दाखिल खारिज बिहार 2023: बिहार सरकार ने बिहार भूमि दाखिल खारिज (म्यूटेशन) नियमावली में फिर से बदलाव किया है जिसके कारण अब म्यूटेशन में पहले से दोगुना समय लगेगा। पहले जब आप अपने जमीन का दाखिल खारिज कराने के लिए आवेदन करते थे तो अगर आवेदन सही पाया जाता था और कोई आपत्ति नहीं होता था तो पहले इस काम के लिए 18 दिन का समय लगता था लेकिन अब नई बिहार भूमि दाखिल खारिज नियमावली व्यवस्था लागू होते ही यह समय बढ़कर 35 दिन हो जाएगा।
कितने दिन में होगा बिहार भूमि दाखिल खारिज?
नई व्यवस्था के अनुसार बिहार भूमि दाखिल खारिज में 35 लगने के मुख्य कारण आपके आवेदन के बाद जांच से लेकर सभी स्तर तक के कर्मियों के लिए समय सीमा तय कर दी गई है। लिहाजा, हर हाल में अधिकारी को नियमित अवधि में दाखिल खारिज के आवेदन का निष्पादन करना होगा।
भूमि दाखिल खारिज का प्रक्रिया क्या होगा?
इस नई दाखिल खारिज व्यवस्था में आवेदकों के द्वारा किये गए आवेदन से जुड़े कागजातों की जांच केंद्रीयकृत की जायेगी। तथा कागजात सही पाये जाने पर उसे संबंधित सीओ के भेजने के बाद अभिलेख खोला जायेगा। यह अभिलेख ऑनलाइन म्यूटेशन का आवेदन पाने के तीन दिन के अंदर में वाद अभिलेख (मतलब आवेदन संख्या और वर्ष सहित) खोला जायेगा। इसके बाद अंचल अधिकारी राजस्व कर्मचारी को पाए गए आवेदन के मामले की जांच का आदेश देगा।
यह राजस्व कर्मचारी अंचल स्तर पर केंद्रीकृत प्रणाली के तहत गठित टीम होगा जो तीन दिनों के अंदर आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच करेगी। अगर राजस्व कर्मी द्वारा आवेदक द्वारा अपलोड किया गया कागजात पूरे होने पर अनुशंसा की रिपोर्ट लगाते हुये राजस्व कर्मी सात दिन के अंदर में रिपोर्ट अंचल निरीक्षक को प्रस्तुत करना होगा। जिसमे बाद अंचल निरीक्षक तीन दिन में सीओ को अपनी रिपोर्ट देगा।
आवेदक द्वारा ऑनलाइन दाखिल-खारिज का आवेदन देने के बाद तीन दिन में अंदर जब वाद अभिलेख खोला जायेगा उस समय इसकी सूचना भी एसएमएस के जरिये टोकन नंबर आवेदक को दी जायेगी। इससे आवेदनकर्ता ऑनलाइन पोर्टल पर वाद संख्या के अनुसार आवेदन की स्थिति खुद देख सकते है।
यह पहली वार नहीं जब म्यूटेशन के नियम में बदलाव किया गया है इससे पहले 2012 में बने दाखिल खारिज नियमावली को 2017 में संशोधन किया गया था। बिहार सरकार द्वारा बिहार भूमि म्यूटेशन नियमावली में संशोधन के लिये कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी थी़. गजट होते ही नये नियम लागू हो जायेंगे़।
क्या है नई व्यवस्था?
•आवेदन सही है और कोई आपत्ति नहीं है तो पहले इस काम के लिए 18 दिन समय तय था जो की अब 35 दिन हो गए है
• अंचल स्तर पर गठित टीम आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच करेगी
03 दिन में सीओ को अपनी रिपोर्ट देंगे अंचल निरीक्षक
पहले आपत्ति की समय सीमा 60 दिन थी़ जो की अब 75 कार्यदिवस कर दिया गया है़।
क्यों बढ़ाया गया है दाखिल खारिज का समय?
डीसीएलआर और सीओ के काम का मूल्यांकन शुरू हुआ तो पता चला कि कम समय मिलने के कारण दाखिल खरिज करने वाले अधिकारी ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन को खारिज कर देते थे। जिसके कारण म्यूटेशन लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ गई थी। जिसको देखते हुए अधिकारी के ज्यादा समय दिया गया है जिससे समय पर म्यूटेशन हो सके और लंबित आवेदनों के संख्या में कमी आ सके।
हमारी अपनी राय?
अगर में अपने ओर से कहु तो सरकार कुछ भी कर ले जब तक अधिकारी अपना जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते तब तक कुछ बदल नहीं सकते है क्यों की जो अधिकारी बैठे है वो सरकारी काम कम ओर अपनी जैब जायदा देखते है
अगर सच में बिहार सरकार को सब बदलना है तो दाखिल खारिज को 100% ऑनलाइन कारणा होगा. और आवेदक एबं अधिकारी के बीच सभी तरह के मतलब को खत्म कारणा होगा जैसे डॉक्यूमेंट अधिकारी को देना, कुछ प्रॉब्लम होने पर अधिकारी से मिलना होना. ये सब चीजे आवेदक से ऑनलाइन भी मांगा जा सकता है और इस काम को गति दिया जा सकता है।
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अगर में अपने ओर से कहु तो सरकार कुछ भी कर ले जब तक अधिकारी अपना जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते तब तक कुछ बदल नहीं सकते है क्यों की जो अधिकारी बैठे है वो सरकारी काम कम ओर अपनी जैब जायदा देखते है
Sir maine dakhil kharij Kiya tha lekin aplication no nahi Mila hai likh raha hai ki scrutiny verification ke baad aplication no milega