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निगेटिव मार्किंग से परीक्षा में ऐसे बचे

16/05/2025

कई प्रकार की परीक्षाएं होती हैं, जैसे जेईई,गेट, नीट, कैट, यूपीएससी (प्रीलिम्स) और एसएससी सीजीएल, जिनमें निगेटिव मार्किंग प्रणाली लागू होती है। यह आपके स्कोर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। यदि आप प्रवेश परीक्षा दे रहे हैं या सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको अपनी तैयारी में नकारात्मक अंकन से बचने के उपायों को भी सम्मिलित करना चाहिए। आइए जानते हैं कि आप इस नकारात्मक अंकन से कैसे निपट सकते हैं।

Contents
जानिए निगेटिव मार्किंग का कारण और इससे बचने के उपायअपनी तैयारी को मजबूती प्रदान करेंटाइम मैनेजमेंट की महत्तानिगेटिव मार्किंग का उद्देश्य क्या होता है?परीक्षा में निगेटिव मार्किंग से कैसे बचें?परीक्षा में उच्च स्कोर कैसे प्राप्त करें?परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट का महत्व क्या है?परीक्षा में ‘तुक्का’ मारने से क्यों बचें?परीक्षा में सफलता के लिए कौन सी रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं?

प्रतिवर्ष हज़ारों प्रतियोगी उम्मीदवार परीक्षाओं के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन केवल कुछ का ही चयन हो पाता है। इससे यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि आखिर तैयारी में क्या कमी रह गई। परीक्षा के पाठ्यक्रम की गहन तैयारी के साथ, कुछ विशेष बातों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर परीक्षा में निगेटिव मार्किंग को कम करने के लिए, क्योंकि निगेटिव मार्किंग आपके स्कोर पर गहरा प्रभाव डालती है।

जानिए निगेटिव मार्किंग का कारण और इससे बचने के उपाय

सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि निगेटिव मार्किंग का उद्देश्य क्या है। जेईई, नीट, गेट, कैट, यूपीएससी (प्रीलिम्स), एसएससी सीजीएल जैसी कई परीक्षाओं में निगेटिव मार्किंग होती है। इसका मुख्य उद्देश्य उन उम्मीदवारों को चिन्हित करना होता है जिनमें आवश्यक ज्ञान और आत्मविश्वास की कमी हो। प्रश्न इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि वे उम्मीदवारों की समझ और ज्ञान का सही मूल्यांकन कर सकें। इसलिए, उम्मीदवारों के लिए निगेटिव मार्किंग से बचने के तरीके जानना अनिवार्य है।

बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

अभ्यास सबसे प्रभावी उपाय है। हमेशा ऐसा नहीं होता कि परिस्थितियाँ आपके अनुकूल होंगी, खासकर परीक्षा के समय। अक्सर, आपके सामने ऐसे प्रश्न होते हैं जिनसे बुद्धिमानी से निपटने के तरीके जानना जरूरी है। यह बुद्धिमत्ता अभ्यास से आती है। मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस भी बहुत उपयोगी होते हैं, क्योंकि ये गलतियों को करने की संभावनाओं को कम करते हैं और निगेटिव मार्किंग से बचाते हैं। अनुमान के आधार पर उत्तर देने से बचना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्नों में अनुमान के आधार पर उत्तर देना, या ‘तुक्का’ मारना, आम बात है। अक्सर अभ्यर्थी तनाव या अत्यधिक आत्मविश्वास के कारण सरल प्रश्नों का भी गलत उत्तर दे देते हैं, जो निगेटिव मार्किंग की ओर ले जाता है। इसलिए प्रश्नों पर ध्यानपूर्वक विचार करना और समय का सही प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तर देते समय जल्दबाजी न करके प्रत्येक प्रश्न और उसके विकल्पों को अच्छी तरह पढ़ें।

परीक्षा में प्रश्नपत्र प्राप्त करने के बाद, समझदारी और धैर्य के साथ प्रश्नों और विकल्पों का अवलोकन करें। आप पाएंगे कि कई प्रश्न आसान होते हैं। पहले इन आसान प्रश्नों का उत्तर दें। इसके बाद कठिन प्रश्नों को समय लेकर हल करें और भ्रामक प्रश्नों को छोड़ दें। याद रखें, अनुमान के आधार पर दिए गए उत्तर आपके अंकों को कम कर सकते हैं।

Learn-the-art-of-writing-answers-in-board-exams-
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नकारात्मक अंकन (नेगेटिव मार्किंग) से बचने के कुछ और उपाय नीचे दिए गया है जिसे आप अपना सकते हैं:

  1. सावधानीपूर्वक पढ़ाई करें: आपको अपने पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझना और याद करना चाहिए। संबंधित विषयों पर मजबूत पकड़ बनाने से आप अधिक सटीकता के साथ उत्तर दे पाएंगे।
  2. अभ्यास परीक्षा दें: जितना अधिक आप अभ्यास करेंगे, उतना ही बेहतर आप परीक्षा में प्रदर्शन कर पाएंगे। नमूना प्रश्नपत्रों और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें।
  3. समय प्रबंधन: समय का सही प्रबंधन आवश्यक है। प्रत्येक प्रश्न के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर उत्तर देने का प्रयास करें।
  4. सटीकता पर ध्यान दें: जल्दबाजी में उत्तर न दें। प्रत्येक प्रश्न को ध्यान से पढ़ें और तब तक उत्तर न दें जब तक आप सुनिश्चित न हों।
  5. अनुमान लगाने से बचें: यदि आपको किसी प्रश्न का उत्तर नहीं पता है, तो उसे छोड़ दें। अनुमान पर आधारित उत्तर देने से निगेटिव मार्किंग हो सकता है।
  6. संशोधन और पुनरावलोकन: परीक्षा के दौरान समय बचने पर अपने उत्तरों का पुनरावलोकन और संशोधन अवश्य करें।
  7. मानसिक शांति बनाए रखें: परीक्षा के दौरान शांत और केंद्रित रहें। तनाव में आकर गलतियाँ करने से बचें।
  8. निर्देशों का पालन करें: परीक्षा के निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें।

ये उपाय आपको परीक्षा में निगेटिव मार्किंग से बचने में मदद कर सकते हैं।

अपनी तैयारी को मजबूती प्रदान करें

उच्च स्कोर प्राप्ति के पीछे भागने की बजाय, प्रश्नों के उत्तर आत्मविश्वास के साथ देने पर फोकस करना चाहिए। यह लक्ष्य केवल परीक्षा के प्रत्येक विषय पर गहन तैयारी के माध्यम से ही पूरा हो सकता है। इससे आप गलत उत्तरों के जोखिम को कम कर सकते हैं। यदि आप किसी उत्तर को लेकर पूरी तरह सुनिश्चित नहीं हैं, तो हर प्रश्न का उत्तर देने की लालसा से बचें। पूर्ण स्कोर प्राप्त करने में सफल होने वाले अभ्यर्थी कम होते हैं, क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में जहां रैंक का महत्वपूर्ण रोल होता है, वहां एक अंक का खोना भी बड़ा नुकसान हो सकता है।

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टाइम मैनेजमेंट की महत्ता

किसी भी परीक्षा में सफलता और निगेटिव मार्किंग से बचने के लिए टाइम मैनेजमेंट अत्यंत महत्वपूर्ण है। परीक्षा शुरू होते ही सेक्शन एक से प्रश्नों को हल करना आरंभ करें, इससे जल्दबाजी में होने वाली गलतियों से बचा जा सकता है। बहुत से अभ्यर्थी कम स्कोर के डर से परीक्षा के आखिरी क्षणों में जल्दी-जल्दी प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश करते हैं। इससे सही उत्तर जानते हुए भी कई प्रश्न छूट जाते हैं। इसके अलावा, समय की कमी के तनाव के कारण अभ्यर्थी कई बार गलत उत्तर दे देते हैं। परीक्षा के अंतिम मिनटों का उपयोग हमेशा उत्तरों की समीक्षा और संशोधन के लिए करना चाहिए। समय के अनुसार प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें।

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निगेटिव मार्किंग का उद्देश्य क्या होता है?

निगेटिव मार्किंग का मुख्य उद्देश्य उन उम्मीदवारों को चिन्हित करना होता है जिनमें आवश्यक ज्ञान और आत्मविश्वास की कमी होती है।

परीक्षा में निगेटिव मार्किंग से कैसे बचें?

निगेटिव मार्किंग से बचने के लिए अच्छी तैयारी और सटीक उत्तर देने पर ध्यान दें। अनिश्चित उत्तरों पर अनुमान न लगाएं।

परीक्षा में उच्च स्कोर कैसे प्राप्त करें?

प्रत्येक विषय पर गहन तैयारी करें और प्रश्नों के उत्तर आत्मविश्वास के साथ दें।

परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट का महत्व क्या है?

टाइम मैनेजमेंट से आप जल्दबाजी में गलती करने से बच सकते हैं और उत्तरों की समीक्षा के लिए समय बचा सकते हैं।

परीक्षा में ‘तुक्का’ मारने से क्यों बचें?

‘तुक्का’ मारने से निगेटिव मार्किंग का जोखिम बढ़ता है और यह आपके अंकों को कम कर सकता है।

परीक्षा में सफलता के लिए कौन सी रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं?

परीक्षा के प्रत्येक विषय की अच्छी समझ बनाएं, नियमित अभ्यास करें और मॉक टेस्ट द्वारा अपनी तैयारी का मूल्यांकन करें।

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