माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) मंत्रालय ने एमएसएमई के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए गाइडलाइंस का एक संयुक्त नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार उद्यम रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया आयकर और जीएसटी के साथ जोड़ी जा रही है रजिस्ट्रेशन के समय दी गयी जानकारियों का सत्यापन पैन नंबर और जीएसटीआइएन के विवरण से किया जायेगा.
ऐसे कोई भी व्यक्ति जो सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्योग स्थापित करना चाहता है वो अपने इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर के आधार पर बिज़नेस को उद्यम रजिस्ट्रेशन में रजिस्टर्ड कर सकते है जिसके लिए दस्तावेज, कागजात, प्रमाणपत्रों या सबूत को अपलोड करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आवेदक द्वारा दी गई स्वघोषित जानकारियों के आधार पर उद्यम रजिस्ट्रेशन हो जायेगा लेकिन अगर कोई स्वघोषित तथ्यों और आंकड़ों को छिपाने का प्रयास करता है, तो वह अधिनियम की धारा 27 के अधीन दंड का पात्र होगा. यह उद्यम रजिस्ट्रेशन प्रकिर्या एक जुलाई से ऑनलाइन करा सकते है.
सूक्ष्म, लघु या मध्यम उद्योगों का वर्गीकरण
- सूक्ष्म उद्योग- ऐसा उद्योग जिसमे संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में इन्वेस्टमेंट एक करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और टर्न ओवर पांच करोड़ रुपए से अधिक नहीं हो ऐसे उद्योग को सूक्ष्म उद्योग में रखा गया है
- लघु उद्योग ऐसा उद्योग जिसमे संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में इन्वेस्टमेंट दस करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और टर्न ओवर पचास करोड़ रुपए से अधिक नहीं है ऐसे उद्योग को लघु उद्योग में रखा गया है
- मध्यम उद्योग – ऐसा मध्यम उद्योग जिसमे संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में इन्वेस्टमेंट पचास करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और टर्नओवर दो सौ पचास करोड़ रुपए से अधिक नहीं है।
उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्थायी पहचान संख्या दिया जाता है साथ ही “उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र” अर्थात् एक ई-प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
वर्गीकरण के लिए विनिधान और आवर्तन के संबंध में समेकित मापदंड
- किसी उद्योग को सूक्ष्म, लघु या मध्यम के रूप में वर्गीकरण के लिए इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर का एक समेकित मापदंड लागू होगा।
- यदि कोई उद्योग अपनी वर्तमान श्रेणी के लिए इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर के दोनों मानदंड में से किसी अधिकतम सीमा को पार करता है, तो वह उस श्रेणी में अस्तित्वहीन हो जाएगा तथा उसे अगली उच्चतर श्रेणी में रखा जाएगा लेकिन किसी भी उद्योग को तब तक निम्रतर श्रेणी में नहीं रखा जाएगा जब तक वह इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर के दोनों मापदंडों में अपनी वर्तमान श्रेणी के लिए विनिर्दिष्ट अधिकतम सीमा के नीचे नहीं चला जाता हो।
- GST सहित सभी इकाइयां, जिन्हें समान स्थायी खाता संख्या (पैन) के लिए सूचीबद्ध किया गया है, को सामूहिक रूप से एक उद्योग के रूप में माना जाएगा और ऐसी सभी इकाइयों के लिए इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर संबंधी आंकड़ों पर सामूहिक रूप से ध्यान दिया जाएगा तथा सूक्ष्म, लघु या मध्यम के रूप में श्रेणी का विनिश्चय करने के लिए केवल कुल मूल्य पर विचार किया जाएगा।
संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में इन्वेस्टमेंट की गणना:
- संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में इन्वेस्टमेंट की गणना को आय कर अधिनियम, 1961 के तहत फाइल किए गए पूर्ववर्ती वर्षों के आयकर रिटर्न (आईटीआर) से जोड़ा जाएगा।
- नए उद्यम की दशा में, जहां कोई पूर्व आईटीआर उपलब्ध नहीं है, वहां उद्यम के संप्रवर्तक के स्व-घोषणा के आधार पर विनिधान किया जाएगा और ऐसी छूट उस वित्त वर्ष में 31 मार्च के पश्चात समाप्त हो जाएगी जिसमें वह उद्यम अपना पहला आईटीआर फाइल करता है।
- उद्यम के “संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर” का वही अर्थ होगा जो आयकर अधिनियम, 1961 के अधीन विरचित आयकर नियम, 1962 में संयंत्र और मशीनरी में उसका है और इसमें सभी मूर्त अस्तियाँ (भूमि और भवन, फर्नीचर और फिटिंग से भिन्न) शामिल होंगी।
- यदि उद्यम बिना किसी आईटीआर का नया है, तो संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर की खरीद (इन्वॉइस) मूल्य, चाहे पहली बार या दूसरी बार खरीदा गया हो, माल और सेवा कर (जीएसटी) को छोड़कर, स्वप्रकटीकरण के आधार पर हिसाब में लिया जाएगा। अधिनियम की धारा 7 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण में निर्दिष्ट कुछ वस्तुओं की लागत को संयंत्र और मशीनरी में विनिधान की राशि की गणना से बाहर रखा जाएगा।
टर्नओवर की गणना:
- वर्गीकरण के प्रयोजन के लिए कोई उद्यम, चाहे वह सूक्ष्म, लघु या मध्यम हो, के आवर्तन की गणना करते समय माल या सेवाओं या दोनों के निर्यात को बाहर रखा जाएगा।
- उद्यम के लिए आवर्तन और निर्यात आवर्तन के संबंध में जानकारी आयकर अधिनियम या केंद्रीय माल और सेवा अधिनियम (सीजीएसटी अधिनियम) और जीएसटीआईएन से संबद्ध होगी।
- ऐसे उद्यम के आवर्तन संबंधी आंकड़े, जिनके पास पैन नहीं है, को 31 मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए स्व-घोषणा के आधार पर माना जाएगा और उसके पश्चात्, पैन और जीएसटीआईएन अनिवार्य होगा।
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रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया:
- रजिस्ट्रीकरण के लिए प्ररूप उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल में उपलब्ध कराया जाएगा।
- उद्यम रजिस्ट्रीकरण फाइल करने के लिए कोई फीस नहीं होगा। उद्यम रजिस्ट्रीकरण के लिए आधार संख्या अपेक्षित होगी। आधार संख्या स्वामित्व फर्म के मामले में स्वत्वधारी की होगी, भागीदारी फर्म के मामले में प्रबंधक भागीदार की और हिंदू अविभक्त कुटुंब (एचयूएफ) के मामले में कर्ता की होगी।
- कंपनी या सीमित देयता भागीदारी या किसी सहकारी समिति या सोसाइटी या ट्रस्ट के मामले में, संगठन या उसके प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अपने आधार संख्या सहित अपना जीएसटीआईएन और पैन उपलब्ध करेंगे। यदि कोई उद्यम पैन सहित उद्यम के रूप में सम्यकरूप से रजिस्ट्रीकृत है, तो पूर्व वर्षों की किसी भी जानकारी की कमी, जब उसके पास पैन नहीं था, को स्व-घोषणा के आधार पर भरा जाएगा।
- कोई भी उद्यम एक से अधिक उद्यम रजिस्ट्रीकरण फाइल नहीं करेगा: परन्तु विनिर्माण या सेवा या दोनों प्रकार की गतिविधियों को एक उदयम रजिस्ट्रीकरण में विनिर्दिष्ट किया या जोड़ा जाए।
- यदि कोई जानबूझकर दुर्व्यपदेशन जानकारी देता है या उदयम रजिस्ट्रीकरण या उन्नयन प्रक्रिया में दिखाई देने वाले स्व-घोषित तथ्यों और आंकड़ों को छिपाने का प्रयास करता है, तो वह अधिनियम की धारा 27 के अधीन विनिर्दिष्ट दंड का पात्र होगा।
विद्यमान उद्यमों का रजिस्ट्रीकरण
- ईएम-भाग-II या यूएएम के अधीन रजिस्ट्रीकृत सभी विद्यमान उद्यम 1 जुलाई, 2020 को या उसके पश्चात् उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल पर फिर से रजिस्ट्रीकरण करेंगे।
- 30 जून, 2020 तक रजिस्ट्रीकृत सभी उद्यमों को इस अधिसूचना के अनुसार फिर से वर्गीकृत किया जाएगा।
- 30 जून, 2020 से पहले रजिस्ट्रीकृत विद्यमान उद्यम केवल 31 मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए विधिमान्य रहेंगे।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन किसी अन्य संगठन के साथ रजिस्ट्रीकृत उद्यम, उद्यम रजिस्ट्रीकरण के अधीन स्वयं को रजिस्ट्रीकृत करेंगे।
सूचना का अद्यतन और वर्गीकरण में संक्रमण अवधि-
- उद्यम रजिस्ट्रीकरण संख्या वाला कोई उद्यम पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर और जीएसटी रिटर्न के ब्यौरे सहित उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल में ऑनलाइन अपनी सूचना तथा ऐसी अन्य अतिरिक्त सूचना, जो अपेक्षित हो, स्व-घोषणा के आधार पर अद्यतन करेगा।
- ऑनलाइन उद्यम रजिस्ट्रीकरण पोर्टल में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर सुसंगत जानकारी अद्यतन करने में विफल होने पर उसका स्तर रद्द किए जाने के लिए उद्यम स्वयं जिम्मेदार होगा।
- प्रदान की गई जानकारी या आईटीआर या जीएसटी रिटर्न सहित सरकारी स्रोतों से प्राप्त की गई जानकारी के आधार पर उद्यम के वर्गीकरण को अद्यतन किया जाएगा।
- किसी उद्यम की क्रमिक वृद्धि (निम्नतर से उच्चतर श्रेणी में) अथवा क्रमिक ह्रास (निम्नतर श्रेणी की ओर अग्रसर होना) की स्थिति में उद्यम को उसके स्तर में होने वाले परिवर्तन के बारे में सूचित किया जाएगा।
- संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान या आवर्तन अथवा दोनों में उच्चतर परिवर्तन तथा परिणामस्वरूप पुन: वर्गीकरण की स्थिति में उद्यम रजिस्ट्रीकरण के वर्ष के समाप्त होने से लेकर एक वर्ष की समाप्ति तक अपने वर्तमान स्तर को बरकरार रखेगा।
- किसी उद्यम के क्रमिक ह्रास की स्थिति में, चाहे वह पुन: वर्गीकरण के परिणामस्वरूप हुआ हो या संयंत्र और मशीनरी अथवा उपस्कर में विनिधान या आवर्तन में वास्तविक परिवर्तन अथवा दोनों के कारण हुआ हो तथा चाहे उद्यम अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत हो अथवा नहीं, उद्यम वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक अपनी वर्तमान श्रेणी में बना रहेगा तथा उसे ऐसे परिवर्तन वाले वर्ष के पश्चात् के वित्तीय वर्ष के 1 अप्रैल से परिवर्तित स्तर का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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उद्यमों की सुविधा और उनकी शिकायतों का निवारण
- विभिन्न संस्थाओं और विकास संस्थाओं (एमएसएमईडीआई) सहित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के कार्यालयों में कार्यरत चैंपियन कंट्रोल रूम रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को आगे सुगमता पूर्वक सभी प्रकार की संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए एकल खिड़की प्रणाली के रूप में कार्य करेंगे।
- जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) भी अपने-अपने जिलों में एकल खिड़की सुविधा प्रणाली के रूप में कार्य करेंगे।
- यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश जिसके अन्तर्गत आधार संख्या का न होना भी है, उद्यम रजिस्ट्रीकरण फाइल नहीं कर पाता है तो वह अपने आधार संख्या नामांकन पहचान पर्ची अथवा आधार नामांकन के अनुरोध की प्रति अथवा बैंक की फोटोयुक्त पासबुक अथवा मतदाता पहचान पत्र अथवा पासपोर्ट अथवा ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी भी एक को लेकर उपर्युक्त किसी भी एकल खिड़की प्रणाली से उद्यम रजिस्ट्रीकरण के लिए संपर्क कर सकता है तथा एकल खिड़की प्रणाली, जिसके अंतर्गत प्रक्रिया भी है, उसकी आधार संख्या प्राप्त करने में सहायता करेगी और तत्पश्चात उद्यम रजिस्ट्रीकरण की आगे की प्रक्रिया में सहायता करेगी।
- किसी भी त्रुटि अथवा शिकायत के मामले में संबंधित जिले के जिला उद्योग केन्द्र का महाप्रबंधक उद्यम द्वारा दिए गए उद्यम रजिस्ट्रीकरण के ब्यौरों के सत्यापन के संबंध में जांच करेगा और तत्पश्चात अपनी आवश्यक टिप्पणी के साथ मामले को संबंधित राज्य सरकार के निदेशक अथवा आयुक्त अथवा उद्योग सचिव के पास भेजेगा जो उद्यम को नोटिस जारी करने और उसे मामले को प्रस्तुत करने का अवसर करेगा तथा जांच के आधार पर ब्यौरों में संशोधन कर सकेगा अथवा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से उद्यम रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र निरस्त करने की सिफारिश कर सकेगा।