
किसान क्रेडिट कार्ड फॉर्म डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करे
उप-मुख्यमंत्री एवं सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वार्षिक साख योजना की उपलब्धि में पिछले तीन वर्षों में करीब 11 प्रतिशत की कमी आई है। 31 दिसम्बर, 2017 तक 66.56 प्रतिशत, 2018 में 57.40 व 2019 दिसम्बर तक की उपलब्धि 54.58 फीसदी है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक कम से कम 90 प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने और वार्षिक साख योजना में पिछड़े बांका, जहानाबाद, नालंदा, मधुबनी आदि 10 जिलों व और वहां की बैंक शाखाओं को चिन्ह्ति कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।
बिहार के कर्जधारकों से समय से कर्ज वापसी की अपील करते हुए कहा कि यहां बैंकों का एनपीए अखिल भारतीय दर 12 प्रतिशत से कम 11.5 प्रतिशत है। स्वयं सहायता समूह को दिए गए करीब 2 हजार करोड़ के ऋण की वापसी दर 98 और 20 प्रतिशत ब्याज दर के बावजूद माइक्रो फिनान्स कम्पनियों की शत प्रतिशत है तो बाकी कर्ज की वसूली बैंक क्यों नहीं कर पाते हैं?
बिहार में बैंकिंग व्यवस्था
बिहार में बैंकों की ग्रामीण शाखाएं मात्र 3677 हैं। विगत कुछ महीनों में बैंक मित्र (बीसी) के द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केन्द्रों की संख्या में 942 की कमी हुई है। एक हजार से अधिक बन चुके पंचायत भवनों में बैंक शाखा खोलें क्योंकि आज भी सैकड़ों पंचायतों में ग्राहक सेवा केन्द्र की सुविधा भी नहीं है। उन्होंने बैंकों को अगले वित्तीय वर्ष में एटीएम, बीसी व नई शाखाओं की संख्या में वृद्धि का विस्तृत ब्यौरा तैयार करने का निर्देश दिया। एसबीआई द्वारा पटना सर्किल में 1500 नई एटीएम लगाने के निर्णय का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि तमाम सरकारी योजनाओं के आवेदन, उसके लिए आवश्यक कागजात, ऋण की स्वीकृति व भुगतान आदि ऑनलाइन होना चाहिए। तकनीक के इस दौर में आखिर कोई व्यक्ति हर काम के लिए बैंक की शाखाओं में क्यों जायेगा?