Vijay Solutions

Sarkari Yojna & Movie Review

  • Sarkari Yojna
  • Education
  • career
  • election
  • online process
  • Tips Tricks
  • Property
  • Payment
Reading: जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम योजना का शुरुआत, जाने क्या है यह नया योजना? | मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम
Share

Vijay Solutions

Sarkari Yojna & Movie Review

Search
  • Sarkari Yojna
  • Education
  • career
  • election
  • online process
  • Tips Tricks
  • Property
  • Payment
Follow US
Vijay Solutions > Uncategorized > जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम योजना का शुरुआत, जाने क्या है यह नया योजना? | मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम

जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम योजना का शुरुआत, जाने क्या है यह नया योजना? | मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम

21/10/2023

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किसानों को कम पूंजी में अधिक आमदनी के उदेश्य से ” जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम ” या ” मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम ” की शुरुआत की है इस कृषि कार्यक्रम को पिछले साल बिहार के आठ जिलों में इसकी शुरुआत की गई थी जिसके बेहतर परिणाम के बाद अब इस जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम योजना को बिहार के सभी जिला में लागु कर दिया गया है यह योजना जल-जीवन-हरियाली अभियान केअंतर्गत लाया गया है।

Contents
क्या है जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम?जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की महत्पूर्ण बातेंमौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम का क्रॉप साईकिलयह योजना प्रमुख रूप से दो प्रकार के हस्तक्षेपों को कार्यान्वित किया जायेगा।

क्या है जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम?

इस जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत किसानो को मौसम के अनुकूल फसलों की बुआई और कटाई तथा वैज्ञानिक तरीके से खेती करना सिखाई जाती है। मौसम के अनुकूल खेती से तीन राउंड की खेती होगी, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगा और किसानों की आय बढ़ेगा.

कृषि विभाग के द्वारा पांच गांव के कुछ किसानों की जमीन पर खुद बुआई कराती है जिसमें बुआई का खर्च तक सरकार ही उठाती है।

चिन्हित प्रत्येक जिला से 05 गाँव को चिन्हित किया जायेगा। इस प्रकार कुल 40 गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जायेगा। ये गांव दूसरे गांवों के लिए भी नजीर बनेगें तथा संपूर्ण राज्य में जलवायु परिवर्तन से संबंधित कृषि तकनीक को क्रमशः अपनाया जाएगा।

मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत साल 2021 में डेढ़ लाख (1,50,000) किसान प्रशिक्षित किया जायेगा जिसमे वैज्ञानिक द्वारा किसानो को खेतो में एक साल में तीन फसल उगाने का गुर सिखाएंगे, जिससे मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाने से किसानों को काफी लाभ होगा।

जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत 190 गांवों को पूरी तरह इस नई पद्धति का प्रशिक्षण दे कर विकसित किया जाएगा। शेष गांवों के किसानों को भी इसे दिखाया और बताया जाएगा।

राज्य में स्थित कृषि अनुसंधान संस्थानों यथा बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया, डा0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूर्वी क्षेत्र, पटना के द्वारा जलवायु परिवर्तन से अनुकूलन के लिए नये क्रॉप साईकिल/कृषि तकनीक का विकास किया गया है

जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की महत्पूर्ण बातें

  • फसल की उत्पादन लागत भी घटेगी।
  • जलवायु के अनुकूल कृषि से किसानों की लागत में कमी आएगी और उन्हें अधिक लाभ होगा
  • जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए सभी जिलों के 5-5 गांवों का चयन किया जायेगा
  • प्रथम चरण में 8 जिलों मधुबनी, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नवादा, गया व नालंदा के 40 गांवों में नये फसल चक्र के अनुसार खेती होगी|

मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम का क्रॉप साईकिल

अनुसंधान संस्थानों के द्वारा नये क्रॉप साईकिल के रूप में

  • धान-गेहूँ-मूंग
  • मक्का-गेहूँ-मूंग
  • मक्का-सरसो-मूंग
  • मक्का -मसुर -मूंग
  • सोयाबीन-गेंहूँ-मूंग
  • सोयाबीन-रबी मक्का

आदि की खेती की जाएगी जिससे अपनाकर किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।

यह योजना प्रमुख रूप से दो प्रकार के हस्तक्षेपों को कार्यान्वित किया जायेगा।

  1. वर्तमान में उपलब्ध तकनीक को किसानों के खेत तक पहुँचाने से संबंधित है जिसमें जलवायु अनुकूलन तकनीक विशेषकर उपयुक्त प्रकार के कृषि यंत्र (लेजर लैण्ड लेवलिंग, जीरो टिलेज, धान की सीधी बुवाई, रेज-बेड प्लाटिंग) फसल अवशेष प्रबंधन / मल्चिंग, प्रिसिजन न्यूट्रियन मैनेजमेन्ट, न्यूट्रियन्ट एक्सपर्ट, ग्रीन सीकर, कृषि वानिकी, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शष्य क्रिया को अपनाने पर बल दिया गया है।
  2. जलवायु परिवर्तन से संबंधितं अनुकूलन एवं शमन तकनीक के विकास के लिए अनुसंधान से संबंधित कार्य किए जायेगें जो अनुसंधान संस्थानों के स्तर पर कार्यान्वित होगा।

यह परियोजना बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया, डा0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूर्वी क्षेत्र, पटना के द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। बोरलॉग इंस्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया, पूसा नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगी। नोडल एजेंसी के द्वारा विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के साथ समन्वय कर कार्य योजना को कार्यान्वित किया जायेगा। कृषि विज्ञान केन्द्रों को योजना कार्यान्वयन में शामिल किया जायेगा।

ये भी पढ़े:

बिहार किसान चौपाल कार्यक्रम आज से मिलेगी वैज्ञानिक तरीके से खेती की जानकारी

समूह बना कर करे कृषि उद्योग बिज़नेस सरकार देगी 9 लाख

कृषि इनपुट अनुदान 2020 के लिए ऑनलाइन आवेदन करे

सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसई-सीडीपी)

कुशल युवा कार्यक्रम में कम्युनिकेशन स्किल, कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा और सॉफ्ट स्किल

सूओमोटो म्युटेशन : दाखिल खारिज से छुटकारा जल्द, रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन की प्रक्रिया स्वत: शुरू हो जायेगी जानें क्या है नई व्यवस्था?

Rate this post
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Telegram Copy Link
Share
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

UP Election 2022 – यूपी विधानसभा चुनाव तिथि नॉमिनेशन ओपिनियन पोल

23/10/2023

Patna University Admission 2022 date – पटना यूनिवर्सिटी में एडमिशन 2 मई से 

10/11/2023

Bed Exam: 11 जुलाई की संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा स्थगित, नई तिथि का इंतजार

31/10/2023

ppu exam form 2021 part 1: पीपीयू स्नातक पार्ट-1 परीक्षा फॉर्म भराना शुरू

08/11/2023
© Vijay Solutions
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?