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Chartered Accountant Course Details in Hindi: क्या आप नंबरों के साथ खेलना पसंद करते हैं और पैसे या पैसे से जुड़ी चीज़ों में गहरी दिलचस्पी रखते हैं? यहाँ पर हम मोनोपोली खेलने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं बल्कि पैसे से जुड़े में गंभीर मामले जैसे कि खर्च किए गए पैसों का हिसाब रखना, किसी घरेलू प्रोग्राम का बजट बनाना, अपने पर्सनल बजट को सीमित रखने की जिम्मेदारी लेना इत्यादि की बात कर रहे हैं।
क्या आपको मैथ्स बहुत पसंद है लेकिन क्लास 11-12 के बाद साइंस में पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं? अगर ऐसा है तो फिर चार्टर्ड अकाउंटेंसी (chartered accountant) आपके लिए एक अच्छा करियर ऑप्शन साबित हो सकता है। लेकिन इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आपकी गणित बहुत अच्छी होनी चाहिए।
एक Chartered Accountant के तौर पर, आप किसी ओर्गनाइज़ेशन के फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स (financial statements), टैक्स रिकॉर्ड (tax records) , आंतरिक बजट (internal budget) , या कैश फ्लो मैनेजमेंट (cash flow management) सहित सभी फ़ाइनेंशियल जानकारी के संरक्षक (कस्टडियन) होंगे। आप फ़ाइनेंशियल रिकार्ड्स, अकाउंट्स, फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स और संबंधित जानकारी की जाँच, ऑडिट और प्रमाणित (सर्टिफाई) करेंगे और यह तय करेंगे ये सभी सही और सच है और भारत में ज़रूरी फ़ाइनेंशियल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक ही प्रस्तुत की गई हैं।
Chartered Accountant Job responsibilities
चार्टर्ड अकाउंटेंट पब्लिक अकाउंटेंट होते हैं जो कंपनियों और दुसरे उद्यमों के फ़ाइनेंशियल अकाउंटस के सही और सच होने की ऑडिट और प्रमाणित (सर्टिफाई) करते हैं। ज़्यादातर देशों की तरह भारत में भी सभी कंपनियों (प्रोप्राइटरशिप कंपनियों को छोड़कर) को अपने सालाना फ़ाइनेंशियल अकाउंटस को टैक्स ऑथोरिटीज़ को प्रस्तुत करना ज़रूरी है।
कानून के मुताबिक इन अकाउंटस को चार्टर्ड अकाउंटेंट ही ऑडिट और प्रमाणित (सर्टिफाई) कर सकते हैं वर्ना सबमिशन नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट कई कंपनियों और दूसरे उद्यमों (इंटरप्राइजेज) (सरकारों सहित) के लिए फाइनेंस फंक्शंस में काम करते हैं जिसमें बजट बनाना, अकाउंटस की बुक्स मेंटेन करना, कॉस्ट कंट्रोल, इनवेस्टमेंट आदि शामिल हैं।
भारत में कुछ कंपनियां, जो पब्लिकली लिस्टेड (मतलब, उनके शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जैसे स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड हैं) हैं, उन्हें भारतीय कानून के मुताबिक पब्लिक में अपनी फ़ाइनेंशियल रिपोर्ट्स सार्वजनिक (पब्लिश) करने से पहले उन रिपोर्ट्स को चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant) से ऑडिट करवाना ज़रूरी होता है। कुछ दूसरी कंपनियां, जो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां (मतलब उनके शेयर स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड नहीं हैं) हैं, उन्हें टैक्स ऑथोरिटीज़ को ऑडिट किए हुए फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स जमा करवाने पड़ते हैं।
इन स्टेटमेंट्स को जमा करवाने से पहले उन्हें चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना पड़ता है। पब्लिक और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के अलावा, प्रोपराइटरशिप कंपनियों को छोड़कर बाकी सारे ऑर्गेनाइज़ेशन्स को अपने अकाउंट्स को चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना पड़ता है और फिर उस ऑडिट रिपोर्ट को टैक्स ऑथोरिटीज़ को जमा करवाना पड़ता है। भारतीय क़ानूनों के तहत, सिर्फ चार्टर्ड अकाउंटेंट ही फ़ाइनेंशियल अकाउंट्स और रिपोर्ट्स के सही या सच होने के बारे में ऑडिट और प्रमाणित (सर्टिफाई) कर सकते हैं। एक सीए के तौर पर, आप देश में फ़ाइनेंशियल गवर्नेंस और टैक्स के अनुपालन (कंप्लायंस) में बहुत ही खास भूमिका अदा करेंगे।
पढ़ाई की स्कीम के अनुसार सभी विषयों के साथ कक्षा 10 और पढ़ाई की स्कीम के अनुसार किसी भी विषय के साथ कक्षा 11-12 पूरी करने और इसके बाद न्यूनतम 55% अंकों के साथ कॉमर्स में ग्रेजुएशन (बैचलर डिग्री) करने के बाद, आप CA इंटरमीडिएट कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं और 4 हफ्ते का इंटीग्रेटेड कोर्स ऑन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड सॉफ्ट स्किल (ICITSS) कोर्स कर सकते हैं। इसके बाद आपको आर्टिकल्ड ट्रेनिंग के लिए रजिस्टर करना होगा।
फिर आपको 9 महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करने के बाद CA इंटरमीडिएट की परीक्षा देनी होगी। आपको CA इंटरमीडिएट की परीक्षा के दोनों ग्रुप पास करने होंगे और फिर CA फाइनल कोर्स में प्रवेश लेना होगा। इसके बाद आपको 4 हफ्ते का एडवांस्ड इंटीग्रेटेड कोर्स ऑन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड सॉफ्ट स्किल (AICITSS) का कोर्स करना होगा। फिर आपको आर्टिकल्ड ट्रेनिंग पूरी करनी होगी और CA फाइनल की परीक्षा पास करनी होगी। फाइनल की परीक्षा पास करने के बाद, आप ICAI का सदस्य बनने और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का पद पाने के लिए एनरॉल कर सकते हैं।
Chartered Accountant Salary
चार्टर्ड अकाउंटेंसी देश में सबसे ज़्यादा भुगतान वाली नौकरियों में से एक है, जिसमें एंट्री-लेवल की नौकरियों में हर महीने लगभग 25,000 – 60,000 रूपये की शुरूआती सैलरी मिल सकती है।
जब आप एंट्री-लेवल से जूनियर और मिड-लेवल की तरफ बढ़ते हैं तो आपकी सैलरी भी बढ़ती है और आपको हर महीने लगभग 55,000 – 80,000 रुपये तक सैलरी मिल सकती है।
15 से ज़्यादा साल का अनुभव रखने वाले प्रोफेशनल्स की सैलरी हर महीने लगभग 1,00,000 – 1,65,000 रूपये हो सकती है।
chartered accountant career path
फ्रेशर्स एंट्री-लेवल और जूनियर लेवल की जॉब रोल्स जैसे कि टैक्स अकाउंटेंट, बुककीपर, कंट्रोलर / कंट्रोलर, ऑडिटर, बजट एनालिस्ट, क्रेडिट एनालिस्ट, फाइनेंस एनालिस्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। चीफ अकाउंटिंग ऑफिसर, चीफ फ़ाइनेंशियल ऑफिसर, डायरेक्टर ऑफ़ फ़ाइनेंशियल ऑपरेशन्स, अकाउंटिंग वाईस प्रेजिडेंट, अकाउंटिंग डायरेक्टर/ मैनेजर, मैनेजमेंट अकाउंटेंट, कॉर्पोरेट अकाउंटेंट, सीनियर ऑडिटर, सीनियर फाइनेंसियल एनालिस्ट, और इनके जैसी कई सीनियर लेवल की भूमिकाओं के लिए, आपको इंडस्ट्री के अनुभव की ज़रुरत और फाइनेंस, टैक्सेशन और बिज़नेस के कानूनी पहलुओं के बारे में भी बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
Specialisations
फाइनेंशियल अकाउंटेंट
फाइनेंशियल अकाउंटेंट कंपनी के फाइनेंशियल रिकॉर्ड और स्टेटमेंट्स को मेंटेन करते हैं और संभालते हैं। उनकी जिम्मेदारियों में टैक्स रिपोर्टिंग, इन्वेंटरी प्रोसेसिंग, फाइनेंशियल और टैक्स मामलों पर सलाह देना शामिल हैं। इस जॉब प्रोफाइल के लिए फाइनेंस और ऑडिट दोनों की बहुत अच्छी समझ की जरुरत होती है।
टैक्स अकाउंटेंट
हर तरह के बिज़नेस / संस्था को टैक्स से जुड़े कुछ मामलों का सामना करना पड़ता है, चाहे वह रोज़ाना के आधार पर हो या तिमाही / वार्षिक आधार पर हो। टैक्स अकाउंटेंट ट्रैंड प्रोफेशनल्स होते हैं जो टैक्स से जुड़े मामलों को निपटाने में माहिर होते हैं – रिसर्च और समझने से लेकर टैक्स कानूनों की व्याख्या (इंटरप्रेटेट) करने तक। वे कॉर्पोरेट इनकम टैक्स स्टेटमेंट्स भी तैयार करते हैं और टैक्स व फाइनेंशियल जैसे मुद्दों के लिए टैक्स स्ट्रेटेजी तैयार करते हैं।
मैनेजमेंट अकाउंटेंट
मैनेजमेंट अकाउंटेंट प्राइवेट कंपनियों या पब्लिक सेक्टर के ऑर्गेनाइजेशन्स में टैक्स और फाइनेंस एकाउंटेंट के साथ काम करते हैं। वे कंपनी के बजट और बिज़नेस एनालिसिस में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। इसके अलावा, वे ट्रेंड्स और मौकों की पहचान करते हैं, रिस्क का विश्लेषण (एनालाइज) करते हैं और उन्हें कम करते हैं, और कंपनी के संचालन के लिए सोर्स फंडिंग करते हैं। वे जूनियर लेवल के अकाउंटेंट जो कंपनी के मूल अकाउंटिंग कार्यों को करते हैं, उनके सुपरवाइज़र के तौर पर काम करते हैं।
बजट एनालिसिस्ट
बजट एनालिसिस्ट वे प्रोफेशनल्स होते हैं जो किसी कंपनी की फ़ाइनेंशियल योजनाओं का खाका तैयार करते हैं और उन्हें मैनेज करते हैं। इसके अलावा, वे कंपनी की भविष्य की फ़ाइनेंशियल ज़रूरतों का भी अंदाज़ा लगाते हैं और परफॉरमेंस इवैल्यूएशन, पॉलिसी एनालिसिस, कॉस्ट एनालिसिस, रिपोर्ट तैयार करना, आदि जैसे काम भी करते हैं। वे कंपनियों को अपने फ़ाइनेंशियल रिसोर्सेज को इस तरह से निर्धारित करने में मदद करते हैं ताकि कम से कम रिस्क और ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा मिल सके।
ऑडिटर
ऑडिटर वे प्रोफेशनल्स होते हैं जो ऑडिट कार्यों में माहिर होते हैं। उनका काम कॉर्पोरेशंस / सरकारी एजेंसियों के फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स और अकाउंटिंग लेज़र्स की जाँच करना और तय समय पर टैक्स चुकाया जाता है या नहीं, इसकी भी जाँच करना होता है। एक ऑडिटर बिज़नेस प्रथाओं (प्रैक्टिसेस), फ़ाइनेंशियल रिकार्ड्स और अन्य डॉक्यूमेंटेशन की जाँच करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी आंतरिक प्रक्रियाएं और सिस्टम्स, अनुपालन (कंप्लायंस) मानदंडों का पालन करते हैं।
इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल
इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स / प्रैक्टिशनर्स ट्रैंड प्रोफेशनल्स होते हैं जो ख़ास तौर पर दिवाला (इन्सॉल्वेंसी) और दिवालियापन (बैंकरप्सी) से जुड़े मामलों निपटाते हैं। वे इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ़ इंडिया (आईबीबीआई) और इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल एजेंसीज (आईपीए) से लाइसेंस प्राप्त और अधिकृत होते हैं। उनकी जॉब ड्यूटीज को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 (आईबीसी) के अंदर डिटेल्ड किया गया है और वे न सिर्फ दिवाला और दिवालियापन से जुड़े काम करते हैं बल्कि फाइनेंस, कानून और बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े कई काम भी करते हैं।
Chartered Accountant Education Qualification
हाल ही में, UGC ने CA/CS/ICWA की क्वालिफिकेशन को पोस्टग्रेजुएट डिग्री के बराबर मान्यता दी है।
चार्टर्ड अकाउंटेंसी में करियर बनाने की सबसे अच्छी बात यह है कि यह कोर्स सभी के लिए उपलब्ध है – अपनी हायर सेकन्डरी लेवल की पढ़ाई चाहे ह्यूमैनिटीज़, या साइंस, या कॉमर्स हो, पूरी करने के बाद इसे कोई भी कर सकता है। चार्टर्ड अकाउंटेंसी को करने की कोई शर्तें नहीं होती हैं – अगर आप CA फाउंडेशन लेवल की परीक्षा पास कर लेते हैं तो, आप आगे के लेवल की पढ़ाई कर सकते हैं। इसलिए, या तो आप कॉमर्स या अकाउंटिंग में अपनी बैचलर डिग्री पूरी कर सकते हैं या इस स्टेप को छोड़ कर सीधे ही चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स कर सकते हैं।
12वीं की बोर्ड परीक्षा देने के बाद आप CA कोर्स जॉइन कर सकते हैं। आपको ICAI (द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया, जो भारत में एक पेशेवर पब्लिक अकाउंटिंग संस्था है, जिसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949 के तहत एक वैधानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया है। भारत में एक CA के तौर पर प्रैक्टिस करने के लिए सारे CA को ICAI का कम से कम एक एसोसिएट सदस्य होना ज़रूरी है।) के साथ CA फाउंडेशन कोर्स के लिए नामांकन भरना होगा।
12वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद, आप CA फाउंडेशन की परीक्षा दे सकते हैं जिसमें 4 पेपर होते हैं – प्रिंसिपल्स ऑफ अकाउंटिंग, बिज़नेस लॉ, बिज़नेस मैथमेटिक्स और बिज़नेस इकोनॉमिक्स। CA फाउंडेशन की परीक्षा पास करने के बाद, आप CA इंटरमीडिएट कोर्स जॉइन कर सकते हैं।
हालाँकि, कॉमर्स या किसी भी विषय में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद, आप सीधे ही CA इंटरमीडिएट कोर्स जॉइन कर सकते हैं। ICWA/ICSI के इंटरमीडिएट कोर्स को पास करने के बाद भी आप सीधे ही CA इंटरमीडिएट कोर्स जॉइन कर सकते हैं। कॉमर्स में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वालों के लिए यूनिवर्सिटी की फाइनल परीक्षा में 55% अंक लाना ज़रूरी है। दूसरे विषयों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वालों के लिए ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन की फाइनल परीक्षा में 60% अंक लाना ज़रूरी है।
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CA कोर्स के बारे में कुछ ज़रूरी बातें:
आपको ICAI के तहत इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड सॉफ्ट स्किल्स पर 4-हफ्तों का इंटीग्रेटेड कोर्स करना होगा।
3 साल की आर्टिकल ट्रेनिंग (प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) अनिवार्य है। आप इसे CA-इंटरमीडिएट कोर्स पास करने के बाद या कुछ डेज़िग्नेटेड पेपर को पास करने के बाद इंटरमीडिएट कोर्स के दौरान भी कर सकते हैं।
आपको ICAI के तहत इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड सॉफ्ट स्किल्स पर 4-हफ्तों का एडवांस्ड इंटीग्रेटेड कोर्स करना होगा।
CA-इंटरमीडिएट कोर्स पास करने के बाद आप CA फाइनल कोर्स कर सकते हैं।
3-साल की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करने के बाद या ट्रेनिंग के आखरी 6 महीनों के दौरान आप CA फाइनल की परीक्षा दे सकते हैं।
chartered accountant career opportunities- रोज़गार के अवसर
चार्टर्ड अकाउंटेंट को किसी भी साइज़ या सेक्टर के किसी भी ऑर्गेनाइज़ेशन में नौकरी के मौके मिल सकते हैं। हालांकि, सीए के प्राइमरी एम्प्लॉयर्स आमतौर पर तीन क्षेत्रों से आते हैं – इंडस्ट्री और कॉमर्स, पब्लिक सेक्टर्स (लोकल और केंद्रीय सरकारें, नॉट-फॉर-प्रॉफ़िट्स, शैक्षिक इंस्टीट्यूट्स, आदि), और प्राइवेट कंपनियां (छोटी अकाउंटेंसी फर्म्स, एसएमपी, आदि)। कंपनियों / ऑर्गेनाइजेशंस द्वारा जटिल बिज़नेस, फाइनेंस और टैक्स संबंधी मामलों को संभालने और मैनेज करने के लिए सीए पर निर्भर रहने के बाद से सीए की मांग लगातार बढ़ रही है।
इस फील्ड में सबसे ज़्यादा प्रोमिसिंग पदों में से कुछ हैं:
- अकाउंटिंग डायरेक्टर/मैनेजर
- अकाउंटिंग वाईस प्रेजिडेंट
- डायरेक्टर ऑफ़ फ़ाइनेंशियल ऑपरेशन्स
- असिस्टेंट डायरेक्टर ऑफ़ फाइनेंस/फ़ाइनेंशियल ऑपरेशन्स
- ऑडिटर
- ऑडिट सुपरवाइज़र
- कंप्लायंस ऑडिटर
- बजट एनालिस्ट
- क्रेडिट एनालिस्ट
- सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट
- चीफ अकाउंटिंग ऑफिसर
- चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर
- कॉन्ट्रैक्ट्स एंड फ़ाइनेंशियल मैनेजर
- कॉर्पोरेट अकाउंटेंट
- टैक्स अकाउंटेंट
काम का माहौल
चार्टर्ड अकाउंटेंट वास्तम में सप्ताह में 40-50 घंटे काम करते हैं। वे ऑफिस एनवायरनमेंट में काम करते हैं। उनका ज़्यादातर वक्त अपनी डेस्क पर अपने कंप्यूटर पर काम करने में गुजरता है। मीटिंग्स (कंपनी पार्टनर्स, या एम्प्लॉयर्स, या क्लाइंट्स के साथ) एक सीए की दिनचर्या का काफी ख़ास और ज़रूरी हिस्सा हैं। कई बार सीए को अलग-अलग बिज़नेस प्रोजेक्ट्स पर काम करते समय दूसरे ब्रांच ऑफिसों या क्लाइंट्स के ऑफिसों में भी जाना पड़ता है।
एक सीए की मुख्य ज़िम्मेदारियाँ हैं:
- बिज़नेस एनालिसिस (विश्लेषण) करना और कंपनी के फ़ाइनेंशियल निर्णय लेने में सक्रिय (एक्टिव) भूमिका निभाना।
- कंपनी के लिए बजट एनालिसिस (विश्लेषण) करना।
- रोज़ाना के फ़ाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन (लेन-देन) और प्रोसेसेज को मेंटेन करना और नज़र रखना।
- फ़ाइनेंशियल जटिलताओं (कम्प्लेक्सिटीज़) से बचने के लिए आंतरिक और बाहरी ऑडिटर्स के साथ मिलकर समय-समय पर ऑडिट (सरकारी और कॉर्पोरेट ऑर्गेनाइज़ेशन्स दोनों) करना।
- ऑडिट प्रक्रिया पूरी करने के बाद रिपोर्ट्स और सिफ़ारिशें (रेकमेंडेशन) डेवलप करना।
- विलय (मर्जर) और अधिग्रहण (एक्वीजीशन) पर कार्रवाई के लायक सलाह देना।
- जूनियर सहयोगियों को ट्रेन करना और सुपरवाइज़ करना।
- कंपनी के एसोसिएट्स / पार्टनर्स और क्लाइंट्स को रणनीतिक (स्ट्रेटेजिक) फ़ाइनेंशियल सलाह देना।
मुख्य काम और जिम्मेदारियाँ:
एक सीए को अपने एम्प्लॉयर/ क्लाइंट के मुनाफ़े को अधिकतम करने के उद्देश्य के साथ-साथ, नीचे बताए गए कर्तव्यों का भी निभाना होगा:
- कंपनी के फ़ाइनेंशियल रिकॉर्ड्स और सिस्टम्स को रिव्यु (समीक्षा) करना और रिस्क फैक्टर की जाँच करना।
- कंपनी के मासिक / त्रैमासिक / वार्षिक फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स तैयार करना।
- अपने क्लाइंट्स को टैक्स प्लानिंग और टैक्स से संबंधित अन्य मुद्दों पर सलाह देकर उनकी टैक्स देनदारी (लायबिलिटी) को कम करने में मदद करना।
- कंपनी के अकाउंटिंग रिकार्ड्स को मेंटेन रखना और अकाउंट्स व मैनेजमेंट की सूचना रिपोर्ट्स तैयार करना।
- धोखाधड़ी (फ्रॉड) और गबन (एम्बेजलमेंट) का पता लगाना, पहचानना और रोकना।
- कंपनी के फ़ाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर की अखंडता (इंटीग्रिटी) और स्थिरता (स्टेबिलिटी) को जाँचने के लिए समय-समय पर टेस्ट करना।
काम से जुड़ी गतिविधियाँ
सीए वास्तव में फाइनेंस और अकाउंटिंग में चार एरिया कवर करते हैं – फ़ाइनेंशियल अकाउंटिंग और रिपोर्टिंग, टैक्सेशन, एप्लाइड फाइनेंस और मैनेजमेंट अकाउंटिंग। उनके काम में शामिल हैं:
- टीम में काम करना। दूसरों के साथ मिलकर काम करने से ज़्यादा अनुभवी विचार सामने आते हैं और इसी कारण से बड़े फ़ैसले लेने में काफी मदद मिलती है।
- नए तरीके से और कुछ अलग सोचना और मुद्दों पर अलग नज़रिये से विचार करना।
- ऐसे कानूनी पहलुओं और नए तकनीकी ट्रेंड्स से खुद को अपडेट रखना जो कि वर्क प्रोडक्टिविटी में इज़ाफा कर सकते हैं।
- काम की स्ट्रेटेजी को स्पष्ट तौर पर दिखाने के लिए डायग्राम, फ्लोचार्ट, प्रेजेंटेशन और रिपोर्ट्स तैयार करना।
- लॉजिकल और क्रिटिकल सोच के साथ समस्याओं को हल करना और ऐसे हल ढूंढना जो प्रैक्टिकल और क्रियात्मक दोनों हों।
- लेटेस्ट टूल्स और सॉफ्टवेयर्स के साथ काम करना और अपनी स्किल्स को लगातार बेहतर करते रहना।
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