इंजीनियर कैसे बने | Engineer kaise bane | software engineer kaise bane | civil engineer kaise bane | junior engineer kaise bane | mechanical engineer kaise bane | sarkari engineer kaise bane | engineer kaise bane in hindi | electrical engineer kaise bane | engineer kaise bane puri jankari | engineer kaise bante hai | engineer,jee kaise bane | engineering kaise bane | engineer kaise bana jaye| railway engineer kaise bane | computer engineer kaise bane | software engineer kaise bane in hindi | engineer kaise bante hain,software engineer | इंजीनियर बनना चाहते
आज कल के मौहोल में जब बच्चो से पूछा जाता है की बड़े होकर क्या बनोंगे तो अधिकतर बच्चे से सुनने को मिलता ही की वो डॉक्टर बनेगा नहीं तो इंजीनियर. इसका कारण है की आसपर के लोग ज्यादा इसी बारे में बातें करते है जो बच्चो को दिमाग में बैठ जाता है. और यही से शुरू होता है इंजीनियर बनने की कहानी.
लेकिन चिंता की बात यह है कि ज्यादातर युवाओं को यह पता ही नहीं होता कि अपने इंजीनियर बनने की सपनों को साकार करने की लिए तैयारी का सही समय और तरीका क्या है इसलिए आज में आपको इस पोस्ट में डिटेल में बताने जा रहा हूँ की कैसे आप इंजीनियर इंजीनियर कैसे बने. (engineer kaise bane in hindi).engineer kaise bane puri jankari
इंजीनियर बनना चाहते है तो तैयारी 10वी से करें? engineer kaise banenge
अगर आप एक सफल इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपको इसकी तैयारी कक्षा 10 से ही शुरू करनी होगी. दसवीं क्लास से ही भौतिकी, रसायनशास्त्र और गणित विषयों के मूल सिद्धांतों को अच्छे से समझें और अन्य विषयों के मुकाबले इन विषयों पर अधिक ध्यान दें। इसके अलावा आप अपनी पसंद और नापंद के बारे में सोचें और फिर अपनी शौक के हिसाब से इंजीनियरिंग की कौन भी एक शाखा चुने और फैसला करें। इंजीनियर कैसे बने का फैसला एक दिन या एक महीने में करने की जरूरत नहीं है। दसवीं से सोचना जारी रखें और इंटर (12वी) करने तक इसका जवाब आपको जरूर मिल जाएगा।
उदहारण के लिए: यदि आपको ऑनलाइन वेबसाइट बनाना पसंद है तो आप कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर सकते हैं। इसी रह से यदि आपको कंप्यूटर में होने वाले तकनिकी खराबी को दूर करना पसंद है तो आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में जा सकते हैं।
इंजीनियर किसे कहते हैं?engineer kaise banenge
इंजीनियर उस व्यक्ति को कहा जा सकता है जो अपने अपनी काबिलियत के हिसाब से अपने प्रोफाइल सम्बन्धित डिजाइन, मशीन टेस्ट या अलग-अलग प्रयोग करके कुछ नया अविष्कार करने का काम करता है उससे एक सफल इंजीनियर कहा जाता है इंजीनियरिंग एक विशेष आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक तकनीकी उत्पाद या प्रणाली के उत्पादन की प्रक्रिया है इंजीनियर बनने के लिए डिप्लोमा और डिग्री की आवश्यकता पडती है लेकिन इंजीनियर भी कई प्रकार के होते हैँ जिसके बारे में आपको आगे जानकारी मिलेगा।
इंजीनियर कितने प्रकार के होते है?
इंजीनियर काफी प्रकार के होते है जैसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर, कंप्यूटर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, ऊर्जा इंजीनियरिंग, फोटोनिक्स इंजीनियरिंग, हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग, कृषि इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग, ओसियन इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम इंजीनियरिंग आदि.
कब कर सकते है इंजीनियरिंग का कोर्स?
आप चाहे तो 10वीं या 12वीं दोनों के बाद इंजीनियर बन सकते है लेकिन अगर आपके मन में या सवाल आ रहा होगा की जब 10वीं के बाद बन सकते है तो 12वीं से क्यों करे.तो मै आपको दोनों का अंतर बता देता हूँ 10वीं के बाद जो आप इंजीनियर कोर्स करते है वो डिप्लोमा डिग्री होता है मतलब आप जूनियर इंजीनियर कहलाते है और 12वीं के बाद जो करते है वो बैचलर डिग्री होता है और यह बैचलर डिग्री पूरा करने के बाद पूर्ण इंजीनियर कहलाते है।
10वीं के बाद डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने के बाद आप नौकरी तो कर सकते है लेकिन जूनियर इंजीनियर के रूप में. अगर आप डिप्लोमा इंजीनियरिंग के बाद पूर्ण इंजीनियर बनना चाहते है तो आगे बी.टेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) या बी.ई. (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) करना होगा जिसमे आपको 3 साल और लगेगा।
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वैसे बी.टेक या बी.ई. चार साल का कोर्स होता है लेकिन डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को सीधे सेकेंड ईयर (2nd Year) में एडमिशन मिल जाता है। यह आपके ऊपर निर्भर करता है, कि आप 10 वीं के बाद डिप्लोमा कर इंजीनियर करना चाहते हैं या फिर 12वीं के बाद बैचलर डिग्री कर इंजीनियर बनना चाहते हैं।
- 10वीं के बाद इंजीनियर बनने के लिए – 3 साल का डिप्लोमा + 3 साल की डिग्री = 6 साल
- 12 वीं के बाद इंजीनियर बनने के लिए = 4 साल की डिग्री = 6 साल
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दसवीं (10th) के बाद इंजीनियर कैसे बने ?
अगर आप 10वीं के बाद इंजीनियर बनना चाहते है तो आप बन सकते है लेकिन उसके लिए स्कूल से ही कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. आपको दसवीं में मैथ्स और साइंस विषय पर ज्यादा ध्यान देना होगा. 10वीं (Matric) के बाद आप अपनी रूचि के अनुसार इंजीनियरिंग में डिप्लोमा डिग्री प्राप्त करने के लिए एडमिशन ले सकते है। जिसके लिए आईटीआई या पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले सकते है जो की कम से कम 3 साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट वाला कोर्स होगा. जिसको कम्पलीट करने के बाद इंजीनियर की डिग्री मिल जायेगा, और आप एक इंजीनियर बन जायेंगे
आज कल छात्रों अपने बेहतर और संतोषजनक कैरियर की ओर रास्ता बनाने के लिए अधिक से अधिक विकल्प मिल रहे हैं। जिसमे से पॉलिटेक्निक कोर्स जो गैर-पारंपरिक और आधुनिक कार्यक्रमों के तहत आता है। पॉलिटेक्निक कोर्स को भारत ही नहीं विदेशों में भी बड़े पैमाने पर कॉलेजों और उद्योगों द्वारा शामिल किया गया है और हर साल काफी छात्र अपनी पसंद के पॉलिटेक्निक कोर्स में दाखिला लेते हैं और अपने करियर बनने के सफल होते है।
डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स क्या होता है?
डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स की अवधि 3 साल की होती है जिससे आप 10वी के बाद कर सकते है कुछ कोर्स के नाम नीचे दिए गए है:-
डिप्लोमा इन कृषि अभियांत्रिकी | डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार | डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी | डिप्लोमा इन जैव प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन टेक्सटाइल इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इनडेयरी टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन प्रोडक्शन इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन पर्यावरण इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन मोटरस्पोर्ट इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन पॉवर इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन धातुकर्म इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन खनन इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन आईटी इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन प्लास्टिक इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन आर्ट एंड क्राफ्ट | डिप्लोमा इन जेनेटिक इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन फैशन इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन सिरेमिक इंजीनियरिंग |
डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | डिप्लोमा इन आंतरिक सजावट |
ऊपर दिए गए डिप्लोमा कोर्स करने के बाद बी.टेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) या बी.ई. (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) भी कर सकते हैं. बीटेक करने में पॉलिटेक्निक के बाद लेटरल एंट्री का प्रोविजन है यानी डिप्लोमा के बाद सीधे बीटेक की सेकेंड ईयर (2nd Year) में एडमिशन मिल सकता है.
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया
भारत में काफी पॉलिटेक्निक संस्थान निजी रूप से संचालित हैं और और कुछ सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हैं। इन पॉलिटेक्निक संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया दूसरे से अलग है। मतलब कुछ कॉलेजो के पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा देना होता हैं वही कुछ कॉलेज में अंकों के आधार पर सीधे एडमिशन मिल जाता हैं। लेकिन ज्यादातर अच्छे कॉलेजो में प्रवेश परीक्षा से ही एडमिशन होता है।
डिप्लोमा इंजीनियरिंग के बाद नौकरी के अवसर
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा डिग्री पूरी करने वाले छात्रों के लिए कई कैरियर के अवसर उपलब्ध हैं। क्योकि छात्रों को पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के दौरान शिक्षण और प्रशिक्षण में इंजीनियरिंग की सभी बुनियादी जरूरतों को पढ़ाया जाता है जो उनके नौकरी के दौरान काम आता है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को आकर्षक वेतन पैकेज के साथ बेहतरीन नौकरियां प्रदान करती हैं।
प्राइवेट सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की यूनिट कंपनियां पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को आकर्षक वेतन पैकेज के साथ बेहतरीन नौकरियां प्रदान करती हैं। पीएसयू (Public sector undertakings in India) की कंपनि जैसे रेलवे, भारतीय सेना, गेल, ओनजीसी, डीआरडीओ, भेल, एनटीपीसी, बीएसएनएल, एनएसओ में भी नौकरियों के पाने का ऑप्शन होता हैं।
भारत में टॉप पॉलिटेक्निक कॉलेज
- बाबा साहेब अम्बेडकर पॉलिटेक्निक (BSAP), दिल्ली
- साउथ दिल्ली पॉलिटेक्निक फॉर विमेन, दिल्ली
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक (जीपी), मुंबई
- वी0 पी0 एम0 पॉलिटेक्निक, ठाणे
- कलिंग पॉलिटेक्निक भुवनेश्वर (KIITP), भुवनेश्वर
- एस0 एच0 जोंधले पॉलिटेक्निक (SHJP), ठाणे
- विवेकानंद एजुकेशन सोसायटी की पॉलिटेक्निक (वीईएस पॉलिटेक्निक), मुंबई
- गवर्नमेंट विमेन पॉलिटेक्निक कॉलेज (GWPC), भोपाल
- सरकारी महिला पॉलिटेक्निक (GWP), पटना
- आनंद मार्ग पॉलिटेक्निक, कोलार
12th (इंटर) के बाद इंजीनियर कैसे बने ?
12वीं के भी इंजीनियरिंग कोर्स कर सकते है जो की एक बैचलर डिग्री होता है जिसके लिए 12वीं में साइंस विषय, भौतिकी, रसायनशास्त्र और गणित के साथ होना चाहिए, साथ ही Joint Entrance Exam Mains (JEE Mains), Joint Entrance Exam Advance (JEE Advance) या STATE level की Entrance Exam में पास होना भी जरूरी है।
Entrance Exams List FOR B.Tech
JEE Main | KCET |
MHT CET | TS EAMCET |
AP EAMCET | KEAM |
Goa CET | WBJEE |
VSAT | BITSAT |
KLEEE | UPSEE |
KIITEE |
बैचलर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए पात्रता
- न्यूनतम योग्यता 10+2 आवश्यक/पॉलिटेक्निक डिप्लोमा
- कम से कम अंक आवश्यक: 50% से 70% (एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न हो सकता है)
Engineering Courses After 12th (B.Tech) Highlights
पाठ्यक्रम का नाम | B.Tech |
अवधि | 4 (चार) वर्ष |
न्यूनतम पात्रता | 12 वीं कक्षा साइंस में पीसीएम स्ट्रीम के साथ/पीसीबी स्पेशलाइज्ड कोर्स के लिए जैसे बायोटेक्नोलॉजी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग |
लेटरल एंट्री | डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग/ पॉलिटेक्निक डिप्लोमा वाले B.Tech में सीधे द्वितीय वर्ष का प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। |
प्रवेश प्रक्रिया | प्रवेश आधारित / मेरिट आधारित / डायरेक्ट एडमिशन |
Average Fee | Rs. 40,000-50,000 प्रति वर्ष |
छात्रवृत्ति | प्राइवेट संस्थान प्रवेश परीक्षा में आये नंबर के आधार पर छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं / कक्षा 12वीं के आये नंबर के आधार पर |
इंटर्नशिप | हाल ही में, AICTE ने इंजीनियरिंग कॉलेजों को छात्रों को इंटर्नशिप कराने का निर्देश दिया है, और यह सभी अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए अनिवार्य है। कुछ निजी कॉलेज और IITs, NITs 2nd year से ही इंटर्नशिप कराते हैं। |
Bachelor Engineering Courses List
कुछ बैचलर इंजीनियरिंग कोर्स का नाम नीचे दिया गया है जिसको करने के बाद इंजीनियर बन सकते हैं।
सिविल इंजीनियर | केमिकल इंजीनियर |
एनर्जी इंजीनियर | इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग | इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग |
न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग | एग्रीकल्चर/कृषि इंजीनियर |
कंप्यूटर इंजीनियरिंग | केमिकल इंजीनियर |
ओशनिक इंजीनियरिंग | एयरोस्पेस इंजीनियरिंग |
एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग | न्यूक्लियर इंजीनियर |
टेक्सटाइल इंजीनियर | जीओलॉजिकल इंजीनियर |
एनवायर्नमेंटल इंजीनियर | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर |
ऑटोमोबाइल इंजीनियर | रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंजीनियर |
मैन्युफैक्चरिंग एंड प्रोडक्शन इंजीनियर | पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंजीनीयर |
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग | बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड बायोकैमिकल इंजीनियरिंग |
इंडिया में टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज का लिस्ट इस तरह है
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मद्रास
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुंबई
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपूर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रुड़की
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, तिरिचिराप्पल्ली
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, इंदौर
ऊपर दिए गए कॉलेज में जेईई मेन्स और जेईई एडवांस में अच्छा रैंक लाने के बाद ही एडमिशन मिलता है इस लिए अगर आप इन कॉलेज में एडमिशन चाहते है तो बहुत मेहनत करना होगा.
इंजीनियर की सैलरी?
वैसे इंजीनियर की सैलरी उसकी कंपनी, पोजीशन और अनुभव पर निर्भर करती है। अगर एवरेज की बात करे तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की सैलरी लगभग 1.8 से 5 लाख रुपये सालाना मिलती है। जो की कौशल एवं अनुभव के साथ धीरे– धीरे बढ़ती जाती है। वही देश के बड़े कॉलेज जैसे आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों को लगभग 7 से 10 लाख रुपये सालाना पैकज दिया जाता हैं।
कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी 2.5 लाख सालाना से लेकर 8.5 लाख सालाना या इससे ज्यादा तक है। अच्छी कंपनी जैसे गुगल, ट्विटर और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां इंजीनियरों को 1 करोड़ रुपये तक का सालाना ऑफर पेश कर रही है। सिविल इंजीनियर को लगभग शुरुआत में 3 से 5 लाख रुपये सालाना मिलता हैं। वही इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की प्राम्भिक सैलरी तो 2 लाख सालाना तक मिलती है। यह कौशल एवं अनुभव के आधार भी समय के साथ बढ़ता चला जाता है
इस पोस्ट में हमने बताया की इंजीनियर कैसे बने? इंजीनियर किसे कहते हैं और इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं हमें उम्मीद है की आपको सभी जानकारी मिल गया होगा अगर इंजीनियर कैसे बने पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे।