अगर आप बिहार से है और आप अपना धान सरकार को बेचना चाहते है तो उसके लिए ऑनलाइन आवेदन इस वर्ष एक नवम्बर 2021 से शुरू होकर 31 जनवरी 2022 तक चलेगी। पिछले साल बिहार सरकार के द्वारा धान खरीद में रिकॉर्ड बनाया गया था जिसका सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री नीतीश के द्वारा धान खरीद का डेट 31 मार्च तक करना था। अगर आप अपना धान बिहार सरकार को बेचना चाहते है तो सरकार ने इसके लिए धान अधिप्राप्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते है.
धान अधिप्राप्ति हेतु इच्छुक किसान, जो पूर्व से निबंधित है वे दिनांक 01.10.2021 से 31.10.2021 के बीच भूमि संबंधी विवरणी की प्रविष्टि उक्त पोर्टल पर करेगें। वही वैसे किसान जो धान अधिप्राप्ति हेतु कृषि विभाग में पूर्व से निबंधित नहीं है वे धान बिक्री करने के लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर निबंधन करायेगें एवं भूमि संबंधी विवरणी अपलोड करेंगे। धान अधिप्राप्ति हेतु कृषि विभाग में पंजीकृत किसानों को भूमि से संबंधित अभिलेखों को कृषि विभाग के पोर्टल (www.dbtagriculture.bihar.gov.in) पर अपलोड करना है।
धान खरीद बिहार 2022/ धान अधिप्राप्ति की महत्पूर्ण बातें
योजना | धान खरीद बिहार 2021 / धान अधिप्राप्ति |
राज्य | बिहार |
लाभार्थी | बिहार के किसान |
साल | 2021-2022 |
धान खरीद तिथि | 1 नवंबर 2021 |
धान खरीद अंतिम तिथि | 31 जनवरी 2022 |
धान खरीद चरण | 1. कोसी और पूर्णिया प्रमंडल में – एक नवम्बर से 2. तिरहुत, दरभंगा और सारण प्रमंडल- दस नवम्बर 2021 से 3. सभी जिलों में 15 नवम्बर से |
धान की नमी | 16 प्रतिशत |
समर्थन मूल्य | 1940 रुपये मीट्रिक टन |
धान अधिप्राप्ति / धान खरीद बिहार 2022 की विशेषताएं
- खरीफ विपणन मौसम 2019-20 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य धान साधारण- 1815/- प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ‘A- 1835/प्रति क्विंटल निर्धारित है।
- किसानों का ऑनलाईन निबंधन दिनांक 06.09.2019 से आरंभ है। धान अधिप्राप्ति कार्यक्रम 15.11.2019 से 31.03.2020 तक प्रभावी रहेगा।
- ऑनलाईन निबंधन विभागीय वेबसाईट www.cooperative.bih.nic.in पर किया जाना है।
- अपनी श्रेणी में निबंधित किसान निर्धारित सीमा (रैयत प्रति किसान 200 क्विंटल एवं गैर-रैयत प्रति किसान 75 क्विंटल) अन्तर्गत दो बार तक धान विक्रय कर सकते है।
- अधिप्राप्ति कार्य में वांछित सहयोग एवं ऑनलाईन निबंधन में कठिनाई होने पर प्रखंड में पदस्थापित सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय/जिला सहकारिता पदाधिकारी के कार्यलय/संयुक्त निबंधक के कार्यालय से सम्पर्क कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
- समस्त कृषक बंधु योजना/कार्यक्रम से संबंधित जानकारी हेतु विभाग नियंत्रण कक्ष 0612-2200693, टॉल फ्री नम्बर-1800 345 6290 पर तथा ई.मेल आई.डी.- [email protected], [email protected] पर सम्पर्क स्थापित कर सकते है।
किसानों का धान अधिप्राप्ति के लिए ऑनलाईन निबंधन
- धान अधिप्राप्ति के अन्तर्गत सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाम प्राप्त करने हेतु ऑनलाईन निबंधन कराना अनिवार्य है।
- कृषि विभाग द्वारा निबंधित (कृषि विभाग का ID प्राप्त हो) किसान विभागीय पोर्टल पर वांछित कागजात अपलोड करने हेतु लॉगईन करना होगा तथा वे अधिप्राप्ति हेतु निबंधित हो जायेगें।
- यदि कोई किसान कृषि विभाग द्वारा आवंटित निबंधन विवरण भूल गये हो तो www.dbtagriculture.bihar.gov.in पर अपना निबंधन संख्या/आधार संख्या/निबंधित मोबाईल नम्बर/जन्म तिथि या बैंक खाता संख्या डाल कर प्राप्त कर सकते है।
- राज्य में वैसे किसान जो स्वयं की जमीन पर खेती कार्य किये हैं वे रैयत श्रेणी में तथा वैसे किसान जो दूसरों की जमीन पर खेती का कार्य किये है वे गैर-रैयत श्रेणी में निबंधन करायेंगे। जानबुझ कर गलत श्रेणी में निबंधन कराने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
धान अधिप्राप्ति हेतु निम्नलिखित कागजात की स्व–प्रमाणित प्रति होना आवश्यक हैं |
धान अधिप्राप्ति रैयत कृषकों के लिए
- फोटो- (50 kB से कम होना चाहिए )
- पहचान पत्र – (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना चाहिए)
- बैंक पासबुक- (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना चाहिए)
- LPC (भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र) या हाल के मालगुजारी रसीद (इनमें से कोई एक) निबंधन कराते समय अपलोड करना अनिवार्य होगा। (1 MB से कम होना चाहिए )
धान अधिप्राप्ति गैर रैयत किसानों के लिए
- फोटो- (50 kB से कम होना चाहिए )
- पहचान पत्र – (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना चाहिए)
- बैंक पासबुक- (400 KB से कम होना चाहिए और पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होना चाहिए)
- दूसरे की जमीन पर खेती करने से संबंधित स्वघोषणा-पत्र (वार्ड सदस्य/किसान सलाहकार द्वारा सत्यापित) अपलोड करना अनिवार्य होगा। (400 KB से कम होना चाहिए )
फसल सहायता योजना हेतु रैयत कृषक द्वारा दिया जाने वाला स्व-घोषणा प्रमाण पत्र की प्रति को डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें(केवल रैयत कृषक के लिए)
फसल सहायता योजना हेतु गैर रैयत कृषक द्वारा दिया जाने वाला स्व-घोषणा प्रमाण पत्र की प्रति को डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें(केवल गैर रैयत कृषक के लिए)
किसानों को धान के मूल्य का भुगतान 48 घण्टे के अन्दर PFMS के माध्यम से उनके आधार लिंक खाते में किया जायेगा।
धान अधिप्राप्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन
धान खरीद बिहार 2021 में ऑनलाइन आवेदन करने से पहले आपका dbt agriculture के वेबसाइट से किसान रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है किसान रजिस्ट्रेशन कैसे करते है जानने के लिए नीचे दिए गये वीडियो को देखे
अगर आपका किसान रजिस्ट्रेशन है तो http://cooponline.bih.nic.in/fsy/login.aspx वेबसाइट पर जाना होगा , जहाँ लॉगिन करने के लिए मोबाइल नंबर और पासवर्ड मांगा जायेगा
अगर अभी तक इस वेबसाइट पर रजिस्टर नहीं है तो सबसे पहले इस वेबसाइट पर भी रजिस्ट्रेशन करना होगा जिसके लिए पासवर्ड पाने के लिए यहाँ क्लिक करें पर क्लिक करना होगा, जहाँ किसान रजिस्ट्रेशन नंबर दे कर रजिस्टर करना होगा और रजिस्टर होने के बाद रजिस्टर मोबाइल नंबर और पासवर्ड की मदद से लॉगिन करना होगा
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में ऑनलाइन शिकायत करें
लॉगिन करने के बाद सभी जानकारी और जरुरी दस्तावेज अपलोड करना होगा और लास्ट में OTP की मदद से अपने फॉर्म को वेलिडेट कर सबमिट करना होगा जिसके बाद एप्लीकेशन नंबर मेल जायेगा
दुवारा एप्लीकेशन फॉर्म प्रिंट करने के लिए लॉगिन कर फसल सहायता योजना (रबी-2019-20) निबंधन प्रमाण पत्र डाउनलोड करें पर क्लिक कर प्रिंट ले सकते है
Land Possession Certificate Bihar LPC ऑनलाइन अप्लाई करे
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धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण एवं प्राप्त किये जानेवाले कागजात
- किसानों का ऑन-लाइन पंजीकरण आधारित डाटाबेस पर ही किसानों से धान क्रय किया जायेगा ।
- सहकारिता विभाग द्वारा तैयार अधिप्राप्ति ऑन-लाइन सॉफ्टवेयर पर किसान का ऑन-लाइन डाटाबेस संधारित होगा।
- सहकारिता विभाग द्वारा किसानों का डाटाबेस तैयार किया जायेगा जिसका स्क्रीनिंग कराकर वेबसाइट पर अपलोड होगा ।
- छूटे हुए किसानों/संशोधित इच्छुक किसानों का ऑन-लाइन पंजीकरण वसुधा केन्द्रों/प्रखंड के माध्यम से भी किया जायेगा, जिसमें किसानों के जमीन से संबंधित कागज एवं परिचय पत्र से संबंधित कागजात स्केन कर आवेदन के साथ अपलोड होगा एंव उक्त हार्ड कॉपी की एक प्रति स्वहस्ताक्षरित एवं सहकारिता विभाग द्वारा सत्यापित कराकर क्रय केन्द्रों एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा, जो उसका सत्यापन कर Authenticate करेंगे।
- किसानों को निबंधन कार्य में असुविधा न हो इस हेतु प्रखंड स्तर पर कृषक सुविधा केन्द्र स्थापित कर निःशुल्क सेवा प्रदान की जा रही है।
- किसानों को ऑन-लाईन रजिस्ट्रेशन दिनांक- 01.09.2019 से प्रारम्भ कर दिया गया है।
धान अधिप्राप्ति पंजीकरण के लिए आवश्यक कागजात :-
धान खरीद बिहार 2021 के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज-अंचल पदाधिकारी द्वारा निर्गत भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र/हाल का माल गुजारी रसीद इनमें से कोई एक फोटोयुक्त पहचान पत्र/मतदाता पहचान पत्र/पासबुक की छायाप्रति/ड्राइविंग लाईसेंस/भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य दस्तावेज इनमें से कोई एक ।
जो किसान दूसरे के जमीन पर खेती करते है जो उनकी ऑन लाईन पंजीकरण हेतु आवश्यक कागजात निम्नवत होगें:-
- अपना फोटो
- पहचान पत्र (आधार कार्ड एवं अन्य मान्यता प्राप्त पहचान पत्र),
- बैंक पासबुक
- धान उत्पादन में उनके द्वारा प्रयुक्त भूमि का रकबा/क्षेत्रफल से संबंधित स्वघोषणा पत्र (इस घोषणा पत्र पर अपने आवास से संबंधित वार्ड सदस्य/किसान सलाहकार की अनुशंसा अनिवार्य होगी।
किसानों के पहचान हेतु फोटो युक्त पहचान पत्र मतदाता पहचान पत्र/पासबुक की छायाप्रति की छायाप्रति/ड्राईविंग लाईसेंस एवं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य दस्तावेज इनमें से कोई एक मान्य होगा।
जिला सहकारिता पदाधिकारी इस कार्य के लिए नोडल पदाधिकारी नामित है।
खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान अधिप्राप्ति के निबंधन के लिए किसानों को कृषि विभाग द्वारा प्राप्त आई0 डी0 से Login करना अनिवार्य होगा। खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में धान अधिप्राप्ति हेतु जो कृषक अपना निबंधन कराये है उन्हें नये तरीके से कृषि विभाग द्वारा निर्गत आई0डी0 से Login कर धान अधिप्राप्ति हेतु निबंधन करना । होगा। यदि कोई किसान कृषि विभाग द्वारा आवंटित निबंधन विवरण भूल गये हो तो www.dbtagriculture.bihar.govt.in पर अपना निबंधन संख्या / आधार संख्या / निबंधित मोबाईल नं0/ जन्म तिथि या बैंक खाता संख्या डालकर निबंधन करा सकते है।
धान क्रय हेतु किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
पंजीकृत किसानों की सूची से प्रति किसान अधिकतम 200 क्विटल धान क्रय किया जायेगा। जो पंजीकृत किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं करते है, उनसे फोटोयुक्त पहचान पत्र प्राप्त कर धान 75 क्विटल क्रय किया जायेगा।
अपनी श्रेणी में निबंधित किसान निर्धारित सीमा अन्तर्गत एकमुस्त या दो बार तक विक्रय कर सकते हैं।
भूमि संबंधी दस्तावेज – अंचल पदाधिकारी द्वारा निर्गत भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र/हाल का माल गुजारी रसीद इनमें से कोई एक।
किसानों को उपर्युक्त क्रय केन्द्रों के माध्यम से धान बेचने अथवा धान का मूल्य भुगतान के संबंध में यदि कोई शिकायत हो तो संबंधित जिला पदाधिकारी/अनुमंडल पदाधिकारी/जिला आपूर्ति पदाधिकारी/जिला सहकारिता पदाधिकारी एवं जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम से सम्पर्क करें।
इसके अतिरिक्त खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष दूरभाष संख्या-0612-2210902 पर सम्पर्क कर सकते हैं। अधिप्राप्ति कार्य में वांछित सहयोग एवं ऑन-लाईन रजिस्ट्रेशन में कठिनाई होने पर सहकारिता विभाग नियंत्रण कक्ष 0612-2200693 टॉल फ्री नं 0-1800-345-6290 पर तथा ई-मेल आई 0 डी0 – [email protected] एवं बेबसाईट [email protected] पर सम्पक किया जा सकता है ।
विभागीय वेबसाईट http://cooperative.bih.nic.in पर सभी नोडल पदाधिकारी/जिला नोडल पदाधिकारी का नाम एवं मोबाईल नं0 उपलबध है। विस्तृत जानकारी हेतु संबंधित जिला पदाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी से सम्पर्क करें।
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क्रय केन्द्रों का निर्धारण एवं किसानों को क्रय केन्द्र पर भुगतान
धान अधिप्राप्ति मुख्यतः पंचायत स्तर पर पैक्स एवं प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल द्वारा संचालित क्रय केन्द्र के माध्यम से किया जायेगा। साफ सुथरे एवं सूखे हुए धान जिसकी नमी 17 प्रतिशत से अधिक न हो की अधिप्राप्ति की जाएगी। (साथ ही प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के स्तर से निर्गत सत्यापन प्रमाण पत्र निश्चित रूप से संलग्न रहें)। पंजीकृत किसानों से क्रय किये गए धान का मूल्य पंजीकृत किसानों को धान के विरूद्ध पंचायत स्तर पर पैक्स तथा प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल से यथा संभव PFMS के माध्यम से क्रय के बाद 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जायेगा। भुगतान की सूचना Automatic SMS से उनके पंजीकृत मोबाईल पर दी जाएगी।
केंद्र धान खरीद के लिए नमी और घटाएगा, बिहार ने जताई आपत्ति
केन्द्र सरकार नीतियां बनाने में बिहार के किसानों की अनदेखी कर रहा है। पहले धान खरीद का समय कम कर दिया। अब नई व्यवस्था लाने जा रहा है, जिसमें नमी भी कम हो जाएगी। नए साल में धान खरीद के लिए केन्द्र ने 17 की जगह 16 प्रतिशत ही नमी वाला धान लेने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया तो राज्य के किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। लेकिन, राज्य सरकार ने केन्द्र के इस फैसले का विरोध करने का फैसला किया है।
मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए केन्द्र को पत्र लिखे। राज्य में पहले धान खरीद की शुरुआत तो 15 नवम्बर से होती थी लेकिन यह अभियान अप्रैल तक चलता था। 31 मार्च के पहले तो कभी अभियान बंद नहीं हुआ। लेकिन इस बार केन्द्र ने 31 जनवरी तक ही धान खरीदने का समय दिया है। अब इस समय तक राज्य के धान में नमी 20 से 22 प्रतिशत तक रहती है। ड्रायर की सुविधा भी बहुत कम मिलों में हैं। ऐसे में समय घटाने के साथ केन्द्र से अपेक्षा थी कि पहले से तय नमी में कुछ छूट मिलेगी। लेकिन इससे उलट केन्द्र ने नमी एक प्रतिशत और कम कर दिया। सरकार ने 45 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है।
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धान बेचने को दो सप्ताह में पांच लाख आवेदन
धान खरीद को लेकर संशय के सारे बादल छंट गये। सरकार ने तेजी दिखाई तो किसानों को पंख लग गये। दो सप्ताह में पांच लाख किसानों ने निबंधन की सारी प्रक्रिया पूरी कर आवेदन कर दिया। गैर रैयत किसानों की जल्दबाजी तो देखते बन रही है। उनके आवेदन और निबंधन की संख्या तीन लाख से ऊपर चली गई है। लेकिन नमी और समय की परेशानी अब भी बरकरार है।
धान खरीद की घोषणा होते ही इस साल कई तरह की परेशानियां किसानों के सामने आई। सबसे बड़ी परेशानी गैर रैयतों को लेकर थी। केन्द्र के प्रावधान के अनुसार गैर रैयत किसानों को भी खेत का पूरा डिटेल देना था और उसे राजस्व विभाग के पोर्टल पर चेक करना था। लेकिन बाद में राज्य सरकार ने सिर्फ वार्ड आयुक्त से प्रमाण पत्र लेकर निबंधन शुरू किया। नतीजा यह है कि अब तक 5.49 लाख किसानों ने निबंधन करा लिया।
खास बात यह है कि धान बेचने को इच्छुक इन किसानों में गैर रैयत की संख्या 3.35 लाख है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक निबंधित किसानों की संख्या 50 हजार से भी नीचे थी। लेकिन मात्र 15 दिन में पांच लाख से अधिक किसानों ने निबंधन करा लिया। किसानों के साथ दूसरी समस्या नमी को लेकर थी। केन्द्र ने नमी की मात्रा 17 से घटाकर 16 प्रतिशत कर दी थी। लेकिन राज्य सरकार के विरोध के बाद केन्द्र को पीछे हटना पड़ा। लेकिन समय की समस्या अब भी बरकरार है। सरकार ने खरीद की अंतिम तिथि घटाकर 31 जनवरी कर दी है। हालांकि सरकार ने इसके लिए भी पहली बार ऐसा प्रवाधान किया कि खरीद अभियान को तीन भाग में बांट दिया। कोसी और पूर्णिया प्रमंडलों में खरीद शुरू हो गई। तिरहुत में दस नवम्बर से और शेष जिलों में 15 नवम्बर से शुरू होगी। लेकिन बंद होने की तारीख सबके लिए 31 जनवरी ही है।
धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख टन तय
राज्य सरकार ने गत वर्ष की तरह इस साल भी धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख टन तय किया है। पहले राज्य में तीस लाख टन धान खरीदने का ही लक्ष्य था। लेकिन गत वर्ष से सरकार ने इस लक्ष्य को बढ़ा दिया है। केन्द्र ने सामान्य धान के लिए 1940 रुपये समर्थन मूल्य तय किया है। नमी भी केन्द्र ने 17 से घटाकर 16 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था। लेकिन राज्य सरकार के विरोध के कारण पुरानी व्यवस्था ही इस मामले में भी लागू रही।
नये प्रावधान पर किसानों का खरा उतरना मुश्किल
केन्द्र सरकार के नये प्रावधान पर राज्य के किसानों का खरा उतरना कठिन लगता है। प्रस्ताव मंजूरी के बाद अगर नमी में छूट मिलेगी भी तो किसानों से एक प्रतिशत अधिक नमी के लिए एक किलो अधिक धान लिया जाएगा या फिर भुगतान में प्रति क्विंटल लगभग 19.40 रुपये की कटौती होगी। ऐसे में किसानों को 1940 रुपये समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा। हालांकि ऐसा कोई प्रावधान नये प्रस्ताव में नहीं है लेकिन पहले जब भी सरकार नमी में छूट देती है तो यह व्यवस्था लागू करने की परंपरा है। इस नीति का दोगुना लाभ खरीद एजेन्सियां उठाएंगी।
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धान की फसल को कीट–व्याधि से बचाव के उपाय
धान फसल वर्तमान में गभ्भा की अवस्था एवं अगात प्रभेदों में बालियाँ निकल रही है। अभी राज्य के कुछ जिलों यथा भागलपुर, नालन्दा, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद एवं बेगूसराय में धान फसल पर शीथ ब्लाईट (Sheath Blight) एवं पत्र अंगमारी (Bacterial Leaf Blight) रोग के आक्रमण की सूचना प्राप्त हुई है तथा तनाछेदक एवं गंधीबग कीट का प्रभाव भी धान में देखा गया है। अभी रोग और कीट का प्रभाव प्रांरभिक अवस्था में ही है। इसलिए इसे निम्नांकित प्रबंधन द्वारा रोग एवं कीटों से धान फसल का बचाव किया जा सकता है। धान फसल में कीट-व्याधि के उचित प्रबंधन/नियंत्रण हेतु निम्न प्रकार से उपायों को अपनायें :
शीथ ब्लाईट (Sheath Blight):-
यह फफंद से होने वाला रोग है, जिसमें पत्रावरण पर हरे-भरे रंग के अनियमित आकार के धब्बे बनते हैं, जो देखने में सर्प के केंचूल जैसा लगता हैं।
प्रबंधन/नियंत्रण :
- खेत से जल निकासी का उत्तम प्रबंध करें।
- यूरिया का टॉप ड्रेसिंग सुधार होने तक बंद कर दें।
- कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें या भैलिडामाइसीन 3 एल0 अथवा हेक्साकोनाजोन 5 प्रतिशत ई०सी० का 2 मि०ली0 प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
पत्र अंगमारी रोग(B.L.B):-
यह जीवाणु से होने वाला एक रोग है, जिसमें पत्तियाँ शीर्ष से दोनों किनारे या एक किनारे से सूखती है। देखते-देखते पूरी पत्तियाँ सूख जाती है, जिससे फसल को नुकसान पहुँचता है।
प्रबंधन/नियंत्रण :
- खेत से यथासंभव पानी को निकाल दें।
- उर्वरक का संतुलित व्यवहार करें। नेत्रजनीय उर्वरक का व्यवहार कम करें।
- स्ट्रेप्टोसाईक्लिन 1 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए। पुनः एक सप्ताह पर छिड़काव करें।
- नमी की स्थिति में इसका व्यवहार करें।
- बिलम्ब की स्थिति में एसिफेट 75 प्रतिशत एस०पी० का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें।
गंधी कीट:
यह भूरे रंग का लम्बी टांग वाला दुर्गन्धयुक्त कीट है। शिशु एवं वयस्क कीट दुग्धावस्था में धान के दानों में छेदकर उसका दूध चूस लेते हैं, जिससे धान खखड़ी में बदल जाता है।
प्रबंधन/नियंत्रण:
- केकड़ा को सूती कपड़े की पोटली में बाँधकर प्रति हेक्टेयर 10-20 जगह खेत के चारों तरफ फट्ठी/डंडा के सहारे लटका दें, जो फसल की ऊँचाई से लगभग एक फीट ऊपर हो। किसी रासायनिक उपचार की आवश्यकता नहीं होगी।
- क्लोरपाईरिफॉस 1.5 प्रतिशत धूल या मालाथियान 5 प्रतिशत धूल का 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह में भरकाव करें।
धान खरीद बिहार 2021 के बारे में विशेष जानकारी के लिए अपने सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण अथवा किसान कॉल सेन्टर के टॉल फ्री नं. 1800 180 1551 पर संपर्क कर सकते हैं।
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